नई दिल्ली : लोकसभा ने गुरुवार को ‘आधार और अन्य कानून (संशोधन) विधेयक 2019’ को पारित क्र दिया गया. इस विधेयक में बैंक में खाता खोलने, मोबाइल फोन का सिम लेने के लिए आधार को स्वैच्छिक बनाया गया है। इस विधेयक पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आधार को सुरक्षित बताया. उन्होने आश्वस्त किया कि सरकार जल्द ही डेटा संरक्षण विधेयक लाएगी. केन्द्रीय मंत्री के जवाब के बाद सदन ने एन के प्रेमचंद्रन, असदुद्दीन औवैसी और शशि थरूर के संशोधनों को अस्वीकार करते हुए ध्वनिमत से विधेयक को मंजूरी दे दी।
उन्होंने कहा कि आधार संशोधन विधेयक सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आलोक में लाया गया है। आधार पर देश की करोड़ों जनता ने भरोसा किया है। उन्होंने यह स्पष्ट कर दिया कि इस कानून में यह व्यवस्था है किसी के पास आधार नहीं होने की स्थिति में सेवा से वंचित नहीं किया जा सकता है। इस बारे में कोई सूचना जाहिर करने के लिए धारक से अनुमति प्राप्त करनी होगी।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि देश में 123 करोड़ आधार धारक हैं. कोई जानकारी जाहिर नहीं की जा सकती है। उन्होंने कहा कि आधार के माध्यम से विभिन्न सरकारी योजनाओं के संदर्भ में अब तक 1.41 लाख करोड़ रुपए बचाया गया है। इसके माध्यम से 4.23 करोड़ फर्जी एलपीजी कनेक्शन तथा 2.98 करोड़ फर्जी राशन कार्ड पकडे गए हैं। इसके अलावा मनरेगा योजना में पैसे की लीकेज को रोका गया है। उन्होंने कहा कि जब देश में ईमानदार सरकार होगी तब कुछ लोगों को परेशानी होगी। इस आधार कार्ड में किसी की जाति, धर्म, सम्प्रदाय का उल्लेख नहीं है बल्कि व्यवस्था में पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।
उन्होंने बताया कि , ‘डेटा संरक्षण कानून बनाने की दिशा में कार्य प्रगति पर है। 2 वर्षो से व्यापक चर्चा चल रही है। भारत डेटा संरक्षण को लेकर प्रतिबद्ध है।’ उन्होंने कहा कि आधार की पूरे देश में चर्चा हो रही है और इसे सभी का समर्थन होना चाहिए।
इससे पहले कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आधार संशोधन विधेयक चर्चा एवं पारित होने के लिए पेश किया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के संज्ञान में यह विधेयक लाया गया है. यह सुरक्षित है जिसकी उपयोगिता को देश की जनता ने भी स्वीकार किया है। उन्होंने कहा कि आधार यूपीए सरकार के समय आरंभ हुआ, लेकिन उस वक्त वह निराधार था और मोदी सरकार ने इसे कानून बनाया।