प्रतिभा के दम पर समस्तीपुर से टीम इंडिया तक पहुंचा ‘बिहारी छोरा’ अनुकूल 

Font Size

नीरज कुमार 

समस्तीपुर : भारत के अंडर 19 क्रिकेट टीम के कप्तान ईशान किशन के बाद अब एक और बिहारी ने बिहार को क्रिकेट में इतराने का मौका दिया है. महज एक साल के अंदर ये दूसरा मौका है जब किसी बिहारी प्रतिभा ने अपनी मेहनत और हुनर के दम पर टीम इंडिया में जगह बनायी है. हम बात कर रहे हैं क्रिकेटर अनुकूल राय उर्फ़ छन्नू की जिसका चयन भारत की अंडर-19 टीम के लिये हुआ है. मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में वो देश की अंडर-19 टीम के लिये इंग्लैंड के खिलाफ खेल रह हैं.

समस्तीपुर से है नाता

अनुकुल हाल के दिनों में दूसरे ऐसे क्रिकेटर हैं जो टीम इंडिया में बिहार का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं. अनुकुल का नाता बिहार के एक छोटे से शहर समस्तीपुर से है जहां के पटेल मैदान में उन्होंने क्रिकेट का ककहरा सीखा. अनुकूल जिन्हें लोग प्यार से छन्नू के नाम से भी बुलाते हैं के पिता सुधाकर राय एक एडवोकेट हैं जबकि मां हाउसवाइफ हैं. पिता सुधाकर ने बताया कि मैंने अपने समय में क्रिकेट शौकिया तौर पर खेला था, घर में क्रिकेट को लेकर वैसा माहौल भी नहीं था लेकिन बेटा क्रिकेटर बनेगा इसका भरोसा जरूर था.

अंडर-19 टीम में तीन टेस्ट के लिये हुआ है चयन 

उम्दा प्रदर्शन और शानदार फार्म के कारण अनुकुल का चयन भारतीय अंडर-19 क्रिकेट टीम में हुआ है. वो फिलहाल ऐसी उपलब्धि हासिल करने वाले समस्तीपुर के पहले खिलाड़ी हैं. अनुकूल का चयन इंग्लैंड की जूनियर टीम के खिलाफ होने वाले तीन टेस्ट मैचों के लिए किया गया है. अनुकुल के पिता से जब सोमवार को बात हुई उस वक्त उनका बेटा वानखेड़े में चल रहे मैच में भारत के लिये खेल रहा था.

ऑलराउंड प्रदर्शन के दम पर बनाई जगह

स्थानीय पटेल मैदान में क्रिकेट का ककहरा सीखने वाले अनुकुल के टीम इंडिया में सेलेक्शन होने की खबर के बाद समस्तीपुर के पटेल मैदान का नजारा बदला-बदला सा था. अनुकुल का चयन टीम में बतौर ऑलराउंडर हुआ है. वो बायें हाथ के बल्लेबाज होने के साथ-साथ एक लेफ्ट आर्म स्पिनर भी हैं. अनुकुल के कोच ब्रजेश कुमार झा ने बताया कि वो हार्ड हिटर के साथ-साथ एक स्लो लेफ्ट आर्म स्पिनर भी है जो कि इंडियन कंडीशन में एक ऑलराउंडर के तौर पर उसे खास बनाता है.

बचपन से था क्रिकेट खेलने का जुनून

अनुकुल के पिता सुधाकर ने बताया कि उसने 2005 से ही क्रिकेट खेलना शुरू किया था. वो अपने खेल को लेकर काफी सीरियस था शायद यही कारण है कि उसने खेल के लिये पढ़ाई को साइड कर दिया. अपने होम टाउन समस्तीपुर में जिला और लीग क्रिकेट खेलने के बाद वो बिहार क्रिकेट टीम के लिये चुना गया. बिहार में क्रिकेट के भविष्य पर संकट के बादल घिरे तो उसने बगैर देर किये झारखंड का रूख किया और उसके बाद वहीं से खेलने लगा.

झारखंड अंडर 19 क्रिकेट टीम की भी संभाली है कमान

झारखंड जाने के बाद अनुकुल ने कभी पीछे मुड़ कर नहीं देखा. अनुकुल के पिता ने बताया कि मैंने उसका दाखिला भारतीय टीम के पूर्व गेंदबाद रह चुके वेंकटेश प्रसाद के क्लब में दिलवाया ताकि बेटे को सही दिशा और कोचिंग मिल सके. लगातार बेहतर प्रदर्शन और प्रैक्टिस करने के कारण उसे जल्द ही झारखंड क्रिकेट अंडर 19 टीम का कप्तान चुना गया था।

You cannot copy content of this page