मैथिली में अमलेन्दु को साहित्य अकादमी का बाल पुरस्कार

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—-युवा पुरस्कार के लिए चंदन चयनित

दरभंगा, निशिकांत। साहित्य अकादमी दिल्ली की ओर से हर साल दिये जाने वाले बाल साहित्य पुरस्कार एवं युवा पुरस्कार की घोषणा गुरुवार को कर दी गई है। मैथिली में वर्ष 2017 के बाल साहित्य पुरस्कार के लिए मैथिली के चर्चित साहित्यकार एवं पत्रकार अमलेन्दु शेखर पाठक का चयन किया गया है। उन्हें यह पुरस्कार उनके बाल उपन्यास “लालगाछी” के लिए प्रदान किया जाएगा। वहीं चंदन कुमार झा को कविता संग्रह ‘धरतीसँ अकास धरि’ के लिए युवा पुरस्कार मिलेगा।

 

यह जानकारी साहित्य अकादेमी में मैथिली की प्रतिनिधि डा. वीणा ठाकुर ने दी है। उन्होंने बताया कि आज गुवाहाटी में हुई अकदमी की कार्यसमिति की बैठक में निर्णायकों द्वारा लिये गये फैसलों पर स्वीकृति की मुहर लगा दी गयी। इसके उपरांत इन पुरस्कारों की घोषणा की गई है। मैथिली में इन पुरस्कारों को लेकर विगत 20 जून को दिल्ली में निर्णायकों की बैठक हुई थी। बालसाहित्य पुरस्कार के लिए गठित निर्णायक मंडल में डा. इंद्रकांत झा, डा. शशिनाथ झा तथा प्रभाष कुमार झा शामिल थे। तीनों निर्णायकों ने सर्वसम्मति से अमलेन्दु शेखर पाठक की पुस्तक का चयन पुरस्कार के लिए किया।

 

उधर युवा पुरस्कार के लिए गठित निर्णायक मंडल में सम्मिलित मंत्रेश्वर झा, योगेंद्र पाठक वियोगी तथा डा. बैद्यनाथ चौधरी बैजू ने चंदन कुमार झा के कविता संग्रह को पुरस्कार के लिए चुना। डा. ठाकुर ने बताया की चयनित दोनों लोगों को यह पुरस्कार आगामी 14 सितंबर को अलग से सम्मान समारोह का आयोजन कर अकादमी प्रदान करेगी। उल्लेखनीय है कि पुरस्कार स्वरूप अकादेमी की ओर से 50000 रु0 का चेक, ताम्रपत्र आदि दिए जाते हैं।

उल्लेखनीय है कि प्रो. पाठक मूलरूप से समस्तीपुर के मुजौना गांव के निवासी हैं और जन्म से ही दरभंगा में हैं। मैथिली के कवि, कथाकार, उपन्यासकार, समीक्षक, अनुवादक, पत्रकार के रूप में सुपरिचित प्रो. अमलेन्दु शेखर पाठक स्थानीय एमएमटीएम कालेज के मैथिली विभाग में व्याख्याता है और इनकी कई पुस्तकें प्रकाशित हैं। इन्होंने कई पुस्तकों व पत्र-पत्रिकाओं का संपादन भी किया है। वहीं चंदन कुमार झा मधुबनी जिला के सड़रा गांव के निवासी हैं और सम्प्रति कोलकाता में रहते हैं। ‘मोनक बात’ सहित इनकी भी कई किताबें प्रकाशित हैं।

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