फरीदाबाद ( धर्मेन्द्र यादव ): पूरे हरियाणा में एक बार फिर रोडवेज कर्मचारियों ने चक्का जाम कर दिया है. इसका असर फरीदाबाद में भी देखने को मिल रहा है . बल्लभगढ बस स्टॉप पर हरियाणा रोडवेज कर्मचारी बसों को पहियों में बे्रक लगाकर धरने पर बैठे हैं. हरियाणा सरकार मुर्दाबाद हमारी मांगे पूरी करो के विरोध स्वरूप नारे लगा रहे हैं। कर्मचारियों ने पूरे हरियाणा में सरकार द्वारा जिनी वाहनों को दिये गये परमिटों को लेकर रोडवेज हडताल की है.
उनकी मांग है कि निजी वाहनों के परमिट रद्द किये जायें और हरियाणा में रोडवेज बसों की संख्यां बढाई जाये। हडताल के बाद हजारों यात्रियों से खचाखच भरे रहने वाले बल्लभगढ बस स्टॉप पर सन्नाटा पसरा हुआ है. यात्री बस स्टॉप पर आये और हडताल को देख अपना सामान लेकर वापस लौटते हुए दिखे। आज की हडताल से फरीदाबाद में जहां हजारों यात्रियों को परेशानी हुई तो वहीं निजी बस चालाकों ने अंदर से लेकर उपर तक सवारियों से बस भरकर चांदी कूटी।
किसी को ड्यूटी जाना था तो किसी को स्कूल व कालेज, कोई अपनी रिश्तेदारी में जाने के लिये बस स्टॉप पहुंचा तो कोई गर्मियों की छुट्टी मानने के लिये दूर की सोचकर बस स्टॉप पहुंचा,, लेकिन कोई कहीं भी न जा सका । ऐसा ही दृश्य फरीदाबाद के बल्लभगढ बस स्टॉप पर देखने को मिला। जहां हजारों यात्री हरियाणा में ही नहीं देश के अन्य शहरों में जाने के लिये बस का साहरा लेते थे मगर आज हरियाणा रोडवेज कर्मचारियों की हडताल के चलते बसों का चक्का जाम रहा। सैंकडों बसे लाईन में बस डिपो पर एक साथ दिखी तो इनके चालक परिचालक हडताल पर बैठकर हरियाणा सरकार मुर्दाबाद के नारे लगाते हुए नजर आये। बसों की हडताल के कारण यात्रियों को वापस अपना सामान लेकर लौटना पडा जिससे उन्हें बहुत बडी परेशानी हुई।
यात्रियों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि आये दिन बिन बताये रोडवेज कर्मचारी हडताल कर देते है भुगतना यात्रियों को पडता है। गुडगांव जाने वाले व्यक्ति की माने तो उन्हें 9:30 बजे तक दफ्तर पहुंचना होता है मगर आज हडताल के कारण वो बल्लभगढ में ही खडे हैं। वहीं एक युवक ने बताया कि उन्हें अपने दफ्तर पहुंचना है नई नोकरी लगी है अगर समय से नहीं पहुंचे तो नोकरी खतरे में पड सकती है. उन्हें पहले से पता भी नहीं था कि रोडवेज हडताल है बस स्टॉप आने के बाद मालूम हुआ है। वहीं एक युवक मेवात जाने के लिये बल्लभगढ बस स्टॉप पहुंचा तो उसे पता लगा कि आज फिर से हडताल है साल में 4 बार कर्मचारी हडताल कर देते हैं पहले से कोई सूचना नहीं होती है, उन्हें नूंह जाना है जहां के लिये कोई निजी बस भी नहीं जाती है अब वो करें तो क्यों करें।