हरियाणा और स्विट्जरलैंड ने किया शिक्षक-छात्र व सांस्कृतिक आदान-प्रदान का समझौता

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चंडीगढ़, 5 फरवरी : हरियाणा और स्विट्जरलैंड ने शिक्षक-छात्र और सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर करने की संभावनाएं तलाशने के साथ-साथ कौशल प्रशिक्षण, पर्यटन और डेयरी के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता सांझा करने के लिए सहमती जताई है। इससे स्विट्जरलैंड और भारत विशेषकर हरियाणा के द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूती मिलेगी।

          भारत में स्विट्जरलैंड के राजदूत, डॉ राल्फ हेकनर ने आज यहां मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकात की। डॉ राल्फ हेकनर ने उद्यमियों को अनुकूल माहौल प्रदान करने के लिए राज्य सरकार के प्रयासों की सराहना की और हरियाणा में और अधिक निवेश करने के लिए गहरी रुचि दिखाई।

डॉ. राल्फ हेकनर ने कहा कि हरियाणा भारत के उन पाँच राज्यों में से एक है जहाँ नेस्ले सहित स्विस कंपनियों ने अपने व्यवसाय स्थापित किए हैं। उन्होंने कहा कि स्विस कंपनियों का भारत के कुल कारोबार का 10 फीसदी कारोबार हरियाणा में है और आने वाले समय में हरियाणा में अपने कारोबार का और विस्तार करना चाहते हैं। वर्तमान में 34 स्विस कंपनियों ने अपनी व्यवसायिक इकाईयाँ स्थापित की हैं, जिनमें लगभग 16,600 लोगों को रोजगार प्रदान किया है। उन्होंने कहा कि 8.5 मिलियन की आबादी वाला स्विट्जरलैंड भारत में सबसे बड़े निवेशकों में से एक है।

मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल के कुशल नेतृत्व में वर्तमान राज्य सरकार की उपलब्धियों के बारे में चर्चा करते हुए डॉ. राल्फ हेकनर ने कहा कि हरियाणा कई क्षेत्रों में भारत का एक अग्रणी राज्य है। ईज ऑफ डूइंग बिजनेस (ईओडीबी) रैंकिंग के मामले में भी राज्य ने अच्छा प्रदर्शन किया है और ईओडीबी में भी यह देश के कई अन्य राज्यों से आगे है।

मनोहर लाल ने डॉ. राल्फ हेकनर का स्वागत किया और कहा कि हरियाणा को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के निकट होने का लाभ मिला है। उन्होंने कहा कि देश के अन्य राज्यों की तुलना में हरियाणा की अर्थव्यवस्था तीव्र गति से बढ़ रही है। राज्य सरकार हरियाणा में औद्योगिक इकाइयाँ स्थापित करने हेतु उद्योगों के लिए सस्ती दरों पर बिजली मुहैया करवाने सहित पर्याप्त आधारभूत सुविधाएँ प्रदान कर रही है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने भूमि आवंटन और बिल्डिंग प्लान को मंजूरी देने में पारदर्शिता सुनिश्चित करने पर विशेष जोर दिया है।

उन्होंने कहा कि देश के सबसे बड़े खाद्यान्न और दुग्ध उत्पादक राज्यों में से एक होने के अलावा, हरियाणा युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने पर विशेष जोर दे रहा है ताकि उन्हें रोजगार योग्य बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि देश का पहला कौशल विश्वविद्यालय जिला पलवल के गांव दुधोला में स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि जैसे स्विट्जरलैंड ने कौशल शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय प्रगति की है, उसी प्रकार राज्य के युवाओं को कौशल प्रशिक्षण प्रदान करने के लिए हरियाणा के शैक्षणिक संस्थानों और स्विट्जरलैंड के बीच समझौते करने की संभावनाएं तलाशी जाएंगी। उन्होंने कहा कि हरियाणा में कई होटल मैनेजमेंट इंस्टीट्यूट हैं और इसी तरह होटल उद्योग में युवाओं को प्रशिक्षण देने के लिए भी संभावनाएं तलाशी जाएंगी।

         मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले छह वर्षों के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) के उपयोग पर विशेष जोर दिया गया है ताकि राज्य के लोगों को विभिन्न सेवाओं की आपूर्ति में पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके। इसके अलावा, लाभार्थी परिवारों को विभिन्न योजनाओं और सेवाओं के लाभ की ऑनलाइन डिलीवरी सुनिश्चित करने के लिए राज्य में एक महत्वकांक्षी परियोजना परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) लागू की गई है।

         इस अवसर पर मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव श्री डी. एस. ढेसी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी. उमाशंकर, विदेश सहयोग विभाग के प्रधान सचिव श्री योगेन्द्र चौधरी और विदेश सहयोग विभाग के महानिदेशक और सचिव श्री अनंत प्रकाश पांडे उपस्थित थे।

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