गुडग़ांव, 14 दिसम्बर : केंद्र सरकार द्वारा किसानों के लिए जो 3 बिल बनाए थे, उनका किसान संगठन विरोध करते आ रहे हैं। किसान बड़ी संख्या में दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले पड़े हैं। किसान संगठनों ने सोमवार को धरना प्रदर्शन की घोषणा की थी, जिसके तहत देशभर के जिला मुख्यालयों पर किसान आंदोलन को समर्थन देने वाले संगठन, किसान, मजदूरों को प्रदर्शन करना था। इसी घोषणा के तहत सोमवार को बड़ी संख्या में किसान, मजदूर, श्रमिक संगठन, अधिवक्ता व कर्मचारियों ने एकत्रित होकर शहर के विभिन्न क्षेत्रों से जुलूस निकालते हुए मिनी सचिवालय पर पहुंचकर महामहिम
राष्ट्रपति के नाम उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा।
श्रमिक यूनियनों का प्रतिनिधित्व करने वाली ट्रेड यूनियन काउंसिल के सक्रिय सदस्यों कामरेड अनिल पंवार, कुलदीप जांघू व कामरेड सतबीर ने बताया कि मोर चौक पर सैकड़ों की संख्या में कर्मचारी व श्रमिक संगठनों के सदस्य बड़ी संख्या में एकत्रित हुए। ट्रेड यूनियन काउंसिल ने भी इस धरना प्रदर्शन में बढ़-चढक़र भाग लिया। श्रमिक नेताओं ने कहा कि केंद्र सरकार किसानों के लिए बनाए गए तीनों कानूनों को वापिस लेने के लिए तैयार हुई नहीं दिखाई दे रही है। इन कानूनों में सरकार मात्र संशोधन की बात कह रही है, जबकि देश का किसान चाहता है कि इन तीनों कानूनों को रद्द किया जाए। पिछले 19 दिनों से देश के किसान सीमाओं पर सर्दी के मौसम में डेरा डाले पड़े हैं। सरकार उनकी बात को सुनने के लिए तैयार नहीं है। हालांकि वार्ता के कई दौर हो भी चुके हैं, लेकिन कोई सम्मानजनक फैसला नहीं आया है।
श्रमिक नेताओं ने केंद्र सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने पूंजीपतियों के कहने से ही कृषि कानून बनाए हैं। इन कृषि बिलों में कहीं भी किसानों के हितों की बात नहीं है। कृषि बिल बनाते समय सरकार ने किसान संगठनों से कोई राय नहीं ली थी।
इन कानूनों के द्वारा सरकार किसानों का शोषण पूंजीपतियों के माध्यम से कराने पर तुली हुई है। श्रमिक नेताओं ने कहा कि इसी प्रकार उद्योगपतियों के इशारे पर केंद्र सरकार ने 44 श्रम कानूनों को तोडक़र 4 श्रम कोड बना दिए हैं। इसमें भी श्रमिक यूनियन नेताओं की कोई राय सरकार ने नहीं ली।
उन्होंने ज्ञापन में राष्ट्रपति से आग्रह किया है कि सरकार देशहित व जनहित में अन्नदाताओं को न्याय दिलाए और किसान संगठनों के साथ वार्ता कर इन कानूनों को निरस्त कराएं। यदि अन्नदाता ही सडक़ों पर आ जाएंगे तो अन्न कौन पैदा करेगा, कौन देशवासियों का पेट भरेगा। जुलूस में शामिल श्रमिक व कर्मचारी केंद्र सरकार विरोधी जबरदस्त नारेबाजी करते दिखाई दिए। इस प्रदर्शन में श्रमिक नेता राजेश कुमार, श्रवण कुमार, बलराज खरब, हरविंद्र सिंह, जसपाल राणा, सतीश गुर्जर नरेश कुमार, कृष्ण कुमार, मुन्नी देवी, ओमवती, विनोद कुमार, बलवीर कंबोज, नरेश राणा सहित बड़ी संख्या में श्रमिक व अन्य संगठनों के लोग शामिल हुए।