“राज्य रानी एक्सप्रेस दुर्घटना के पीछे तोड़फोड़ का संकेत”

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नई दिल्ली : राज्य रानी एक्सप्रेस के पटरी से उतरने की घटना के पीछे तोड़फोड़ का संकेत देते हुए रेलवे ने शनिवार को कहा कि हो सकता है ‘बाहरी पहलुओं’के कारण पटरी में खामियां आई हों क्योंकि ऐसी खामी अचानक नहीं पैदा होती.
पुलिस ने पहले कहा था कि जिस जगह राज्य रानी एक्सप्रेस के आठ डिब्बे पटरी से उतरे, वहां रेलवे ट्रैक का तीन फुट का हिस्सा गायब है. रेल मंत्रालय के एक सूत्र ने बताया, ‘अल्ट्रासोनिक फ्लॉ डिटेक्टर यानी गड़बड़ी का पता लगाने वाले उपकरण यूएसएफडी का इस्तेमाल करके 27 फरवरी को पटरी की जांच की गई थी और कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई. इसलिए पटरी को हुए नुकसान में बाहरी कारक सक्रिय होने की आशंका से इनकार नहीं किया जा सकता.’ पटरी की अगली यूएसएफडी जांच 27 अप्रैल को होनी है, क्योंकि रेल पटरियों की स्वत: जांच हर दो महीने पर की जाती है. खराब रखरखाव या मानव-निर्मित वजहों से भी पटरी टूट जाती है. मानव-निर्मित वजहों को ‘बाहरी’पहलू या ‘तोड़फोड़’कहा जा सकता है.
इसके अलावा, सूत्र ने कहा कि राज्य रानी एक्सप्रेस से पहले पांच ट्रेनें उस पटरी से गुजरीं और उन ट्रेनों के लोको पायलटों ने किसी असामान्य घटना की सूचना नहीं दी. सूत्र ने बताया कि ट्रेन के पटरी से उतरने का सही कारण तभी पता चल सकता है जब जांच पूरी हो जाए, लेकिन तोड़फोड़ की तरफ संकेत हैं. रामपुर के पास आज सुबह राज्य रानी एक्सप्रेस के आठ डिब्बे पटरी से उतर गए. रामपुर जंक्शन रेलवे स्टेशन से दो किलोमीटर दूर और कोसी नदी पुल से करीब 100 मीटर दूर यह दुर्घटना हुई, जिससे यात्री जख्मी हुए और रेल यातायात प्रभावित हुआ.
रामपुर पुलिस के मुताबिक, 15 यात्री जख्मी हुए. इनमें से तीन यात्री गंभीर रूप से घायल हुए. दूसरी ओर रेलवे ने दावा किया कि सिर्फ दो यात्री – अमित कटियार और मेघ सिंह – जख्मी हुए. रेलवे ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं और प्रत्येक जख्मी यात्री के लिए 50-50 हजार रूपए की सहायता राशि की घोषणा की है.

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