नई दिल्ली : केंद्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों की मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि एक ओर जहां केंद्रीय बजट 2021-22 में सरकार द्वारा बढ़े हुए पूंजीगत व्यय का प्रावधान किया गया है, वहीं दूसरी ओर यह निजी क्षेत्र को भी बड़े स्तर पर शामिल करने का प्रावधान करता है। श्रीमती सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2021-22 पर भारतीय उद्योग परिसंघ (सीआईआई) के तमाम शीर्ष सीईओ को आज वर्चुअल बैठक में संबोधित किया।
वित्त मंत्री ने बताया कि हालांकि सरकार प्रस्तावित विकास वित्त संस्थान (डीएफआई) के लिए कुछ पूंजी उपलब्ध करवाएगी, मगर डीएफआई बाजार से भी पूंजी जुटाएगा। इसके अलावा, डीएफआई विधेयक निजी डीएफआई को विधायी स्तर भी प्रदान करेगा। इस प्रकार, सरकार की सहायता से, गैर निष्पादित परिसंपत्ति (एनपीए) के प्रबंधन के लिए परिसंपत्ति पुननिर्माण कंपनी (एआरसी) को बैंक खुद नियंत्रक कंपनी के रूप में चलाएगा।
बजट के लिए प्रमुख मार्गदर्शक सिद्धांतों को साझा करते हुए वित्त मंत्री ने पारदर्शिता पर ध्यान केंद्रित करने पर जोर दिया। कोविड-19 कर की उम्मीदों के विपरीत, सरकार ने बजट की पूंजी के लिए कर बढ़ाने के बजाय उच्च अधिग्रहण को प्रोत्साहन दिया।
महत्वपूर्ण क्षेत्रों के बारे में बताते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि अधिक दबाव उन क्षेत्रों पर हैं जो अन्य क्षेत्रों को प्रभावित करते हैं जैसे कि विनिर्माण, जो कि बिजली, सड़क, बंदरगाह आदि निजी क्षेत्रों को सुविधा प्रदान करता है। स्वास्थ्य सेवा एवं कृषि अन्य प्राथमिकताएं हैं।
निरंतर संवाद के लिए आग्रह करते हुए श्रीमती सीतारमण ने कहा कि सीआईआई के साथ बातचीत करने से ‘नीति निर्माण में सामयिक सोच’ लाने में मदद मिली। वित्त मंत्री ने बजट प्रस्तावों के ‘ईमानदारी से, छल के बिना कार्यान्वन’ का वादा भी दिया।
बजट प्रस्तावों पर उद्योग की प्रतिक्रिया साझा करते हुए सीआईआई के अध्यक्ष उदय कोटक ने कहा कि यह बजट एक ऐसे उत्कृष्ट नीतिगत दस्तावेज की बानगी है जो अर्थव्यवस्था की जरूरतों को पूरा करता है। उन्होंने बजट में की गई घोषणाओं, पारदर्शिता और विकास पर फोकस की प्रशंसा की। जिस प्रकार बजट प्रस्तावों में दिखाया गया है, उसके लिए उन्होंने प्राइवेट उद्यमों को प्रोत्साहन देने और बाजार का सम्मान करने की मानसिकता के लिए बजट टीम की प्रशंसा की।
श्री कोटक ने वित्त मंत्री को आश्वासन दिया कि वास्तविक रूप से महान भारत के निर्माण के लिए निजी क्षेत्र सरकार के साथ मिलकर भारत के बदलाव में मदद करेगा।
वित्त एवं राजस्व सचिव डॉ. अजय भूषण पांडे, व्यय सचिव टी. वी. सोमनाथन और आर्थिक मामलों के सचिव तरुण बजाज समेत पूरे देश से इस उद्योग के 180 से अधिक प्रमुख व्यक्तियों ने इस बातचीत में हिस्सा लिया।