रमजान माह के तीसरे जुमा की नमाज़ अता करने उमड़े भारी संख्या में रोजेदार

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: देश और मेवात में अमन चैन के लिये लोगों ने मांगी दुआ

यूनुस अलवी

मेवात:  शुक्रवार को पवित्र रमजान माह के 20वें रोजे के तीसरे जुमा की नामाज अदा करने के लिये भारी संख्या में नमाज पडने के लिये लोग मस्जिदों में पहुंचे। शुक्रवार को बरसात की वजह से मौसम ठंडा होने की वजह से रोजेदारों और नमाजियों को संख्या में काफी इजाफा देखा गया। जब मस्जिदें छोटी पडी तो लोगों को मस्जिदों की छतों और रास्तों में नमाज अदा करनी पडी। 
 
  मेवात जिला के पुन्हाना, पिनगवां, नूंह, नगीना, फिरोजपुर झिरका, तावडू, शाहचौखा, सिंगार, बिछौर, बीसरू, लुहिगाकलां सहित दर्जन भर गांवो की मस्जिदों मे जुमा की नमाज अदा की गई। पुन्हाना, पिनगवां और शाहचौखा की अड्डा वाली जामा मस्जिद में भारी संख्या में नमाजियों ने नमाज पढीी। तीसरे जुमा में नमाजियों की संख्या अनानक बढ गई। रमजान महिने में रखे जाने वाले रोजों की वजह से जुमा की नमाज का अधिक महत्व होता है। इस वजह से नमाज पढने आने वाले नमाजियों की संख्या में इजाफा हो जाता है। शुक्रवार को रमजान माह का 20वां रोजा था। जुमा के दिन का रखे गऐ रोजे का अधिक सवाब (पुण्य) मिलता है जिसकी वजह से भारी संख्या में लोगों ने रोजा रखा। जुमें की नमाज के दौरान मस्जिदों के इमामों ने लोगों से रोजा रखने, गरीब व यतीम लोगों की मदद करने का आहवान किया। 
 
   शाहचौखा की अडडा वाले मदरसे में कारी नसरूदीन फरीदी ने नमाज पढाई। इस मौके पर उन्होने रोजे की अहमियत, किन चीजों से रोजा टूट जाता है। रोजा रखे होने के दौरान गलत काम ना करने और रमजान के महिने में गरीब लोगों की मदद करने का आहवान किया। उन्होने कहा कि रमजान के महिने में जो आदमी अल्लाह के लिये एक रूपया खर्च करता है उसका 70 गुणा पुण्य मिलता है।
 
  मोलाना याहया करीमी का कहना है कि जुमा मुसलमानो की छोटी ईद के बराबर होता है। इस दिन लोगों को खुशबू, सुर्मा लगाना चाहिये और साफ-सुथरे कपडे पहनने चाहियें तथा आदमी को गुुसुल करना चाहिये। इन कामों के करने से काफी सवाब मिलता है।
 
 

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