लाईफ लैब के रूप में विकसित होगा विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय

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किसी भी स्तर पर कोर्स में शामिल होने और छोड़ने की होगी आजादी 

 
गुरुग्राम, 26 मई। हरियाणा में विद्यार्थी अपनी इच्छा के अनुरूप कौशल विकास को अपनी पढ़ाई का हिस्सा बना सकें, इसके लिए हरियाणा विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय युवाओं के लिए एक ऐसा पाठ्यक्रम डिजाइन करने का प्रयास कर रही है, जिसमें युवा किसी भी स्तर पर कोर्स में शामिल भी हो सकें और जब चाहें उसे छोड़ भी सकें  । यह विश्वविद्यालय एक किस्म से लाईफ लैब होगा, जो हरियाणा ही नहीं देशभर में अपनी तरह का पहला विश्वविद्यालय बनेगा। 
 
यह जानकारी आज हरियाणा विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति राज नेहरू ने हरियाणा लोक प्रशासन संस्थान(हिपा) में आयोजित बैठक के दौरान दी। हरियाणा विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय को बनाने से पूर्व इसके इन्फ्रास्ट्रक्चर को लेकर विशेषज्ञों की टीम द्वारा विजन डाक्यूमेंट तैयार किया जाएगा जिस पर पिछले एक महीने से काम चल रहा है। विशेषज्ञों की इस टीम द्वारा आगामी दो-तीन माह में यह डाक्यूमेंट तैयार किए जाने की संभावना हैं ताकि इससे प्राप्त तथ्यों के आधार पर पाठ्यक्रम को डिजाइन किया जा सके। 
 
उन्होंने बताया कि विज़न डाक्यूमेंट बनाने के लिए विशेषज्ञों की टीम द्वारा इन्डस्ट्रीज, आईटीआई, शिक्षा विभाग , शिक्षण संस्थानों, विश्वविद्यालयों तथा अन्य महत्वपूर्ण संस्थानों के साथ तालमेल स्थापित कर काम किया जा रहा है। टीम द्वारा हरियाणा राज्य के सभी जिलों में विद्यार्थियों व युवाओं की आकांक्षाओ का डाटा भी तैयार किया जा रहा है ताकि पता लगाया जा सके कि वे किस क्षेत्र में अपना कैरियर बनाने के इच्छुक हैं। 
श्री नेहरू ने बताया कि जुलाई माह में विजन डाक्यूमेंट तैयार करने उपरांत विशेषज्ञों के लिए कार्यशाला आयोजित की जाएगी जिसमें विजन डॉक्यूमेंट के लक्ष्य को प्राप्त करने पर मंथन किया जाएगा। बाद में इस मंथन के आधार पर हरियाणा विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में रोजगार परक पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे। इसमें यह भी देखा जाएगा कि वर्तमान में उद्योगों में किस प्रकार के पाठ्यक्रम अथवा कोर्स की ज्यादा मांग है। मांग के अनुरूप ही युवाओं को हुनरमंद बनाया जाएगा। उन्होंने बताया कि प्रदेश के युवाओं के कौशल को प्रगतिशील रास्ते पर लाने के उद्द्ेश्य से इस विश्वविद्यालय का गठन किया गया है। प्रदेश में स्कूल स्तर, तकनीकी तथा उच्च शिक्षण संस्थानों के साथ समन्वय स्थापित कर विश्वविद्यालय का एक अनूठा मॉडल तैयार किया जाएगा। 
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय प्रदेश के युवाओं को उनकी रूचि के अनुरूप अपना कौशल विकसित करने का एक मंच प्रदान करेगा। विश्वविद्यालय में विद्यार्थी प्रोगे्रसिव फ्रेमवर्क के तहत काम सीखेंगे। उनकी ऑन जॉब ट्रेनिंग होगी, जिस दौरान उन्हें काम सीखने के साथ-साथ मेहनताना भी मिलेगा। उन्होंने बताया कि विद्यार्थी के कौशल को निखारने के लिए कई प्रकार के  लेवल तैयार किए गए है ताकि विद्यार्थी कोर्स करने के उपरांत अपने क्षेत्र में पूर्णतया दक्ष हो जाएं। 
उन्होंने कहा कि यह विश्वविद्यालय देश के अन्य शिक्षण संस्थानों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत करेगा। विश्वविद्यालय के पाठ्यक्रम को तैयार करने के लिए चुने गए विशेषज्ञ अत्यधिक अनुभवी है जो पाठ्यक्रम से जुड़े प्रत्येक पहलु का बारिकी से अध्ययन करेंगे। उन्होंने बताया कि देश में अभी तक ऐसा कोई भी शिक्षण संस्थान नही है जिसमें विद्यार्थी पढ़ाई के साथ साथ अपने कौशल में भी वृद्धि कर सकें।
विशेषज्ञों की टीम में कर्नल उत्कर्ष राठौर, डा. राज सिंह, सुश्री सिमी, संजय, सुश्री चंचल, डा. विक्रम, डा. दलीप रैना सहित कई अनुभवी व्यक्ति शामिल है। 

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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