चंडीगढ़ : हरियाणा सरकार ने राज्य के सरकारी विभागों में हरियाणा लोक सेवा आयोग, हरियाणा विधानसभा, उच्च न्यायालय और जिला न्यायालयों के कर्मचारियों की नियुक्ति के सम्बन्ध में दिशानिर्देश जारी किए है। इन दिशानिर्देशों को सभी सम्बन्धित अधिकारियों की जानकारी में लाया गया है और इसकी अनुपालना करने के निर्देश दिए है। इस सम्बन्ध में एक सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस बारे में मुख्य सचिव कार्यालय द्वारा एक पत्र राज्य के सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, मण्डलायुक्तों, पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार और राज्य के सभी उपायुक्तों को जारी किया गया है।
पत्र के अनुसार हरियाणा विधानसभा सचिवालय के कर्मचारी हरियाणा सरकार के किसी भी विभाग के कर्मचारी नहीं है और न हीं वे राज्य सरकार के कर्मचारी है. उन्हें स्थानांतरण आधार पर राज्य सरकार के किसी भी विभाग में नियुक्त नहीं किया जा सकता। पत्र में बताया गया है कि हरियाणा विधानसभा, उच्च न्यायालय, जिला न्यायालय के कर्मचारी जो अन्य विभागों में पहले से ही स्थानांतरित है उन्हें उनकी मूल इकाई में प्रत्यावर्तित नहीं किया जा सकता। इस प्रकार, राज्य सरकार के विभागों में हरियाणा विधानसभा, उच्च न्यायालय, जिला न्यायालय के कर्मचारियों को स्थानांतरण आधार पर नियुक्त नहीं किया जा सकता।
उन्होंने बताया कि हरियाणा लोक सेवा आयोग के कर्मचारियों के राज्य सरकार के या हरियाणा सरकार के किसी विभाग के कर्मचारी होने के सम्बन्ध में सामान्य प्रशासन विभाग को स्पष्टिकरण के बारे में लगातार पत्र प्राप्त हो रहे थे. इस मामले पर लम्बे समय तक विचार किया गया . यह निर्णय लिया गया कि हरियाणा लोक सेवा आयोग संविधान के अनुच्छेद 315 और अनुच्छेद 318 के माध्यम से गठित एक संवैधानिक निकाय है। इसलिए एक अलग संवैधानिक इकाई या संस्था होने के नाते हरियाणा लोक सेवा आयोग के कर्मचारी राज्य सरकार के कर्मचारी नहीं हो सकते।
प्रवक्ता ने बताया कि हरियाणा विधानसभा, उच्च न्यायालय, हरियाणा के अधीन न्यायालय और हरियाणा लोक सेवा आयोग के कर्मचारी हरियाणा सरकार के किसी विभाग के कर्मचारी नहीं है और न ही वे राज्य सरकार के कर्मचारी है। इसलिए, ऐसे कर्मचारियों को राज्य सरकार के अन्य विभागों में स्थानांतरण आधार पर नियुक्त नहीं किया जा सकता।