जिला में धरना-प्रदर्शन के लिए जिला प्रशासन की अनुमति आवश्यक :हरदीप सिंह

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गुरूग्राम: उपायुक्त हरदीप सिंह ने आज कहा कि जिला में किसी भी प्रकार का धरना-प्रदर्शन करने के लिए जिला प्रशासन की पूर्व अनुमति लेनी आवश्यक है।
 
उन्होंने कहा कि हालांकि गुरुग्राम जिला में जाट समाज के अधिकत्तर प्रतिनिधियों ने सांकेतिक रूप से शांतिपूर्ण धरना देने का आश्वासन जिला प्रशासन व गुरुग्राम पुलिस को दिया है, फिर भी ऐहतियात के तौर पर जिला प्रशासन हर प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उपायुक्त ने कहा कि जाट समाज की तरफ  से आवेदन आने पर धरना-प्रदर्शन के लिए जगह निर्धारित की जाएगी और इसमें यह ध्यान रखा जाएगा कि ये जगह राष्ट्रीय राजमार्ग, रेलवे लाईन अथवा अन्य संवेदनशील स्थलों के नजदीक ना हो।
 
उन्होंने कहा कि 29 जनवरी को जाट समाज द्वारा धरना देने की घोषणा दृष्टिगत जिला गुरुग्राम में शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए ऐहतियात के तौर पर ड्यूटी मैजिस्ट्रेट नियुक्त किए जाएंगे और जिला प्रशासन तथा पुलिस अधिकारियों द्वारा संयुक्त रूप से पट्रोलिंग की जाएगी। उन्होंने कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों में इन अधिकारियों के साथ वीडियो कैमरे से युक्त टीम भी होगी। साथ ही उन्होंने बताया कि संवेदनशील स्थानों पर दण्ड प्रक्रिया अधिनियम की धारा-144 भी  लागू की जाएगी। इस बीच गुरुग्राम पुलिस द्वारा तैयारियों के अंतर्गत मॉक ड्रिल भी की जा चुकी है। उपायुक्त ने जिलावासियों को आश्वस्त किया है कि गुरुग्राम जिला में किसी भी सूरत में कहीं भी रोड़ या रेलवे ट्रैक को बाधित नहीं होने दिया जाएगा।
 
श्री हरदीप सिंह ने  स्मरण करवाया कि सर्वोच्च न्यायालय ने ‘डिस्ट्रक्शन ऑफ पब्लिक एण्ड प्राईवेट प्रोप्रर्टीज वर्सिज स्टेट ऑफ आंध्रा प्रदेश एण्ड अदर्स’ में सुनाए गए अपने फैसले में कहा है कि संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का खर्च प्रदर्शन के आयोजको अथवा उन व्यक्तियों से वसूला जाएगा जिनके उकसाने से उपद्रव हुआ और संपत्ति को नुकसान पहुंचा है। उन्होंने जाट समाज के लोगों से एक बार फिर आज अपील करते हुए कहा है कि वे अपना धरना, यदि कोई हो, को पूर्ण रूप से शांतिपूर्ण रखें और कहीं कोई अप्रिय घटना ना होने दें। 
इस बीच जाट समाज द्वारा प्रदेश के पंचकूला, नूंह तथा गुरुग्राम सहित तीन जिलों में धरना-प्रदर्शन नहीं करने के बारे में समाचार प्रकाशित होने से गुरुग्राम जिला प्रशासन को कुछ राहत मिली है, परंतु फिर भी जिला प्रशासन तथा गुरुग्राम पुलिस किसी भी प्रकार का चांस नहीं लेना चाहते और ऐहतियात के तौर पर हर प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तैयारी में हैं।

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