17 जनवरी 2016 को हुए चुनाव में इकबाल बने थे सरपंच
यूनुस अलवी
मेवात : 17 जनवरी 2016 को खाइका गांव में हुए सरपंच के चुनाव को अदालत ने रद कर दिया है। अब गांव में दोबारा सरपंच पद के लिए चुनाव होगा। यह फैसला हथीन में प्रतीक जैन की अदालत ने जारी किया। गांव के सरपंच पद के उम्मीदवार रहे हाजी खुर्शीद अहमद ने खाइका गांव के सरपंच पद पर चुनाव जीते इकबाल के चुनाव को चुनौती दी थी। सुनवाई के बाद अदालत ने पूर्व में हुए सरपंच पद को गलत करार दिया। बताया गया है कि हाजी खुर्शीद, इकबाल व गांव के जियाउल हक के अलावा कई उम्मीदवारों ने सरपंच पद के लिए चुनाव लड़ा था।
आरोप है कि जिस वक्त जियाउल हक ने चुनाव लड़ा था ग्राम पंचायत की वोटर लिस्ट की सूची में उसका नाम नहीं था। पंचायत एक्ट की धारा 173 (3) के तहत पंचायत चुनाव लडऩे के लिए पंचायत की मतदाता सूची में नाम होना जरूरी है। इसके अलावा चुनाव में मरे मतदाताओं की वोटें डालने के आरोप लगाए गए थे। सरपंच पद के चुनाव जीते इकबाल ने चुनाव में 482 मत हासिल किए थे, दूसरे नंबर पर रहे हाजी खुर्शीद को 464 मत मिले थे।
वहीं जियाउल हक को 381 मत प्राप्त हुए थे। हाजी खुर्शीद की तरफ से पैरवी करने वाले एडवोकेट नरेंद्र शर्मा ने बताया है कि चुनाव रद करने के साथ ही खुर्शीद की अर्जी को मंजूर कर लिया गया है। उन्होंने कहा कि अदालत ने अपना फैसला दे दिया है, चुनाव कराने का काम प्रशासन का है। बता दें कि पंचायत के चुनावों को लेकर कई केस अदालत में चल रहे हैं। इससे पहले कोर्ट ने हुंचपुरी के चुनाव को भी रद कर दिया था। यह मामला उच्च कोर्ट में अभी भी विचाराधीन है।