एक दर्जन छात्र-छात्राओं को उल्लेखनीय शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए मिले स्वर्ण व रजत पदक
सचिव केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय व औषध विभाग डॉ वाघेला ने फार्मेसी के क्षेत्र में देश को आत्मनिर्भर बनाने की दी सलाह
निदेशक डॉ. एस. जे. एस. फ्लोरा ने नाईपर–आर की शैक्षणिक यात्रा को विस्तार से रेखांकित किया
सुभाष चौधरी/संपादक
लखनऊ : नाईपर– रायबरेली (NIPER -R) का पांचवां दीक्षांत ( Convocation) समारोह शनिवार को बिजनौर– सिसेंडी रोड, नियर – सी.आर. पी. एफ. बेस कैंप, लखनऊ स्थित ट्रांजिट कैंपस में आयोजित किया गया. इसमें एम. एस. (फार्म ) के 71 विद्यार्थियों को एम.फार्मा की उपाधि प्रदान की गई. समारोह के मुख्य अतिथि डॉ. पी. डी. वाघेला, सचिव केन्द्रीय रसायन एवं उर्वरक मंत्रालय व औषध विभाग थे. मुख्य अतिथि डॉ वाघेला के साथ निदेशक डॉ. एस. जे. एस. फ्लोरा, शासक मंडल के अध्यक्ष प्रोफेसर राकेश कपूर एवं डॉ संजीव मिश्र ने औषधीय रसायन विज्ञान, औषध विज्ञान और औषध एवं विष विज्ञान के छात्र-छात्राओं को उनकी उल्लेखनीय शैक्षणिक उपलब्धियों के लिए स्वर्ण एवं रजत पदक से भी सम्मानित किया. फार्मेसी के अलग अलग विषयों में कड़ी मेहनत व संस्थान के सुयोग्य शिक्षकों के निर्देशन में यह मुकाम हासिल करने वाले सभी विद्यार्थी सत्र 2016 – 18 और सत्र 2017 – 19 के हैं.
दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि डॉ. पी. डी. वाघेला ने विद्यार्थियों को देश व दुनिया में उत्पन्न हो रहे नित्य नए रोगों से बचाव के लिए अनुसंधान करने को प्रोत्साहित किया. उन्होंने कहा कि तकनीकी युग में हमारे लिए स्वास्थ्य के क्षेत्र में कई प्रकार चुनौतियां सामने हैं. इसलिए औषधीय रसायन विज्ञान, औषध विज्ञान और औषध एवं विष विज्ञान के क्षेत्र में रिसर्च कर रहे विद्यार्थियों को उन आवश्यकताओं के अनुरूप रिसर्च करने पर बल देना होगा. उनके शब्दों में विकसित समाज के लिए स्वस्थ समाज की आवश्यकता है जबकि स्वस्थ समाज के लिए फार्मेसी के रिसर्च को समाज केन्द्रित करना होगा .
उनका कहना था आधुनिक युग में खानपान, प्रदूषित वातावरण और व्यावसायिक व्यस्तता के कारण रोगों के प्रकार और उनके खतरे भी अधिक गंभीर हो चले हैं. आये दिन प्रत्येक वर्ष नए प्रकार रोग बड़े पैमाने पर लोगों को अपनी चपेट में ले लेते हैं. इसलिए औषध विज्ञान में काम कर रहे विद्यार्थियों को इस कठिनाइयों से बचाने की दिशा में माकूल उपाय ढूँढने होंगे. साथ ही उनका कहना था चौथी औद्योगिक क्रांति के इस युग में कई क्षेत्रों में भारत अब दुनिया का नेतृत्व करने की स्थिति में है हमें अब फार्मेसी के क्षेत्र में भी अपने रिसर्च को इतना पुख्ता करना होगा कि हम आत्मनिर्भर बन सकें. उन्होंने छात्रों का आह्वान किया कि वे देश हित को ध्यान में रख कर अपने रिसर्च को आगे बढायें.
