आपराधिक कृत्य करार देने वाला विधेयक आज देर शाम लोकसभा से पारित
नई दिल्ली। अंततः तीन तलाक को पूरी तरह समाप्त करने व इसे आपराधिक कृत्य करार देने वाला विधेयक आज देर शाम लोकसभा से पारित हो गया है। अब यह बिल को उच्च सदन राज्यसभा से पारित कराया जाएगा। इसे गुरुवार को लोकसभा में पेश किया गया था जिस पर विपक्षी दलों ने विधेयक का पुरजोर विरोध किया. अधिकतर विपक्ष ने इस बिल के कुछ प्रावधानों को लेकर आपत्ति जताई।
विपक्ष के तीव्र विरोध के बावजूद तीन तलाक बिल आज पारित हो गया. इस पर लोकसभा में दिनभर बहस चली . इसे पारित कराये जाने तक इस पर चर्चा चलती रही और देर शाम को कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने चर्चा का जावब दिया और फिर वोटिंग कराई गई। लोकसभा में एन डी ए के सभी साथियों ने बिल के पक्ष में वोट किया. इससे तीन तलाक बिल लोकसभा में ध्वनीमत से पारित कर दिया गया. कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने इसे ऐतिहासिक दिन बताया है . उन्होंने कहा है कि विधेयक मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाने के लिए है।
चर्चा के दौरान विपक्ष ने प्रावधानों के दुरपयोग को लेकर कई सवाल उठाये और विधेयक में संशोधन का प्रस्ताव भी लाया गया जो बहुमत के सामने खारिज हो गया . एमआईएम के सांसद असद्दुदीन ओवैसी जो इस बिल के विरोध में कहदे थे उनका प्रस्ताव 2 वोटों के मुकाबले 241 मतों के भारी अंतर से नकार दिया गया.
दिन भर चली चर्चा का जवाब देते हुए कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने विधेयक को लेकर भरोसा दिलाया कि यह किसी धर्म के विरोध में नहीं है. उन्होंने आश्वस्त किये कि यह कानून महिलाओं के आदर व न्याय के लिए लाया गया है। आश्च्रय्जनक रूप से कांग्रेस पार्टी ने इस विधेयक पर बोलने के लिए कोई नोटिस नहीं दिया था इसलिए उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी गयी. इसके अलावा राष्ट्रीय जनता दल (राजद), ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलिमीन (एआईएमआईएम), भारतीय यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल), बीजू जनता दल ने मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक 2017 का विरोध किया।