मोदी का 2019 में एनआरआई वोटरों पर दांंव,प्रवासियों को वोट देने का अधिकार

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लोकसभा में रेप्रिजेंटेशन ऑफ द पीपल बिल पर लगी मुहर

नई दिल्ली। लोकसभा ने रेप्रिजेंटेशन ऑफ द पीपल (अमेंडमेंट) बिल, 2017 पर मुहर लगा दी है। इस बिल में एनआरआई(प्रवासी भारतीयों) को वोट देने की मंजूरी दी गई है। वोटर लिस्ट में शामिल एनआरआई अपने चुनाव क्षेत्र में किसी को अपनी तरफ से वोट देने के लिए अधिकृत कर सकता है।

इस तरह प्रधानमंत्री मोदी की निगाह एक करोड़ से ऊपर एनआरआई वोटों पर है। बिल को लोकसभा की मंजूरी मिली है। दोनों सदनों से पास होने और राष्ट्रपति की मंजूरी मिलने के बाद यह बिल कानून की शक्ल ले लेगा।

देश के कुल 543 लोकसभा क्षेत्रों में करीब 1.1 करोड़ एनआरआई वोट हैं। इसका मतलब है कि हर लोकसभा क्षेत्र में औसतन 21,000 वोट। अगर ये वोट एकमुश्त किसी के खाते में जाते हैं तो चुनाव परिणामों को प्रभावित कर सकते हैं। ये एनआरआई भारत में अपने परिवार को भी प्रभावित कर सकते हैं।

मान लीजिए कि एक परिवार में औसतन 3 वोटर ही हों तो इसका मतलब है कि हर लोकसभा क्षेत्र में औसतन 60 हजार से ज्यादा ऐसे वोट होंगे, जिन पर सीधे-सीधे एनआरआई का प्रभाव होगा। आजकल जिस तरह हर चुनावों में जीत का अंतर घटता जा रहा है, उसके मद्देनजर वोटरों का यह आंकड़ा बहुत हद तक निर्णायक भी साबित हो सकता है।

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