कोस्टा रिका । उप राष्ट्रपति एम वैंकया नायडू ने हाल में संपन्न हुए चुनाव अभियान के दौरान चुनावी बहसों की गिरती गुणवत्ता पर दु:ख व्यक्त किया है, जिसमें राजनेता सार्वजनिक चिंताओं के व्यापक मामलों पर ध्यान केंद्रित करने की जगह व्यक्तिगत हमलों पर उतर आए।
कोस्टा रिका में यूनिवर्सिटी फॉर पीस द्वारा हाल ही में उन्हें मानद डॉक्टरेट की उपाधि प्रदान किए जाने के बाद उनके मित्रों एवं शुभचिंतकों द्वारा उप राष्ट्रपति को सम्मानित किए जाने के अवसर पर आयोजित एक समारोह को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि राजनेताओं को यह याद रखना चाहिए कि वे केवल प्रतिद्वंद्वी हैं शत्रु नहीं, इसलिए भाषा गाली गलौच वाली नहीं होनी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि सभी राजनीतिक दलों, लोगों एवं प्रेस को भी इस मुद्दे पर गंभीरतापूर्वक विचार करना चाहिए।
श्री नायडू ने एक विधायक के रूप में अपने आरंभिक दिनों को याद किया, जब वे काफी आलोचक हुआ करते थे तथा सरकार की नीतियों की कड़ी निंदा करते थे, लेकिन उन्होंने कभी भी व्यक्तिगत हमले नहीं किए। उन्होंने प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, विपक्ष के नेता एवं अन्य जन प्रतिनिधियों के सम्मान के महत्व को रेखांकित किया।
उप राष्ट्रपति ने जीवन के प्रत्येक क्षेत्रों में गिरते मानदंडों पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने विधायकों, राजनीतिक दलों, संस्थानों एवं सार्वजनिक जीवन के व्यक्तियों सहित सभी लोगों से उच्च मानक एवं मूल्य बनाने रखने की अपील की। उन्होंने लोकतंत्र को मजबूत बनाने के लिए लोगों से चरित्र, निष्ठा, व्यवहार एवं क्षमता के आधार पर अपने प्रतिनिधियों का चयन और निर्वाचन करने की अपील की, हालांकि चार अन्य ‘सी’-जाति, नकदी, समुदाय एवं आपराधिकता- इस पर हावी होने की कोशिश कर रहे हैं।
श्री नायडू ने दल-बदल और राजनीतिक दलों द्वारा दिए जा रहे मुफ्त उपहारों पर भी चुटकी ली। उन्होंने मीडिया को भी खबरों के साथ विचारों को न मिलाने का सुझाव दिया और कहा कि प्रत्येक पांच वर्षों पर जन प्रतिनिधियों के प्रदर्शन की भी लेखा परीक्षा होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि देश और राज्यों को सक्षम नेताओं और एक स्थिर सरकार की आवश्यकता है।
भारत एवं उनके विदेशी दौरों के दौरान विदेशी गणमान्य व्यक्तियों से अपनी परस्पर मुलाकातों का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि विश्व भारत की आर्थिक गति से प्रभावित है। उन्होंने जोर देकर कहा कि ‘दुनिया भर में भारत का सम्मान किया जा रहा है।’ उन्होंने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था आगे बढ़ रही है, जबिक वैश्विक अर्थव्यवस्था में मंदी आ रही है।
श्री नायडू ने कहा कि भारत का सम्मान दुनिया के अन्य देशों द्वारा उसके सदियों पुराने चरित्र और सभ्यतागत मूल्यों तथा हमेशा शांति और अहिंसा के सिद्धांतों को बनाए रखने के लिए किया गया।