इससे पूर्व नाईपर– रायबरेली (NIPER -R) के निदेशक डॉ. एस. जे. एस. फ्लोरा ने अपने स्वागत भाषण में संस्थान की अब तक की शैक्षणिक यात्रा को विस्तार से रेखांकित किया. उन्होंने कहा कि यह संस्थान फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च की गुणवत्ता को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहुंचाने की दिशा में गंभीरता से काम कर रहा है जबकि राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान को अपेक्षित सुविधाएँ मुहैया करने में भी अग्रणी है. उन्होंने बताया कि M.S. (Pharm।) छात्रों के लाभ के लिए NIPER- रायबरेली में कई शोध सुविधाएँ उपलब्ध हैं। औद्योगिक और सरकार की सरकारी प्रयोगशालाएँ ई- CITIZEN के साथ मिलकर मूलभूत दवा विज्ञान में बेहतर अनुसंधान के लिए अपनी योग्यताओं को भी साझा करती हैं. उनके नाईपर– रायबरेली (NIPER -R) नेशनल नोलेज नेटवर्क प्रोजेक्ट का हिस्सा है और एनकेएन नेटवर्क से जुड़ा हुआ है।
उन्होंने बताया कि यह संस्थान विभिन्न विषयों में प्रतिभाशाली पोस्ट ग्रेजुएट की तलाश करने वाली विभिन्न कंपनियों के बीच इंटरफेस के रूप में भी कार्य करता है। प्लेसमेंट प्रक्रिया के दौरान कंपनियों को प्लेसमेंट प्रक्रिया के लिए परिसर का दौरा करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है जिसमें प्री-प्लेसमेंट टॉक और साक्षात्कार भी शामिल होते हैं।
इस अवसर पर शासक मंडल के अध्यक्ष एवं संजय गाँधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान के निदेशक, प्रोफेसर राकेश कपूर ने डिग्री हासिल करने वाले सभी विद्यार्थियों को भविष्य के लिए अपनी शुभकामनाएँ दी और अपनी योग्यता को समाज हित में समर्पित करने का सुझाव दिया. उन्होनें छात्रों का आह्वान किया कि सभी अपने देश में अधिक से अधिक दवाई के आविष्कार के लिए रिसर्च करें जिससे विदेश पर हमारी निर्भरता दवाई के क्षेत्र में कम हो.
डॉ संजीव मिश्र, निदेशक, एम्स, जोधपुर ने भी विद्यार्थियों को संबोधित किया. उन्होंने अपने सम्बोधन में कहा कि चिकित्सा विज्ञान को नित्य अनुसंधान की आवश्यकता होती है. इसमें छात्रों को अपना योगदान देना चाहिए.
आज आयोजित भव्य दीक्षांत समारोह में कुल 71 छात्रों को मुख्य अतिथि डॉ. पी. डी. वाघेला, द्वारा विज्ञान निष्णात ( फार्म.) की उपाधि प्रदान की गई. आज जिन छात्र-छात्रों को उनकी उल्लेखनीय उपलब्धियों के लिए स्वर्ण ए रजत पदक से सम्मानित किया गया उनमें औषधीय रसायन विज्ञान से छात्रा शानू सिंह- स्वर्ण पदक, इल्ला कल्याणी-रजत पदक, औषध विज्ञान के छात्र आशीष कुमार-स्वर्ण पदक और सनप सचिन नाशिक-रजत पदक जबकि औषध एवं विष विज्ञान के छात्र प्रिंस कुमार- स्वर्ण पदक और गरिमा सिंह- रजत पदक हासिल करने वालों के नाम शामिल हैं. मुख्य अतिथि डॉ वाघेला और अन्य विशिष्ठ अतिथियों द्वारा इन सभी विद्यार्थियों को पदक के साथ-साथ प्रशस्ति पत्र भी दिया गया. ये सभी छात्र नाईपर– रायबरेली (NIPER -R) के सत्र – 2016 – 18 के हैं.
इनके अलावा संस्थान के सत्र 2017 – 19 दसवाँ बैच के औषधीय रसायन विज्ञान के छात्र गेविन परेरा को स्वर्ण पदक और विक्रम सिन्हा को रजत पदक से सम्मानित किया गया. औषध विज्ञान की छात्रा गीतांजलि पन्त को स्वर्ण पदक और दिनेश चौधरी को रजत पदक एवं औषध एवं विष विज्ञान की छात्रा अर्चना को स्वर्ण पदक एवं मुकेश मंडल को रजत पदक से सम्मानित किया गया. आज डिग्री हासिल करने के साथ साथ स्वर्ण और रजत पदक पर कब्जा ज़माने से सभी विद्यार्थियों में बेहद ख़ुशी थी . सभी इतने उत्साहित थे कि छात्रों में सभी अतिथियों के साथ सेल्फी लेने की होड़ लग गयी. सभी छात्रों का सम्मानित अतिथियों के साथ सामूहिक फोटोग्राफी भी हुई .
नाईपर– रायबरेली (NIPER -R) के इस 5 वें दीक्षांत समारोह का आरम्भ दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ और विद्यार्थियों ने सरस्वती वन्दना की मनमोहक प्रस्तुति दी. निदेशक डॉ एस. जे.एस. फ्लोरा, ने सभी अतिथियों को स्मृतिचिन्ह देकर सम्मानित किया. समारोह में क्रमवार डिग्री प्रदान करने की उद्घोषणा की जिम्मेवारी डॉ के. एन. तिवारी, कार्यवाहक कुलसचिव ने बखूबी निभाई और आयोजन के अन्त में नाईपर के सचिव डॉ निहार रंजन ने सभी अतिथियों का धन्यवाद् ज्ञापन किया. इस अवसर पर नाईपर– रायबरेली के सभी स्टाफ, फैकल्टी और छात्र भी उपस्थित थे. समारोह का समापन राष्ट्रगान के साथ सम्पन्न हुआ