फसल अवशेष प्रबंधन पर किसान को प्रति एकड़ मिलेंगे एक हजार रुपए : उपायुक्त

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-वायु प्रदूषण होता है खेत में आग लगाने से
-अनुदान पर यंत्र दिए जा रहे हैं किसानों को

गुरूग्राम, 14 अक्तूबर। धान उत्पादक किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन के लिए हरियाणा सरकार एक हजार रूपए प्रति एकड़ के हिसाब से प्रोत्साहन राशि प्रदान करेगी। उपायुक्त निशांत कुमार यादव ने यह जानकारी देते हुए बताया कि किसान धान की कटाई के बाद अपने खेत में आग ना लगाएं। आग लगाने से वायु प्रदूषण होता है और मिट्टी के पोषक तत्व भी नष्ट हो जाते हैं।

उपायुक्त ने आज कहा कि गुरूग्राम जिला में करीब दस हजार हैक्टेयर भूमि में धान का उत्पादन होता है। मूछल व नॉन बासमती धान के अलावा इस बार बासमती धान उत्पादक किसानों को प्रोत्साहन राशि का लाभ दिया जाएगा। प्रदेश सरकार द्वारा फसल अवशेष प्रबन्धन योजना एसबी-82, 2024-25 के तहत अवशेषो को मशीनों की सहायता से मिट्टी में मिलाने पर किसानों को प्रति एकड़ एक हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि देने का निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि धान अवशेषों को मिट्टी में मिलाने से मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढेगी तथा वातावरण को स्वच्छ रखने में सहायता मिलेगी। जिला के किसान हैप्पी सीडर, सुपर सीडर, रिवर्सेबल एमबी प्लॉव व जीरो टिल सीड ड्रील की सहायता से धान अवशेषो को मिट्टी में मिलाकर प्रोत्साहन राशि के लिए आवेदन कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि आवेदक किसान को मेरी फसल मेरा ब्यौरा पोर्टल पर पंजीकरण करवाना अनिवार्य है ।

उपायुक्त ने बताया कि योजना का लाभ लेने के लिए किसान को विभागीय पोर्टल एग्रीहरियाणा.जीओवी.इन पर तीस नवंबर तक आवेदन करना होगा। ग्राम स्तरीय कमेटी (वीएलसी) से सत्यापन होने के बाद पात्र किसानों को प्रोत्साहन राशि का लाभ दे दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि कृषि विभाग से किसान अनुदान पर रोटावेटर, एमबी प्लाव, सुपर सीडर, हैप्पी सीडर आदि आधुनिक कृषि यंत्रों की खरीद कर सकते हैं।

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