राव इन्द्रजीत खेमें के पार्षदों में निराशा दिखी, राव नरबीर गुट आकर्षण के केंद्र बने रहे
सीएम ने पार्षदों से उनके वार्ड की जानकारी मांगी
भाजपा के लिए वफादार मेयर की खोज में दिखे सीएम मनोहर लाल
सुभाष चौधरी /प्रधान संपादक
गुरुग्राम : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल का गुरुग्राम नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी के नव निर्वाचित सभी पार्षदों के साथ शनिवार को आयोजित परिचय कार्यक्रम निगम की राजनीति के लिए बेहद महत्वपूर्ण रहा. इस कार्यक्रम के दौरान एक तरफ केन्द्रीय मंत्री राव इन्द्रजीत के खेमें के संभावित मेयर उम्मीदवार व पार्षदों में निराशा दिखी तो दूसरी तरफ प्रदेश के काबीना मंत्री राव नरबीर के खेमें की संभावित मेयर उम्मीदवार सबके लिए आकर्षण की केंद्र बनी रही. हालाँकि यह एक औपचारिक परिचय कार्यक्रम था लेकिन सूत्र बताते हैं कि लगभग दो घंटे की पूरी अवधि में केन्द्रीय मंत्री का खेमा कुछ असहज सा दिखा. पार्षदों से सवाल जवाब करने का जिम्मा स्वयं मुख्यमंत्री ने संभाला और व्यक्तिगत रूप से प्रत्येक से उनके वार्ड की भौगोलिक जानकारी लेकर उनके राजनीतिक सूझबूझ का अंदाजा लगा लिया. डीनर के बहाने सीएम ने अपनी पार्टी के पार्षदों की क्षमता व उनके व्यक्तित्व का एक्सरे कर लिया जिससे मेयर की खोज करना अब आसान होगा.
बताया जाता है कि शनिवार दोपहर से ही भाजपा के पार्षदों में प्रदेश के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की ओर से आयोजित डीनर सह परिचय कार्यक्रम में शामिल होने की उत्सुकता थी. इसका निमंत्रण पार्टी के जिला अध्यक्ष भूपेंद्र चौहान की ओर से सभी को शुक्रवार दोपहर में ही मिल गया था. हालाँकि इसके लिए सायं साढ़े सात बजे का समय तय था लेकिन पार्षदों के वाहन सोहना रोड स्थित होटल क्वीन्स पर्ल्स में काफी पहले से ही पहुँचने लगे थे.
सीएम सहित सभी प्रमुख व्यक्तियों के पहुँचने के बाद कार्यक्रम आरम्भ हुआ. सीएम् के दायीं तरफ राव नरबीर तो बायीं तरफ राव इन्द्रजीत बैठे जबकि दोनों गुटों के समर्थक विधायक एवं विभिन्न संस्थानों के चेयरमैन स्थानीय नेता भी इसी क्रम में बैठे दिखे. इससे स्पष्ट हो रहा था कि गुरुग्राम में भाजपा पूरी तरह दो खेमे में बटी हुयी है और अपने खेमे की वकालत करने को आतुर हैं. ख़ास बात यह रही कि आरम्भ से ही सीएम मनोहर लाल ने कार्यक्रम की कमान खुद ही संभाल ली.
वहां मौजूद भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के अनुसार सीएम ने सभी को निगम चुनाव में जीत की बधाई दी और प्रत्येक पार्षदों से उनका परिचय पूछा और उनके वार्ड की भौगोलिक जानकारी भी मांगी. महिला व पुरुष सभी पार्षदों ने एक–एक कर अपना परिचय दिया व वार्ड में आने वाली कालोनियों के नाम भी बताये. संभव है सीएम इस सवाल से उनकी राजनीतिक समझ को भांपना चाह रहे हों. बताया जाता है कि एक दो को छोड़ कर लगभग सभी पार्षदों ने उनके सवालों का ठीक ठीक जवाब दिया.
