फरीदाबाद(जयशंकर सुमन): एक दिन के लिए महिलाओं का गुणगान करके उन्हें सम्मान देना यह सब हमारे पुरुष वर्ग को शोभा नहीं देता।सबसे पहले हमें चाहिए कि हम उन मां, बहन, बेटियों, बहुओं और उन मासूम बच्चियों के प्रति अपना नजरिया बदलें और उन्हें हीन दृष्टि से देखना बंद करें.
य़ह विचार भारतीय जनता पार्टी महिला मोर्चा के सचिव अनिता पाराशर ने महिला दिवस के मौके पर व्यक्त किया. लोगों से अपील करते हुये अनिता पाराशर ने कहा कि महिला दिवस मनाने का केवल यह मतलब नहीं है कि एक दिन तो बहुत ऊंचे स्थान पर बैठाकर मान-सम्मान दे दिया जाए और दूसरे ही दिन राह चलती लड़कियों से छेड़खानी शुरू कर दी जाए! हमारे समाज पुरुष वर्ग को औरतो के प्रति सोच और नजरिया बदलने की जरूरत है उन्हें अपने घरों में बेटी या बहूओं का स्थान देने की पहल करें।तभी एक स्वस्थ और खुशहाल समाज का निर्माण हो सकता है।
भाजपा महिला मोर्चा के जिला सेकेट्री श्री मति पाराशर ने कहा कि हर घर में बहन बेटी है और पुरुष दूसरों की बहन बेटी तो अपनी बहन बेटियों की तरह समझे तो आज महिला दिवस मनाने की जरुरत ही नहीं पडे।
अनिता पाराशर ने कहा कि आज के युग में जब महिलाएं पुरुषों की हर मायने में बराबरी कर रही हैं!वास्तव में स्त्री को मिली आजादी आज भी अधूरी ही है बाहर भले ही महिलाएं अपना ओहदा और सम्मान बढ़ा पाई हों, लेकिन घर मेंउसके प्रति सोच और उसकी स्थिति में आज भी ज्यादा कोई अंतर नहीं आया है।