नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने बुधवार को उस जनहित याचिका पर सुनवाई से इनकार कर दिया जिसमें मी टू अभियान के तहत सोशल मीडिया पर यौन उत्पीड़न और प्रताड़ना की घटनाओं के बारे में केंद्र और राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) खुद ही जांच करने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया था।
न्यायमूर्ति राजेंद्र मेनन और न्यायमूर्ति वी के राव की पीठ ने कहा, ‘‘ हम इस पर विचार करने को इच्छुक नहीं हैं। हमारा समय मत खराब कीजिए। प्रभावित लोगों को आने दीजिए। याचिका खारिज की जाती है।’’
वकील जोगिंदर कुमार सुखीजा की याचिका में कहा गया था कि मी टू अभियान के तहत कई महिलाओं ने यौन उत्पीड़न की घटनाओं का खुलासा किया है लेकिन राष्ट्रीय महिला आयोग ऐसे मामलों की छानबीन करने में अपना दायित्य निभाने में नाकाम रहा।
वकील ने मांग की थी कि आयोग महिला एवं बाल विकास मंत्रालय मी टू मुहिम के तहत सोशल मीडिया पर यौन उत्पीड़न और प्रताड़ना से संबंधित मामलों का स्वत: संज्ञान ले ।