गांधीनगर। अंततः गुजरात में सीएम के नाम पर सहमती बनी और कयासों के बाजार को विराम मिला. भाजपा केंद्रीय पर्यवेक्षक टीम ने गुजरात में मुख्यमंत्री पद पर एक बार फिर विजय रूपाणी को राज्य का अगला मुख्यमंत्री और नितिन पटेल को उपमुख्यमंत्री के लिए चुन लिया है। नवनियुक्त विधायकों की बैठक में वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में हुई बैठक के बाद भारतीय जनता पार्टी ने शुक्रवार को इसकी घोषणा की। शपथ ग्रहण समारोह का आयोजन संभवत: साबरमती रिवरफ्रंट पर क्रिसमस के दिन हो सकता है।
उल्लेखनीय है कि आनंदीबेन पटेल के मुख्यमंत्री के पद से हटने के बाद रूपाणी को 7 अगस्त 2016 को गुजरात का मुख्यमंत्री बनाया गया था। रूपाणी का चयन 2019 लोकसभा चुनाव को देखते हुए किया गया है जोकि केवल 18 महीने दूर है। पार्टी किसी नए चेहरे को लाकर मौजूदा कार्य व विकास में अवरोध पैदा करने का जोखिम नहीं लेना चाहती।
पार्टी के अंदरूनी सूत्रों ने बताया कि राज्य के 17 वें मुख्यमंत्री के तौर पर पार्टी के पास अन्य चेहरे भी थे जिसमें गुजरात का प्रतिनिधित्व कर रहे केंद्रीय मंत्री भी शामिल थे। लेकिन इन सबों पर लोकसभा चुनाव को देखते हुए ध्यान नहीं दिया गया।
सूत्र के अनुसार, रूपाणी पार्टी में स्वीकार्य चेहरा हैं और उनके नेतृत्व में भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन किया है, खासकर उनके गृहजिले में। जेटली ने पत्रकारों को बताया कि विधायकों ने निर्विरोध रूप से रूपाणी को भाजपा विधायक दल का नेता चुना। उन्होंने बताया कि पटेल को सदन का उपनेता चुना गया है।
मुख्यमंत्री बनाए जाने की घोषणा के बाद प्रतिक्रिया देते हुए रूपाणी ने कहा, “गुजरात ले लोगों ने हमें जनादेश दिया है. यह बहुत बड़ी जीत है. हम पर 27 वर्षों तक भरोसा बनाए रखा.” उधर,
उपमुख्यमंत्री बनने वाले नितिन पटेल ने कहा, “मैं गुजरात की जनता को विश्वास दिलाना चाहता हूं कि मैं और विजय भाई अपने पार्टी के सदस्यों के सहयोग से गुजरात के लोगों की मदद पहले की तरह करते रहेंगे.”
इससे पहले उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल और अन्य मंत्रियों के साथ रुपाणी ने गांधीनगर में राज्यपाल से मिलकर मंत्रिमंडल का इस्तीफा सौंप दिया था. हालांकि नई सरकार के गठन तक वह कार्यवाहक मुख्यमंत्री बने रहेंगे. हाल में हुए 182 सदस्यीय विधानसभा के चुनाव में भाजपा को 99, कांग्रेस को 77 और छह सीटें अन्य ने जीतीं.
उधर, शानदार बहुमत के साथ हिमाचल प्रदेश में सत्ता में वापसी करने वाली भाजपा में राज्य के मुख्यमंत्री के चुनाव को लेकर माथापच्ची जारी है. केंद्रीय पर्यवेक्षक निर्मला सीतारमण और नरेन्द्र सिंह तोमर आरएसएस नेताओं के साथ शिमला बैठक कर रहे हैं, ताकि एक नाम पर सहमति बन सके. बैठक के बाहर धूमल और जयराम ठाकुर के समर्थकों के बीच नारेबाजी भी हुई.
सूत्रों के अनुसार, पांच बार के विधायक जयराम ठाकुर का नाम सबसे आगे चल रहा है. हालांकि पार्टी के सामने विकट स्थिति यह है कि धूमल गुट जयराम ठाकुर को मुख्यमंत्री बनाए जाने से सहमत नहीं है. ऐसे में पार्टी धूमल को मनाने में जुटी हुई है. सूत्र बता रहे हैं कि पार्टी धूमल को राज्यसभा भेज सकती है या उन्हें राज्यपाल भी बनाया जा सकता है. इसी बीच जयराम ठाकुर के धूमल से भी मुलाकात की बात सामने आ रही है.