महिला सशक्तिकरण- सहकारिताओं द्वारा’ विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन

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एसडीएम पटौदी ने महिलाओं से जुड़ी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की दी विस्तृत जानकारी

 
गुरुग्राम, 8 मार्च। हरियाणा राज्य सहकारी विकास प्रसंघ लिमिटेड(हरकोफैड) पंचकुला द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आज ‘महिला सशक्तिकरण- सहकारिताओं द्वारा’ विषय पर विचार गोष्ठी का आयोजन जिला गुरुग्राम के गांव ऊंचा माजरा में किया गया। इस अवसर पर पटौदी के एसडीएम रविंद्र यादव मुख्य अतिथि के तौर पर उपस्थित थे।
 
विचार गोष्ठी के दौरान एसडीएम ने केंद्र व राज्य सरकार की महिलाओं से जुड़ी विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं की विस्तृत जानकारी देते हुए इनसे जुडऩे के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि सहकारिता को विकास का एक अटूट साधन समझा जाता है, सहकारिता से जुडकर ही परिवार, समाज और देश का उत्थान किया जा सकता है।  इस दौरान पटौदी की सहायक पुलिस आयुक्त तान्या ने महिला सुरक्षा से जुड़ी सावधानियों की जानकारी देते हुए समाज में अपनी शक्ति के अनुसार योगदान देते हुए आगे बढऩे के लिए प्रेरित किया। 
इस अवसर पर उनके साथ हरकोफैड, पंचकुला के चेयरमैन रामेश्वर चौहान, पशु पालन विभाग की उप-निदेशक डा0 पुनिता, सहकारी समितियों के सहायक रजिस्ट्रार सतीश कुमार, पटौदी की महिला एवं बाल विकास अधिकारी डा0 मंजू, शिक्षा अधिकारी अर्जुन सिंह, सहायक सहकारी शिक्षा अधिकारी मनोज कुमार गोयल, सतबीर सिंह, श्री कृष्ण, शिवकुमार, रविंद्र कुमार सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
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गुरुग्राम, 08 मार्च। अभिलेखागार विभाग हरियाणा, रोहतक मण्डल द्वारा हरियाणा राज्य के स्वर्ण जयन्ती वर्ष के उपलक्ष्य में आज से राजकीय महाविद्यालय, सैक्टर-9, गुरूग्राम  मेें दुर्लभ एवं ऐतिहासिक दस्तावेजों की दो दिवसीय प्रदर्शनी का आयोजन किया गया । इस प्रदर्शनी का उद्घाटन महाविद्यालय की प्राचार्य श्रीमति डा0 सुषमा चौधरी द्वारा किया गया ।
अभिलेखाकार विभाग के सहायक निदेशक बलदेव सिंह ने बताया कि इस प्रदर्शनी में मुख्यतया सन् 1808 के नकशें में  हरियाणा से सम्बन्धित स्थानों को दर्शाया गया है। उन्होंने बताया कि सन् 1836 में शमशुइीन खान को मि0 फ्रेजर की हत्या के जुल्म में फांसी की सजा सुनाई गई। सन् 1857 में अंबाला छावनी में 26 मार्च से 1 मई 1857 तक आगजनी की घटनाओं की रिपोर्ट जिसमें बताया गया कि अंबाला में मेरठ से फोैजी आए तथा उन्होंने अंग्रेजों के बंगलों, सस्त्रागार, घुडसाल में आग लगाई थी । इस प्रकार अंबाला में मेरठ से भी पहले क्रांति का आगाज हो गया था।
10 मई 1857 को अंबाला में 5वीं और 60वीं रेजिमैंटों द्वारा शस्त्र उठाने की रिपोर्ट, 31 अक्तुबर, 1857 को झज्जर के किले में पाये गये खजाने जिसमें 5 थैले सोने की मोहरें प्रत्येक में एक हजार सोने की मोहरे थी , एक मोहर की कीमत 16 रूपये कुल 80000 रूपये तथा 59 बैग चादी के सिक्कों के दर्शाए गए हैं, एक बैग में 1000 सिक्के थे कुल 59000/- सिक्के थे जिसकी सोने व चादीं के सिक्कों की कुल कीमत 1,39,000 रूपये दर्शायी गई है। आखिरी मुगलबादशाह बहादुरशाह जफर द्वारा पहने गए गहनों की सूची जिसमें उन गहनों की कीमत 66905 रूपये आंकी गई थी।  5 जून 1857 में कैप्टन एच0आर0 जेम्स कार्यवाहक सचिव, मुख्य आयुक्त पंजाब द्वारा सचिव, भारत सरकार विदेशी विभाग को लिखा पत्र जिसमें मि0 वैडरबर्न ,कलैक्टर, हिसार कीे उनकी कचहरी में हत्या करने की सूचना, 11 अप्रैल, 1919 के बंबई क्रोनिकल में 10 अपै्रल, 1919 को महात्मा गांधी की पलवल में हुई गिरफतारी का विस्तृत समाचार, 1930 में आर्य समाज हाई स्कूल, शाहबाद के विद्यार्थियों द्वारा राष्ट््रीय आन्दोलन में भाग लेने की रिपोर्ट, 26 जनवरी, 1930 को स्वतन्त्रता दिवस समारोह मनाने और इस अवसर पर नगर आयुक्त, सोनीपत द्वारा राष्ट््रीय झण्डा फहराने की रिपोर्ट, विदेशी कपडों के बहिष्कार करने के समर्थन में विद्यार्थी द्वारा एक गधा किराये पर लेकर उसे विदेशाी कपड़े पैंट तथा कोट पहना कर उसे चश्मा लगा कर जलूस निकाला गया आदि को प्रदर्शनी में दिखाया गया । इसके अतिरिक्ति  प्रदर्शनी में प्रदर्शित बहादुर शाह जफर, झज्जर के नवाब अबदुल रहमान खान, बल्लबगढ के राजा नाहर सिहॅ, भगत सिंह, छोटू राम, राव तुला राम, हांसी के लाला हुकम चन्द जैन आदि के फोटो  भी प्रदर्शित किए गए । 
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक  डा0 प्रवीन कुमार फौगाट , डा0 मीनू शर्मा, प्रीति, मन्जू, राजकुमार, सुरेन्द्र कुमार व रवि सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
                           

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