गुरूग्राम में 10 नवम्बर तक सभी प्रकार के निर्माण पर प्रतिबंधित : यशपाल यादव

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– गुरुग्राम नगर निगम के एडिशनल म्युनिसिपल कमिश्नर, वाई एस गुप्ता ने की अधिकारियों के साथ बैठक   

–  नगर निगम गुरूग्राम द्वारा ग्रेडिड रैस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) पर अमल के लिए 12 टीमों का गठन
–    1 नवम्बर से 10 नवम्बर ‘राऊंड ओ क्लॉक’ निगम सीमा में निरीक्षण
–    कचरा जलाने वालों, कचरा एवं मलबा फैंकने वालों, निर्माण गतिविधियों, खुले में कचरा परिवहन, बिना ढक़ी निर्माण सामग्री, सडक़         किनारे बिना ढक़ी निर्माण सामग्री विक्रेताओं पर की जाएगी कार्रवाई
–    उल्लंघन करने वालों का होगा चालान  धारा 269 एवं 278 सहित नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूल एक्ट के तहत मामला होगा दर्ज        
–    सडक़ों एवं वृक्षों पर पानी का छिडक़ाव रहेगा लगातार जारी
–    मुख्य सडक़ों की सफाई की जा रही है मैकेनिकल 
–    बागवानी कचरे को श्रैड करके ग्रीन बैल्ट क्षेत्र में डाला जाएगा, ताकि धूल ना उड़े
–    नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारी रखेंगे पूरे अभियान पर नजर

गुरूग्राम, 31 अक्तूबर। नगर निगम गुरूग्राम की सीमा में सभी प्रकार की निर्माण गतिविधियों पर 10 नवम्बर प्रतिबंध लगा दिया गया है। अगर कोई व्यक्ति प्रतिबंध के बावजूद निर्माण करता है, तो उसके खिलाफ नियमानुसार सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी। निर्माण को सील करने के साथ ही संबंधित व्यक्ति या प्रतिष्ठान के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज होगी।

 नगर निगम आयुक्त यशपाल यादव ने बताया कि पर्यावरण प्रदूषण में सुधार करने के लिए तैयार किए गए ग्रेडिड रैस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप) की पालना सुनिश्चित करने के लिए नगर निगम की 12 टीमें एक नवम्बर से 10 नवम्बर तक निगम सीमा में 24 घंटे तैनात रहेंगी। प्रत्येक टीम में जूनियर इंजीनियर सहित 8 कर्मचारियों को शामिल किया गया है तथा एक टीम को 8 घंटे की जिम्मेदारी सौंपी गई है। उन्होंने बताया कि ये टीमें कचरा जलाने वालों, सार्वजनिक स्थान पर कचरा एवं मलबा फैंकने वालों, निर्माण गतिविधियों, खुले वाहन में कचरा ले जाने वालों, बिना ढक़ी निर्माण सामग्री तथा सडक़ों के किनारों पर बिना ढक़ी निर्माण सामग्री विक्रेताओं पर कार्रवाई करेंगी तथा उल्लंघन करने वालों के चालान करने के साथ-साथ उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 269 एवं 278 सहित नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एक्ट के तहत संबंधित थानों में एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।

उन्होंने कहा कि प्रदूषण के स्तर में सुधार लाने के लिए नगर निगम द्वारा टैंकरों तथा दमकल वाहनों के माध्यम से वृक्षों एवं सडक़ों पर पानी का छिडक़ाव लगातार जारी रहेगा। इसके साथ ही मुख्य सडक़ों की सफाई मशीन के माध्यम से की जा रही है। उन्होंने बताया कि धूल को उडऩे से रोकने के लिए बागवानी कचरे को श्रैड करके उसे ग्रीन बैल्ट क्षेत्र में डाला जाएगा, ताकि नमी बनी रहे और धूल ना उड़े। निगमायुक्त ने बताया कि गठित टीमों पर निगरानी करने के लिए 40 वरिष्ठ अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इनमें संयुक्त निगमायुक्तों, मुख्य अभियंता, चीफ टाऊन प्लानर, सीनियर टाऊन प्लानर, डिप्टी टाऊन प्लान सहित कार्यकारी अभियंताओं एवं सहायक अभियंताओं को शामिल किया गया है।

    निगमायुक्त ने गुरूग्राम के नागरिकों से आह्वान किया कि अगर कोई व्यक्ति कचरा जलाता है या कचरा एवं मलबा फैलाता है तो उसे रोकें तथा नगर निगम को सूचित करें। इसके साथ ही निर्माण सामग्री पर पानी का छिडक़ाव करके उसे ढक़ दें, ताकि धूल ना उड़े।

गुरूग्राम में 10 नवम्बर तक सभी प्रकार के निर्माण पर प्रतिबंधित : यशपाल यादव 2

गुरुग्राम नगर निगम के एडिशनल म्युनिसिपल कमिश्नर, वाई एस गुप्ता ने आज ग्रेडिड रेस्पॉन्स एक्शन प्लान को सुनिश्चित करने के लिए 1 नवंबर से 10 नवंबर तक चलने वाले विशेष अभियान के तहत गठित टीमों के साथ बैठक की . बैठक के दौरान उन्होंने अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिया।  उन्होंने बताया कि ‘ ‘प्रदूषण के स्तर में सुधार लाने के लिए तैयार किया गया ग्रेडिड रैस्पांस एक्शन प्लान को सुनिश्चित करने के लिए नगर निगम द्वारा 1 से 10 नवम्बर तक राऊंड ओ क्लॉक विशेष अभियान चलाया जाएगा। अभियान के तहत प्रतिदिन के हिसाब से चारों जोनों में 12 टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें कचरा जलाने वालों, सार्वजनिक स्थान पर कचरा एवं मलबा फैंकने वालों, निर्माण गतिविधियों, खुले वाहन में कचरा ले जाने वालों, बिना ढक़ी निर्माण सामग्री तथा सडक़ों के किनारों पर बिना ढक़ी निर्माण सामग्री विक्रेताओं पर कार्रवाई करेंगी तथा उल्लंघन करने वालों के चालान करने के साथ-साथ उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 269 एवं 278 सहित नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल एक्ट के तहत संबंधित थानों में एफआईआर दर्ज करवाई जाएगी।

ग्रेडिड रैस्पांस एक्शन प्लान के तहत नगर निगम द्वारा टैंकरों तथा दमकल वाहनों के माध्यम से वृक्षों एवं सडक़ों पर पानी का छिडक़ाव किया जा रहा है। इसके साथ ही मुख्य सडक़ों की सफाई मशीन के माध्यम से की जा रही है। धूल को उडऩे से रोकने के लिए बागवानी कचरे को श्रैड करके उसे ग्रीन बैल्ट क्षेत्र में डाला जाएगा, ताकि नमी बनी रहे और धूल ना उड़े।’

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