पुन्हाना के शौचालायों पर कर रखे हैं कब्ज

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यूनुस अलवी
पुन्हाना: मेवात को ओडीएफ यानि खुले में शौचमुक्त बनाने के लिये भले ही मेवात के डीसी मणि राम शर्मा और उसके अधिकारी खुले मेें शौच करने वालों को सजा के तौर पर दंड बेठक करवा रहे हों, सुबेह-सुबेह गांव में पहुंच कर लोगों को शौचालय बनाने के लिये जागरूक कर रहे हों लेकिन खुद प्रशासन सार्वजनिक जगहों पर इससे निपटने के लिये कोई कदम नहीं उठा रहा हैं। पुन्हाना के जमलागढ चौक पर बने सार्वजनिक शौचालय पर तो लोगों ने कब्जा कर अपनी दुकानों का सामान भर रखा है।
 
   मेवात जिला के बडकली चौक, कस्बा पिनगवां, पुन्हाना के बस अड्डों पर सार्वजनिक शौचालय ना होने कि वजह से कर रोज करीब 20 से 30 हजार राहगीरों को भारी परेशानी होती है। मेवात के बस अड्डों पर शौचालय ना होने कि वजह से पुरूष हो दुकान, खोखे और दिवारों के साथ अपनी हाजत पूरी कर लेते हैं लेकिन महिलाओं को शौचालय ना होने से क्या परेशानी होती होगी ये तो एक पीडित औरत ही बता सकती है।
 
   मुबीन तेडिया, मुबारिक नोटकी और मकसूद शिकरावा का कहना है कि पुन्हाना मे चार साल पहले नगर पालिका पुन्हाना ने जमालगढ चौक पर तीन शौचालय, बाथरूम बनाये थे लेनिक यहां पर पानी का इंतजाम ना होने कि वजह से इनका कोई इस्तेमाल नहीं हो सका है। यहां पर जलेबी, आदी की रहेडी लगाने वाले लोगों ने इस पर कब्जा कर रखा है।
 
 आप को बता दें कि मेवात जिला का बडकली चौक को मेवात कि राजधानी के नाम से जाना जाता है क्योंकि बडकली चौक से गुडगांव-दिल्ली, अलवर, जयपुर, अलीगढ, मथुरा आदी बडे शहरों के अलावा करीब 100 गावों के लोगों का हर रोज आना जाना होता है। यहां पर करीब 20 से तीस हजार लोग सफर करते हैं। बडकली चौक पर करीब दो हजार दुकान और खोखे बने हुऐ हैं। पर बडकली चौक पर प्रशासन कि ओ से कोई सार्वजनिक शौचालय नहीं बनाया गया है। बडकली चौक पर दो मस्जिद है यहां रहने वाले कुछ लोग तो मस्जिद में अपनी जरूरी हाजत पूरी कर लेते हैं लेकिन हर कोई भी मस्जिद में नहीं जा पाता है इस लिये अधिक्तर दुकानदारों को करीब दो किलोमीटर दूर जंगल में शौच के लिये जाना पडता है। लोगों ने यहां सार्वजनिक शौचालय बनाने कि प्रशासन से कई बार मांग की पर डीसी साहब इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं। लोगों का कहना है कि जब तक सार्वजनक स्थानों पर शौचालय नहीं बनाऐ जाते तब तक मेवात शौचमुक्त नहीं हो सकता है।

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