सीएम ने उन पार्षदों से भी हाथ उठाने को कहा जो पहली बार पार्षद निर्वाचित हुए हैं. कुछ महिला पार्षद इस मद में संकोच में थीं क्योंकि उनमें से कईयों के पति या फिर उनके परिवार के कोई अन्य सदस्य पहले उसी वार्ड से पार्षद रहे हैं. लेकिन वहां मौजूद पूर्व सांसद सुधा यादव ने इस स्थिति को साफ़ करते हुए कहा कि यह व्यक्तिगत रूप से चुनाव लड़ने और जीतने सम्बन्धी सवाल है. फिर जो महिला पार्षद संकोच में थीं उन्होंने भी अपने हाथ पहली बार वाले में खड़े कर दिए .
सीएम ने यह जानना चाहा कि कौन कितनी बार पार्षद रहे हैं ? हालाकिं कई ऐसे पार्षद भी हैं जो नगर परिषद् के जमाने में भी या तो स्वयं सदस्य थे या फिर उनके परिवार के अन्य सदस्य पार्षद थे. कुछ देर तक उनमें यह भ्रम बना रहा लेकिन बाद में स्थिति साफ़ हुई कि उनका सवाल नगर निगम गठन के बाद की स्थिति को लेकर है. यह भी सवाल उठा कि इससे पहले उन वार्डों में किस पार्टी के पार्षद थे ? जाहिर है इन सवालों से मुख्यमंत्री ने यह भी अंदाजा लगा लिया कि ये सभी किन परिस्थितियों में जीत कर आये हैं. इनका राजनीतिक आधार व्यक्तिगत है या फिर भाजपा संगठन के बल बूते जीत कर आये हैं. समझा जाता है कि उन्होंने पार्षदों से बातचीत में यह भी समझने की कोशिश की कि इनमें से कितने ऐसे हैं जो संघ और भाजपा के प्रति समर्पित रहे हैं या फिर आगे भी रहेंगे. क्योंकि मेयर बनाने के लिए यह एक प्रमुख शर्त है. पार्टी का शीर्ष नेतृत्व मेयर के लिए एक ऐसी एस सी महिला पार्षद की खोज में है जो आने वाले समय में किसी प्रकार के राजनीतिक बदलाव की स्थिति में भी भाजपा की वफादार रहे न कि अपने आका के साथ पाला बदल में विश्वास रखे. और इस शर्त के सांचे में वार्ड 10 की पार्षद शीतल बागड़ी और उनका परिवार ही फिट बैठते हैं जो अन्य एस सी महिला पार्षदों में से सर्वाधिक समय से भाजपा से जुड़े रहे हैं. क्योंकि मधु आजाद और रजनी साहनी पूर्व में कांग्रेस में रहीं हैं जबकि वार्ड न. एक से चुन कर आई मिथिलेश अभी भाजपा की सदस्य भी नहीं बनी हैं.
जहाँ तक दूसरी बार निगम का चुनाव जीतने का सवाल है इनमें भाजपा के पुराने पार्षदों में रविन्द्र यादव और योगेन्द्र सिंह का नाम ही आता है.
हालाँकि परिचय कार्यक्रम में मेयर पद के उम्मीदवार को लेकर कोई औपचारिक चर्चा नहीं हुई लेकिन वहां मौजूद भाजपा के अधिकतर नेताओं का केंद्र बिंदु वार्ड न. 10 की पार्षद शीतल बागड़ी ही रहीं. सूत्रों का कहना है कि कई नेताओं को उन्हें व्यक्तिगत रूप से बधाई देते हुए देखा गया जबकि कुछ तो उनके साथ सेल्फी ले रह थे. इससे संकेत स्पष्ट है कि राव नरबीर गुट जिन्हें मुख्यमंत्री का भी आशीर्वाद प्राप्त माना जाता है मेयर की दौर में आगे चल रहा है.
