“राष्ट्रीय प्रतीक के साथ भारत के पीएम की फोटो लगाना भाजपा का गैरकानूनी कदम”

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 जनहित याचिकाकर्ता प्रताप चन्द्र ने की चुनाव आयोग व पुलिस महानिदेशक से अमित शाह की शिकायत 

पीएम की फोटो का प्रयोग करना राष्ट्रीय प्रतीक अधिनियम और हाई कोर्ट के आदेश का उल्लंघन बताया 

 अगर अमित शाह पर  कार्रवाई नहीं हुयी तो होगा कन्टेम्ट

 "राष्ट्रीय प्रतीक के साथ भारत के पीएम की फोटो लगाना भाजपा का गैरकानूनी कदम" 2लखनऊ : भारतीय जनता पार्टी द्वारा भारत के प्रधानमंत्री की फोटो के इस्तेमाल पर जनहित याचिकाकर्ता प्रताप चन्द्र  ने चुनाव आयोग,गृह मंत्रालय और पुलिस महानिदेशक को लिखित शिकायत की है.  शिकायत में  कहा गया है कि राष्ट्रीय प्रतीक व् राष्ट्रीय ध्वज के दुरूपयोग हेतु जनवरी 2014 में जनहित याचिका प्रताप चन्द्र बनाम  भारत सरकार मुक़दमे में इलाहाबाद हाई कोर्ट, लखनऊ बेंच नें सभी कंसर्न एथोरिटी को The Emblem & Name Act, 1950 का अनुपालन सुनिश्चित कराने को कहा है |

भारत सरकार नें सुप्रीम कोर्ट में दाखिल राजनीतिक दलों को RTI में लाने के मुकदमें में हलफनामा दायर कर बताया था कि राजनीतिक दल सार्वजनिक प्राधिकार (Public Authority ) हैं, और The Emblem & Name Act, 1950 के 9-A के Pictorial Representation में शामिल कई लोगों के साथ ही भारत के प्रधानमंत्री भी शामिल हैं जिनके फोटो का इस्तेमाल सिवाय "राष्ट्रीय प्रतीक के साथ भारत के पीएम की फोटो लगाना भाजपा का गैरकानूनी कदम" 3सरकारी व् कैलेंडर के अलावा नहीं हो सकता है |"राष्ट्रीय प्रतीक के साथ भारत के पीएम की फोटो लगाना भाजपा का गैरकानूनी कदम" 4

उनका कहना है कि नियमों को धता बताते हुए राजनितिक दल भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष  अमित शाह नें उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव हेतु अपनी पार्टी के चुनाव-चिन्ह कमल को प्रचारित करने हेतु उसके साथ प्रधानमंत्री की फोटो लगाकर अपनी पार्टी का मेनिफेस्टो जारी किया और समाचार पत्र में विज्ञापन के साथ तमाम प्रचार के साधन पर भी पार्टी प्रधानमंत्री के फोटो का इस्तेमाल कर रही है . उनके नुसार यह न सिर्फ The Emblem & Name Act, 1950  का उल्लंघन है अपितु माननीय हाई कोर्ट के आदेश का भी उल्लंघन है |

उन्होंने कहा है कि भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह द्वारा किये जा रहे चुनाव प्रचार में मेनिफेस्टो सहित तमाम प्रचार माध्यमों से प्रधानमंत्री की फोटो का इस्तेमाल करने हेतु विधिक कार्यवाही सुनिश्चित करनें की कृपा करें . साथ यह भी मांग की है कि आगे इस्तेमाल पर रोक लगाना सुनिश्चित नहीं किया गया तो हाई कोर्ट के आदेश का उल्लंघन होगा जिसके लिए हाई कोर्ट में“कंटेम्पट” करेंगे .

                   

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