सुभाष चौधरी / प्रधान सम्पादक
नई दिल्ली। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री कार्यक्रम की “जनसंख्या आधारित कैंसर रजिस्ट्री की तीन वर्षीय रिपोर्ट (2012-14)“ के कल्याण राज्य मंत्री, अनुप्रिया पटेल के द्वारा राज्य सभा में लिखित में उत्तर दिया गया Iअनुसार उन्नीस (19) जनसंख्या आधारित कैंसर रजिस्ट्रियों (पीबीसीआर) में महिलाओं में सर्वाधिक सामान्य कैंसर स्तन कैंसर है, छ: (6) पीबीसीआर में महिलाओं में सर्वाधिक सामान्य कैंसर गर्भाशय का कैंसर है और देश में सताईस (27) विभिन्न पीबीसीआर में से सोलह (16) पीबीसीआर में यह दूसरा सर्वाधिक सामान्य कैंसर है। महिलाओं में कैंसर से होने वाली कुल मौतों में लगभग 20.6% मौतें गर्भाशय के कैंसर के कारण और 17.4% मौतें स्तन कैंसर के कारण होती हैं। यह जानकारी स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री, अनुप्रिया पटेल के द्वारा राज्य सभा में लिखित में उत्तर में दी गयी ।
केंद्र सरकार कैंसर की रोकथाम, निदान और उपचार सहित स्वास्थ्य देखभाल में सुधार लाने संबंधी राज्य सरकारों के प्रयासों में सहयोग करती है। जिला स्तर पर कल्याण राज्य मंत्री, अनुप्रिया पटेल के द्वारा राज्य सभा में लिखित में उत्तर दिया गया Iकिए गए क्रियाकलापों के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के तहत क्रियान्वित किए जा रहे कैंसर, मधुमेह, हृदवाहिका रोगों और आघात की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम (एनपीसीडीसी) के उद्देश्यों में कैंसर की रोकथाम, स्क्रिनिंग, इसका शीघ्र पता लगाने और उपचार के लिए उपयुक्त स्तर के संस्थान में भेजने के लिए जागरूकता सृजन करना शामिल हैं। मुख्य ध्यान तीन प्रकार के कैंसरों नामत: स्तन कैंसर, गर्भाशय कैंसर और मुख कैंसर पर दिया गया है।
व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल के रूप में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के तहत वर्ष 2017-18 में देश के 150 से अधिक जिलों में सामान्य गैर-संचारी रोगों (मधुमेह, उच्च रक्तचाप और कैंसर नामत: मुख कैंसर, स्तन कैंसर और गर्भाशय कैंसर) की रोकथाम, नियंत्रण और स्क्रिनिंग के लिए एक जनसंख्या स्तरीय पहल प्रारंभ की है।
कैंसर अनुसंधान के लिए क्षमता निर्माण और कैंसर संबंधी स्वास्थ्य देखभाल की उपलब्धता में सुधार लाने के लिए, भारत सरकार एनपीसीडीसीएस के तहत तृतीयक कैंसर देखभाल सुविधा का सुदृढ़ीकरण नामक स्कीम का क्रियान्वयन कर रही है, जिसके तहत देश में राज्य कैंसर संस्थानों (एससीआई) और तृतीयक कैंसर देखभाल केंद्रों (टीसीसीसी) की स्थापना के लिए सहायता प्रदान की जाती है। एससीआई और टीसीसीसी सभी कैंसर संबंधी क्रियाकलापों में परामर्श देंगे। चितरंजन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (सीएनसीआई), कोलकाता के दूसरे परिसर और एम्स, नई दिल्ली के अधीन राष्ट्रीय कैंसर संस्थान (एनसीआई) की स्थापना को भी मंजूरी दे दी गई है।
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर)-राष्ट्रीय कैंसर रोकथाम और अनुसंधान संस्थान (एनआईसीपीआर), नोएडा ने आम जनसंख्या में जागरूकता फैलाने के लिए www.cancerindia.org.in नामक वेबसाइट प्रारंभ की है।