गुरुग्राम : व्यावसायी विनोद शर्मा की आत्महत्या के मामले में पुलिस के आला अधिकारियों पर भी जांच आने की आशंका प्रबल हो गई है. न्यायाधीश सुमित्रा कादयान की अदालत ने मामले की सुनवाई करते हुए एस एच ओ सेक्टर 56 को आगे इन्वेस्टिगेशन करने का निर्देश जारी किया है. अदालत ने एसएचओ को मीनू शर्मा द्वारा 08 जुलाई 2018 को एफ आई आर दर्ज करने के लिए दी गई शिकायत, मीनू शर्मा के 161 के तहत लिए गए गए बयान, मीनू शर्मा और महेंद्र सेठी द्वारा आईजी राजश्री के सामने दिए गए बयानों की वीडियोग्राफी सहित सभी सम्बंधित साक्ष्य अदालत में प्रस्तुत करने को कहा है। मीनू शर्मा की तरफ से वकील डॉ अंजू रावत नेगी और विनोद राव ने पैरवी की.
पीडिता के वकीलों का कहना है कि इस मामले में मृतक की पत्नी मीनू शर्मा ने तत्कालीन डीसीपी महेंद्र ङ्क्षसह सेठी पर अपने पति को प्रताडि़त करने व आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप भी लगाए हैं। इसी पर सुनवाई करते हुए अदालत ने थाना प्रभारी को यह दिशा-निर्देश जारी किए हैं।
वकील ने बताया कि अदालत की ओर से आईजी राजश्री के सामने सुखदेव, भूषण मेहता, प्रदीप लखानी , अजय बंसल के द्वारा दिए गए बयान 05 जुलाई 2018 को मृतक विनोद शर्मा के बयान न देने के काबिल के स्टेटमेंट और एक करोड़ 19 लाख रुपए जो कि विनोद शर्मा के अकाउंट से महेंद्र सिंह सेठी, उसकी पत्नी और दोस्तों के अकाउंट में ट्रांसफर किए गए और घटनास्थल के सीसीटीवी फुटेज व कागजात भी ततीमा चालान में पेश करने का निर्देश एसएचओ सेक्टर 56 को जारी किया गया है. एसएचओ सेक्टर 56 इस मामले की आगे जांच करेंगे .
उल्लेखनीय है कि गत 07 जुलाई 2018 को व्यवसाई विनोद शर्मा की आर्टेमिस हॉस्पिटल, गुडगांव में मृत्यु हो गई थी. उन्होंने 04 जुलाई 2018 को अपनी रिवाल्वर से खुद को गोली मार ली थी. इस घटना को लेकर एफ आई आर नंबर 249/2018 थाना सेक्टर 56 में दर्ज की गई थी।
इस मामले में मृतक व्यवसाई की पत्नी मीनू शर्मा ने तत्कालीन डीसीपी महेंद्र सिंह सेठी पर अपने पति को प्रताड़ित करने और आत्महत्या के लिए मजबूर करने के आरोप लगाया था। परंतु पुलिस में कथित रसूख के कारण डीसीपी महेंद्र सिंह सेठी पर कोई कार्रवाई नहीं की गई और देवेंद्र लाकड़ा और उसके भाई को ही आरोपी बनाया गया।
इस मामले में पहले से ही मृतक की पत्नी महेंद्र सेठी पर आरोप लगा रही है कि वह भी उसके पति की आत्महत्या के लिए उत्तरदाई है और महेंद्र सेठी व उसके परिवार ने भी मृतक विनोद शर्मा से पैसे ठगे हैं. उसने यह भी आरोप लगाया है कि सेठी ने उसके फ्लैट पर कब्जा किया है और देवेंद्र लाकड़ा, प्रवीण लाकड़ा, महेंद्र सिंह सेठी और उसके परिवार के सभी लोगों ने मिलकर मीनू शर्मा के पति विनोद शर्मा को आत्महत्या करने के लिए मजबूर किया।
इस मामले में देवेंद्र लाकड़ा न्यायिक हिरासत में है. मामले की अगली सुनवाई पर पुलिस को तफ्तीश के बारे में बताना है। इसमें पहले भी देवेंद्र लाकड़ा को चेक बाउंस के मामले में 2 साल की सजा हो चुकी है।
इस मामले में जांच सीबीआई को दी जाए ऐसी एक याचिका पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में भी विचाराधीन है. मृतक की पत्नी मीनू शर्मा ने न्यायालय के आदेश पर संतोष व्यक्त किया है और कहा है कि उन्हें न्याय की उम्मीद जगी है.