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चंडीगढ़ । हरियाणा सरकार ने प्रदेश में 50 या इससे अधिक कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों में क्रैच व अन्य सुविधाएं प्रदान करने के लिए मातृत्व लाभ (संशोधित) अधिनियम, 2017 के तहत नियम बनाकर अधिसूचित किये हैं। इससे नियमित, अस्थायी, दैनिक वेतनभोगी, कॉन्ट्रैक्चुयल, कंस्लटेंट कर्मचारियों के साथ अन्य ऐसे कर्मचारियों के बच्चों के लिए क्रैच सुविधा उपलब्ध होगी।
श्रम विभाग के एक प्रवक्ता ने आज यहां यह जानकारी देते हुए बताया कि इस आशय के एक प्रस्ताव को मुख्यमंत्री श्री मनोहर लाल द्वारा स्वीकृति प्रदान की गई है।
उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में 50 या इससे अधिक कर्मचारियों वाले प्रत्येक प्रतिष्ठान को कार्यस्थल के निकट या प्रतिष्ठान के 500 मीटर की दूरी के भीतर क्रैच सुविधा उपलब्ध होगी और उसका रखरखाव किया जाएगा ताकि ऐसे कर्मचारियों के छह वर्ष की आयु तक के बच्चों के उपयोग के लिए इस क्रैच का उपयोग किया जा सके।
उन्होंने कहा कि जिस भवन में क्रैच स्थित है, उसका निर्माण अच्छी तरह से किया जाएगा और सभी दीवारें और छत गर्मी प्रतिरोधी सामग्री से बनी होंगी और वाटरप्रुफ होंगी। उन्होंने कहा कि क्रैच के फर्श और आंतरित दीवारों को अच्छी तरह से सजाया जाएगा ताकि बच्चों को सुचारू प्रभावी धरातल उपलब्ध हो। इसके अतिरिक्त, क्रैच के भवन का निर्माण इस तरह से किया जाएगा ताकि उसमें गर्मी, नमी, वायु और बारिश से पर्याप्त सुरक्षा उपलब्ध हो। उन्होंने कहा कि छ: महीनों में एक बार भवन की आंतरिक दीवारों का रंग रोगन (लाइम-वाशड) किया जाएगा तथा लकड़ी के काम पर हर तीन वर्षों में एक बार पेंट या वार्निश किया जाएगा।
प्रवक्ता ने कहा कि क्रैच में प्रति बच्चे के लिए 6-8 वर्ग फीट का न्यूनतम स्थल होगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वे बिना किसी बाधा के खेल सकें , आराम कर सकें और सीख सकें । इसके अलावा, भवन में कमरों की ऊंचाई फर्श से 12 फीट से कम नहीं होगी। उन्होंने कहा कि ताजा वायु के संचलन व पर्याप्त हवा के आवागमन के लिए क्रैच के प्रत्येक हिस्से में प्रभावी और उपयुक्त प्रावधान किये जाएंगे। इसके अतिरिक्त, क्रैच में आपातकालीन पॉवर बैक-अप की सुविधा तथा प्राकृतिक या कृत्रिम प्रकाश की सुविधा उपलब्ध करवाई जाएगी।
उन्होंने कहा कि क्रैच में कपड़े और गंदे वस्त्र धोने और सूखाने के लिए अलग से नजदीक वाशरूम उपलब्ध करवाया जाएगा। इसके अलावा, इसमें वाशरूम, शौचालय और पेशाब घर भी उपलब्ध करवाया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह क्रैच दिन और रात दोनों समय, जब कर्मचारी प्रतिष्ठान में काम कर रहे हों, खुले रहेंगे।
प्रवक्ता ने बताया कि इसके अतिरिक् त क्रैच में विभिन्न सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी, जिनमें प्राथमिक सहायता, मैडिकल किट, क्रेडलस, खान-पान की सुविधाओं के साथ-साथ बिस्तर इत्यादि की सुविधा, भोजन बनाने के बर्तन, बच्चों को भोजन देने के बर्तन, कुर्सी व प्रत्येक माता को बैठने की सुविधा ताकि बच्चे को फीडिंग करवा सके, खिलौने व खेलने का सामान तथा सीखने का सामान भी उपलब्ध होगा। के्रच में रहने वाले प्रत्येक बच्चे को प्रतिदिन पेयजल तथा शुद्घ दूध भी उपलब्ध करवाया जाएगा।हालांकि दो साल से ऊपर की आयु के बच्चों को अतिरिक्त व पर्याप्त रिफ्रैशमेंट भी मुहैया करवाई जाएगी। जो महिलाएं प्रतिदिन कार्य पर होती हैं, उन्हें दिन में 20 मिनट के लिए चार बार अपने बच्चे को फीड देने की अनुमति होगी।
उन्होंने बताया कि क्रैच में पर्याप्त स्टाफ उपलब्ध करवाने के लिए महिला अटेंडेंट, कुक, स्वीपर और चौकीदार को भी नियुक्त किया जाएगा। इसके अलावा, के्रच में एक प्रशिक्षित क्रेच नर्स को क्रैच का इंचार्ज नियुक्त किया जाएगा, जो क्रैच की सफाई और स्वच्छता को सुनिश्चित करेगी तथा क्रैच में सभी बच्चों की सही देखभाल, स्नान और नियमानुसार भोजन की व्यवस्था के साथ-साथ सफाई और स्वच्छता की आदतें भी सिखाएगी।
उन्होंने बताया कि क्रैच में उपस्थित बच्चों की मासिक चिकित्सा जांच तथा नर्सिंग माताओं की प्रत्येक दो मास के बाद चिकित्सा जांच की जाएगी। चिकित्सा जांच का रिकॉर्ड भी रखा जाएगा। उन्होंने बताया कि क्रैच का उपयोग केवल बच्चों, उनके अटेंडेंट, सूपरवाइजरी स्टाफ और बच्चों की देखभाल करने वाले व्यक्तियों द्वारा किया जाएगा। प्रवक्ता ने बताया कि क्रैच में उपस्थित बच्चों का रिकॉर्ड रखा जाएगा। इसके अलावा, क्रैच में एक शिकायत रजिस्टर भी रखा जाएगा।