दूसरी तरफ केन्द्रीय राज्य मंत्री राव इन्द्रजीत खेमे में आज मायूसी दिखी. चर्चा का विषय है कि परिचय कार्यक्रम के ठीक बाद केन्द्रीय मंत्री विना डीनर किये ही वहाँ से प्रस्थान कर गए और इसी तरह उनके गुट की मेयर पद की दावेदार मधु आजाद ने भी डीनर नहीं किया. हो सकता है यह उनके लिए सामान्य बात हो लेकिन राजनीतिक रूप से इसके मायने निकाले जा रहे हैं. दूसरी तरफ राव नरबीर के सभी समर्थक व पार्षद भी वहीँ डटे रहे और सभी ने सीएम के साथ ग्रुप फोटो भी खिंचवाई.
उल्लेखनीय है कि इससे पूर्व फरीदाबाद नगर निगम के चुनाव के बाद दो तिहाई बहुमत से भी अधिक पार्षद जीत कर आने के बाद भाजपा के लिए मेयर चुनना बहुत कठिन हो गया था. वहां भी एक केन्द्रीय मंत्री और प्रदेश के एक मंत्री के बीच गाडी फंस गयी थी. लेकिन वहां दोनों का समीकरण सीएम मनोहर लाल के साथ अच्छा था. बावाजूद इसके बेहद खींच तान के बाद उस शहर को मेयर मिला था. लेकिन यहाँ केन्द्रीय मंत्री का रिश्ता सीएम के साथ सामान्य नहीं है जबकि प्रदेश के मंत्री राव नरबीर को सीएम का विश्वास हासिल है ही साथ ही पार्टी व संघ का भी आशिर्वाद प्राप्त है. ऐसे में इन्द्रजीत गुट में मायूसी होना स्वाभाविक है जबकि नरबीर गुट का पलड़ा भारी होने के संकेत मिल रहे हैं. आज के इस कार्यक्रम से यह स्थिति और स्पष्ट हो गयी लगती है.
मुख्यमंत्री अगले दो दिनों तक गुरुग्राम में ही होंगे इसलिए इस मसले पर अगले दो दिनों में कोई फैसला होने की प्रबल संभावना है. कहा जा रहा है कि सुरेश भट्ट, संदीप जोशी व सीएम की रविवार को भी मंत्रणा होगी. अगर जरूरत हुयी तो दिल्ली दरबार से भी इसमें दखल देने को कहा जा सकता है लेकिन राव नरबीर इस बार किसी भी सूरत में पैर पीछे खीचने को तैयार नहीं है क्योंकि पार्षदों के संख्याबल में भी वे अब बराबर से कहीं अधिक जुटाने की स्थिति में हैं. पार्टी से बाहर के अन्य निर्दलीय भी उनके संपर्क में हैं.
इस अवसर पर सीएम मनोहर लाल, केन्द्रीय राज्य मंत्री एवं स्थानीय सांसद राव इन्द्रजीत, प्रदेश के काबीना मंत्री राव नरबीर के अलावा भाजपा के संगठन सचिव सुरेश भट्ट, पार्टी के प्रदेश महासचिव संदीप जोशी, सोहना के विधायक तेजपाल तंवर, गुरुग्राम विधायक उमेश अग्रवाल, पटौदी की विधायक विमला चौधरी, हरियाणा खादी बोर्ड की अध्यक्ष गार्गी कक्कड़, हरियाणा डेयरी विकास बोर्ड के अध्यक्ष जी एल शर्मा , पूर्व सांसद सुधा यादव , जिला भाजपा के अध्यक्ष भूपेंद्र चौहान, एवं मेयर पद की प्रबल दावेदार वार्ड 10 से पार्षद शीतल बागड़ी, वार्ड 7 से पार्षद मधु आजाद , वार्ड 17 से पार्षद रजनी साहनी और भाजपा के सभी पार्षद एवं कई कार्यकर्ता भी मौजूद थे.