अखिलेश को प्रयागराज जाते समय रोका गया, विधानसभा-विधानपरिषद में हुआ हंगामा

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लखनऊ । समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मंगलवार को दावा किया कि उन्हें लखनऊ के चौधरी चरण सिंह हवाई अड्डे पर उड़ान भरने से रोक दिया गया जिस कारण वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रों के एक कार्यक्रम में भाग लेने नहीं जा सके। सपा अध्यक्ष ने सुबह नौ बजकर इकतालिस मिनट पर ट्वीट किया, ‘एक छात्र नेता के शपथ ग्रहण कार्यक्रम से सरकार इतनी डर रही है कि मुझे लखनऊ हवाई-अड्डे पर रोका जा रहा है!’ इस घटना के बाद सपा विधायकों, समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने राज्य विधानसभा और परिषद सहित सड़कों पर भी हंगामा किया। हंगामे के कारण विधानसभा और विधानपरिषद की कार्यवाही क्रमश: 20 और 25 मिनट के लिये स्थगित करनी पड़ी।

विभिन्न ट्वीट के साथ तस्वीरें साझा करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री ने लिखा है, ‘बिना किसी लिखित आदेश के मुझे एयरपोर्ट पर रोका गया। पूछने पर भी स्थिति साफ करने में अधिकारी विफल रहे। छात्र संघ कार्यक्रम में जाने से रोकने का एक मात्र मकसद युवाओं के बीच समाजवादी विचारों और आवाज को दबाना है।’ पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय में छात्रों के शपथ ग्रहण समारोह में जाना चाहते थे लेकिन उनके विमान को उड़ने नहीं दिया गया। इस संबंध में हवाईअड्डे के निदेशक ए.के. शर्मा से सवाल करने पर उन्होंने कहा कि इस बाबत उन्हें कोई जानकारी नहीं है.
सपा अध्यक्ष को हवाईअड्डे पर रोके जाने की सूचना सदन में पहुंचते ही पार्टी के सदस्यों ने इस मुद्दे को विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान उठाया। विधानसभा में सपा के सदस्य नरेंद्र वर्मा ने आरोप लगाया कि वर्तमान सरकार लोकतंत्र की हत्या का प्रयास कर रही है। ‘‘हमारे नेता को इलाहाबाद जाने से रोका जा रहा है; इस बात पर हंगामा बढ़ गया और सपा सदस्य अध्यक्ष के आसन के समक्ष आ गये जिसके बाद विधानसभाध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सदन की कार्यवाही 20 मिनट के लिये स्थगित कर दी। विधानपरिषद में यह मुद्दा सदन में विपक्ष के नेता अहमद हसन ने उठाया और सदस्यों के हंगामे के बाद सभापति ने 25 मिनट के लिये सदन की कार्रवाई स्थगित कर दी।

इसके बाद विधानसभा और परिषद की कार्यवाही पूरे प्रश्न काल के लिये स्थगित कर दी गयी। इसके बाद दोनों सदनों की कार्यवाही शुरू होने पर गुस्साए सपा सदस्य अध्यक्ष के आसन के समक्ष आ गये और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे। सपा सदस्य नारे लगा रहे थे, योगी तेरी तानाशाही नहीं चलेगी। बसपा नेता लाल जी वर्मा भी सपा सदस्यों के समर्थन में आ गए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में तानाशाही सरकार है जो विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है। विधानसभा में इस पर जवाब देते हुये संसदीय कार्यमंत्री सुरेश कुमार खन्ना ने कहा कि मैंने मामले की रिपोर्ट मंगवाई है। सपा नेता (अखिलेश) प्रयागराज में छात्रसंघ के एक कार्यक्रम में भाग लेने जा रहे थे। जिलाधिकारी, प्रयागराज ने उन्हें बताया कि अगर वह कार्यक्रम में शामिल हुये तो कानून व्यवस्था की समस्या खड़ी हो जायेगी।
खन्ना ने कहा कि इस बारे में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को कल ही सूचना दे दी गयी थी। उन्होंने कहा कि कानून व्यवस्था हमारी प्राथमिकता है और इसे बनाये रखने के लिये हम हर संभव कदम उठायेंगे। जहां तक उनकी यात्रा का सवाल है वह कानून व्यवस्था की दृष्टि से ठीक नहीं है इसलिये यह कदम उठाया गया। उन्हें कानून का पालन करना चाहिए क्योंकि यह उनकी भी जिम्मेदारी है। उन्हें जिलाधिकारी के आदेश को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा सदस्य केवल शोर मचाना जानते हैं वह सदन को चलने नहीं देना चाहते। सदन में लगातार जारी हंगामे के कारण 12 बजकर 50 मिनट पर विधानसभा अध्यक्ष ने पूरे दिन के लिये सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी।

विधानसभा की कार्यवाही स्थगित होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि अखिलेश यादव की यात्रा से छात्र गुटों के बीच में हिंसा भड़क सकती थी और आगजनी भड़क सकती थी।

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