—- दरबार हॉल में पदाधिकारियों व कर्मियों की विशेष बैठक में कुलपति
—-संस्कृत विश्विद्यालय की कार्य संस्कृति को बदलने में जुटे डा0 सर्वनारायण झा
— संस्कृत पढ़कर जीवन बर्बाद करने जैसी मिथ्या सोच को समाप्त करने पर दिया बल
—- कर्मचारियों को उनका वाजिब हक देने का आश्वासन
दरभंगा। पदभार सम्भालने के दिन से ही लगातार संस्कृत विश्विद्यालय के विकास व यहां की कार्य संस्कृति में बदलाव के लिए प्रयासरत कुलपति डा0 सर्वनारायण झा की अध्यक्षता में आज दरबार हॉल में सभी पदाधिकारियों व कर्मियों की विशेष बैठक आयोजित की गयी। मौके पर कुलपति ने सभी को सहजता से पुचकारा भी और हिदायतों के साथ चेताया भी। भविष्य को उज्ज्वल करने के रास्ते भी बताये और समस्यायों का निदान भी सुझाया। कुल मिलाकर कहें तो कुलपति डा0 झा ने साफ कहा कि आइये मिलकर हमलोग एक नया इतिहास लिखें।
उक्त जानकारी पीआरओ निशिकांत ने दी. उन्होंने बताया कि सभी कर्मियों के साथ पहली सामूहिक बैठक में कुलपति साफ तौर पर शिक्षक की भूमिका में थे। उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की नासमझी के कारण ही उन्हें प्रोन्नति समेत अन्य लाभ नहीं मिल पा रहे हैं। बेहतर होगा दो- तीन समझदार कर्मचारी आगे आएं और नियम परिनियम के सापेक्ष में सारे काम पूरे हो जाएंगे। ए सी पी हो या एम सी पी सभी के सभी कार्यों के लिए अगर सरकार के समक्ष भी जाना पड़ेगा तो वे कर्मियों के साथ वहां तक जाएंगे। सिर्फ हमें यह देखना होगा कि किस कारणों से किसी की प्रोन्नति रुकी हुई है और किस नियम के आधार पर यह काम होना चाहिए। सिर्फ व सिर्फ पारदर्शिता से नियमानुकुल समवेत काम करने की जरूरत है।
हालांकि वीसी ने कहा कि वे उपदेश नहीं दे रहे हैं बल्कि आप सभी को स्टार्ट अप कर रहे हैं, कार्यो के प्रति झकझोड़ रहे हैं, उत्तदायी बना रहे हैं। मैं तो यहीं का छात्र रहा हूं और आज सेवा का मौका मिला है तो आप सभी हमें मन से सहयोग करें पूरा नजारा बदल जायेगा। मैं आज भी सभी को उसी छात्र के नजरिये से देखता हूँ। अगर आप सभी को लगे कि अनजाने में भी किसी के प्रति पक्षपात हो रहा हो तो बेशक हमें टोकें।
बैठक की महत्वपूर्ण बात यह रही कि कुलपति ने बड़ी ही दबंगता से कहा कि हम सभी को मिलकर इस अवधारणा को तोड़ना होगा कि संस्कृत विश्वविद्यालय में पढ़ने से बच्चों का भविष्य बर्बाद होता है। इसलिए जरूरत पड़े तो पम्पलेट छपवाकर स्टेशन, बस स्टैंड समेत अन्य सार्वजनिक स्थानों पर इस आशय का इश्तिहार भी निकालें कि हम समाज के बच्चों के भविष्य के लिए चिंतित हैं। हम बेहतर शिक्षा देने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं। आप बच्चों को पढ़ने भेजें और हम उसे जीने लायक बनाएंगे।
वीसी यहीं नहीं रुके। उन्होंने आगे कहा कि गलत कार्य करने से विवि की प्रतिष्ठा जाती है। यह शिक्षण संस्थान अपना है यह सोचकर काम करें और देखिए माहौल कैसे बदल जाता है।
कर्मचारी नेती रघुनण्दन लाल कर्ण ने कई समस्याओं को उठाया जिसपर कुलपति ने विधि सम्मत निदान का भरोसा दिया।
मौके पर प्रोवीसी डा 0 चन्देश्वर प्र0 सिंह व कुलसचिव डा0 शक्तिनाथ झा भी मौजूद थे।