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: वह भूखा मर जाएगा लेकिन कभी सउदी अरब जाने की नहीं सोचेगा : हरीचंद
: हरीचंद ने कहा, पेट भरने के लिऐ उसे पानी बेचकर और ऊंट चराकर गुजारा करना पड़ा
: तीन बार दूतावास गया, लेकिन उन्होंने कोई मदद नहीं की
: हरी की मदद करने वाले हनीफ सईद और दी पब्लिक वर्ल्ड (thepublicworld.com) नेशनल न्यूज पोर्टल के संवाददाता यूनुस अलवी को सम्मानित किया जाएगा
: विदेश में फंसे लोगों की सरकार को मदद करनी चाहिए
यूनुस अलवी

हरीचंद ने पिछले चार साल की अपनी दुख भरी दास्तां अमर उजाला के साथ सांझा करते हुऐ बताया कि वह 27 जुलाई 2013 को पैसे कमाने के चक्कर में एक प्राईवेट ऐजेंट की मार्फत साउदी अरब गया था। एजेंट ने किसी कंपनी में भेजने की बजाऐ एक कफील के पास भेज दिया। जिसके पास वह करीब 17 महिने रहा लेकिन वह अक्सर छोटी-छोटी बातों पर मारपिटाई करता था और वेतन भी नहीं देता था। ऐग्रीमेंट के तहत वह 1200 रियाल प्रतिमाह पर गया था लेकिन उसे 17 महिने में केवल आठ ही महिने के कफील ने एक हजार रियाल प्रति माह दिऐ। वहां से वह भाग गया और एक दूसरे कफील के पास रहने लगा, उसे वहां जंगल में ऊंट चराने पडे, उसने भी 18 महिने में से 17 महिने का वेतन दिया। हिंदुस्तान आने के चक्कर में वह नोकरी छोडकर बथा शहर आ गया। उसने डुप्लीकेट पासपोर्ट बनवा लिया लेकिन पहले कफील द्वारा उसके खिलाफ झूठी शिकायत दर्ज कराने पर उसे हिंदुस्तान आने का वीजा नहीं दिया गया। अब वह बीच में अटक गया था। इस दौरान उसने एक यमनी शेख के पास तीन महिने नोकरी करी उसने एक भी पैसा नहीं दिया।
हरीचंद का कहना है कि वह हिंदुस्तान आने के लिऐ अपनी कोशिश करता रहा और खर्चा चलाने के लिऐ पानी बेचता था। वह तीन बार भारतीय दूतावास गया, जहां दूतावास के अधिकारियों ने कहा वेकेवल पासपोर्ट बना सकते हैं और कोई मदद नहीं कर सकते। हरीचंद का कहना है उसने सब्र कर लिया था कि अब वह हिंदुस्तान नहीं जा सकता। उधर अरब सरकार ने भी आदेश कर दिया था कि जो गैरकानूनी तरीके से अरब में रह रहे हैं वे 25 जुलाई 2017 से पहले चले जाऐं नहीं तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाऐगी। वहीं उसका पासपोर्ट 22 जुलाई को समाप्त हो रहा था। जिसकी वजह से उसकी धडकने और बढ गई थी।
हरीचंद का कहना है कि इसी दौरान मेवात के गांव अटेरना निवासी हनीफ सईद उसके लिऐ एक फरिश्ता बनकर सामने आया जिसने एक सप्ताह की कडी मेहनत और भाग दौड कर जहां उसके पहले कफील से समझोता कराया बल्कि उसका खरूज लगवाया। भागदौड कर हनीफ ने उसका 21 जुलाई की रात्री का टिकिट कंफर्म कराया। जिसकी वजह से वह आज सही सलामत गाँव पहुंच सका है। हरीचंद का कहना है कि वह भूखा मर जाऐगा लेकिन कभी साउदी अरब जाने की सौचेगा भी नहीं।
हरीचंद ने विदेश जाने वाले लोगों को संदेश देते हुऐ कहा कि कोई भी भाई कफील के पास भूल कर भी ना जाऐे। हिंदुस्तान से अच्छा कोई मुल्क नहीं हैं। अगर कोई जाना भी चहाता है तो किसी रजिस्टर्ड कंट्रक्शन कंपनी में जाऐ नहीं तो उनको भी मेरी तरह ऊंट चराने पड सकते हैं।
हनीफ और पत्रकर यूनुस अलवी को सम्मानित किया जाएगा
समाजसेवी एंव स्वराज इंडिया के संस्थापक सदस्य रमजान चौधरी, गोसेवा आयोग के चेयरमैन भानी राम मंगला, हरियाणा कांग्रेस प्रदेश सचिव मोहम्मदी बेगम, हरियाणा हज कमेठी के सदस्य मोहम्मद हबीब, मेवात विकास सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष उमर मोहम्मद पडला, समाजसेवी अखतर हुसैन झारोकडी ने कहा कि हरीचंद को सही सलामत हिंदुस्तान लाने में जहां साउदी अरब में नोकरी कर रहे मेवात के हनीफ सईद ने अहंम भूमिका निभाई है वहीं दी पब्लिक वर्ल्ड, अमर उजाला अखबार के संवाददाता यूनुस अलवी ने साउदी अरब से सीधा हरीचंद की समस्या को जनता और सरकार तक पहुंचाने में जो योगदान दिया है उसे भुलाया नहीं जा सकता है। उन्होने कहा कि हनीफ सईद और संवाददाता यूनुस अलवी को इसके लिऐ सही मौके पर सम्मानित किया जाऐगा।
विदेश में फंसे लोगो की मदद करे सरकार
कांग्रेस प्रदेश सचिव मोहम्मदी बेगम और स्वाराज इंडिया के संस्थापक सदस्य रमजान चौधरी का कहना है कि ऐसे मामलों में सरकार किसी भी कीमत पर अपना पल्ला नहीं झाड सकती है। विदेश कमाने जाने वाले लोगों की सरकार भेजने से पहले जांच करे। ऐसे मामलों में कठोर कदम उठाने चाहिऐ। विदेशी सरकारों से मिलकर श्रमरोजगार के लिऐ जाने वाले मजदूरों के हितों के कानून बनाऐ जाऐं। उनका कहना है कि एक हरी का मामला नहीं है बल्कि हिंदुस्तान के कितने हरी विदेशों में फंसे हुऐ हैं।
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