मुंबई के कमला मील कंपाउंड में रेस्तरा में आग लगने से 15 की मौत

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अवैध रूप से चल रहे थे रेस्तरा, बार और पब

घटना में 16 लोग झुलस गए

मरने वालों में 12 महिलाएं शामिल, 

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना की जांच के आदेश दिए 

मुंबई । मुंबई के कमला मील कंपाउंड में अवैध रूप से चल रहे रेस्तरा, बार और पब में गुरुवार देर रात भीषण आग लगने से 15 लोगों के मरने की खबर है. साथ ही इस विभत्स घटना में 16 लोग झुलस गए. मरने वालों में 12 महिलाएं शामिल हैं और 3 पुरुष हैं. जिन रेस्तरां में एजी लगी उनमें 1 अबव रेस्तरां, लंडन टैक्सी बार और मोजो पब के नाम शामिल हैं. लगभग 12 बजे लगी को बुझाने में फायर ब्रिगेड की दर्जनों  गाडियां बुलाई जिससे आग पर काबू पा लिया गया.

 

इस घटना से पूरा मुंबई हतप्रभ है . इस पर राजनीति भी शुरू है और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस घटना कि  जांच के आदेश दिए हैं. शिवसेना व भाजपा के बीच एक दूसरे को जिम्मेदार ठहराने का दौर शुरू है. भाजपा ने इसके लिए बीएमसी प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है जबकि शिवसेना ने कहा है की इसमें भाजपा भी भागीदार है. कई लोग सामने आये हैं जिन्होंने दावा किया है की इस इलाके में चल रहे अवैध रेस्तरां के बारे में बीएमसी को कई बार लिखित रूप से बताया गया है लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं कि गयी है.

खबर है कि कमला मिल्स कम्पाउंड में परिष्कृत औद्योगिक परिसर, रेस्तरां, वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों के अलावा कई मीडिया संस्थानों के कार्यालय भी स्थित हैं।

 

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इस घटना पर दुख जाहिर किया है. पीएम ने कहा है की “मैं इस घटना से आहत हूँ .” बताया जाता है कि आग में झुलसा कर व दम घुटने से मरे लोगों में ज्यादातर संख्या महिलाओं की है. ये सभी रेस्टोरेंट में एक जन्म दिन मनाने आये थे . स्थानीय केईएम अस्पताल से जिन मृतकों की पहचान की गयी है उनके नाम जीत(49), प्रीती(36), तेजल(4), खुश्बू बंसल(26), मनीषा(30) यश(27) शेफाली, किंजल और मनीषा बताये गये हैं।

 

जानकारी के मुताबिक शॉर्ट शर्किट के कारण आग लगी और इमरजेंसी द्वार बंद होने के कारन लोग निकल न नहीं पाए और दम घुटने से जान चली गयी. इस घट्ना में पुलिस ने रेस्तरां मालिक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या (आईपीसी की धारा 304) के तहत एफआईआर दर्ज की है.

स्थानीय लोगों का कहना है की छत के ऊपर इस प्रकार अस्थायी निर्माण वर्षा के दिनों में बनाए जाते हैं जिसे मौषम के बाद हटा दिया जाता है लेकिन इसे बनाए रखा गया और इसमें रेस्तरां व बार एवं पब चलाये जा रहे थे जिसमें अग्नि सुरक्षा कि कोई व्यवस्था नहीं थी. बीएमसी के अधिकारियों ने भी इस पर कोई ध्यान नहीं दिया.

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