युवाओं में बढ़ता नशे का प्रयोग चिंताजनक
इस अवसर पर गुरुग्राम वेस्ट महिला पुलिस थाना की थानाधिकारी कविता देवी ने कहा कि युवा वर्ग में नशों का उपयेाग बढ़ता जा रहा है जोकि चिंता का विषय है और खासतौर पर ड्रग्स की समस्या मुख्य है। जो लेाग इन पदार्थों का उपयेाग करते है या फिर उसका अवैध व्यापार करते है उनको 6 माह से लेकर 20 साल तक की सजा का प्रावधान है और 2 लाख रुपये तक के जुर्माने का भी प्रावधान है। यह सजा और जुर्माना दोनेां ही मात्रा के आधार पर तय होता है। उन्होने कहा कि ये नशे धीरे – धीरे युवावर्ग को अपनी गिरफत में लेता है जो कि उन्हे अंधेरे की और धकेल देता है। जो कि चिंता का विषय है। सभी को इस बुरी लत से बच्चों को बचाया जा सकता है, बशर्ते मीडिया अपने सामाजिक दायित्व का निर्वहन करते हुए पुलिस-प्रशासन को इसके दुष्प्रभावों को इंगित करे।
उन्होने कहा कि नशीली दवाअेां या पदार्थों का सेवन करने वालों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ते देख संयुक्त राष्ट्र ने 7 दिसंबर 1987 को अंतर्राष्ट्रीय नशा निषेध दिवस मनाने की घोषणा की गई थी। इस दिवस के माध्यम से लेागों को नशीली दवाअेां के दुरुपयेाग और अवैध व्यापार के प्रति जागरुक किया जाता है।
न्याय के लिए स्वास्थ्य और स्वास्थ्य के लिए न्याय
डा.रस्तौगी ने बताया कि ग्लोबल एडल्ट टोबेका सर्वे (गेट्स) 2016-17 के मुताबिक हरियाणा प्रदेश में 23.6 प्रतिशत (करीब 46.84 लाख, उम्र 15 वर्ष से अधिक ) लोग किसी न किसी रूप में तंबाकू उत्पादों का उपयोग करते हैं। इनमें से 39 लाख (19.7 प्रतिशत) लोग धूम्रपान का सेवन करते हैं। प्रदेश में 15.5 प्रतिशत बीड़ी, 7.6 प्रतिशत हुक्का और 2.6 प्रतिशत सिगरेट का सेवन करने वाले शामिल है। प्रदेश में 15 से 17 वर्ष में तंबाकू सेवन करने वाले 4 प्रतिशत उपयोगकर्ता बढ़े है। धूम्रपान की वजह से नोन-स्मोकर पर भी प्रतिकूल असर पड़ता है। गंभीर चिंतन का विषय ये है कि इनमें से 10 फीसदी लोग वे हैं जो धूम्रपान नहीं करते हैं, लेकिन बीड़ी-सिगरेट पीने वाले के संपर्क में रहने के कारण रोगग्रस्त होकर मौत का शिकार हो जाते हैं।
तंबाकू जनित पदार्थों के उपयोग से कैंसर सहित विभिन्न तरह की बीमारियों से ग्रसित होने के कारण प्रदेश में सालाना अनुमानित 28 हजार लोगों की मौत हो जाती है। वहीं, लगभग 116 बच्चे रोजाना तम्बाकू पदार्थों का सेवन शुरु करते हैं। यदि देश व विश्व के संदर्भ में बात करें तो भारत में 13 लाख 50 हजार लोगों की तम्बाकू से होने वाले कैंसर से मौत होती है, जबकि विश्व में सालाना छह मिलियन लोगों की इस बीमारी से मौत हो जाती है।