श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का जीवन सदैव अनुकरणीय : कविता जैन

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350वें प्रकाशोत्सव के अवसर पर गुरुद्वारे में विशेष आयोजन 

गुरुग्राम। श्री गुरू गोबिंद सिंह के 350वें प्रकाशोत्सव के अवसर पर आज हरियाणा के सूचना, जनसपंर्क एवं भाषा विभाग तथा शहरी स्थानीय निकाय मंत्री श्रीमति कविता जैन ने गुरुग्राम के साऊथ सिटी-1 स्थित गुरुद्वारे पर जाकर मथ्था टेका और श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के बलिदान को याद किया । इस दौरान उनके साथ गुरुग्राम के विधायक उमेश अग्रवाल तथा भाजपा जिला अध्यक्ष भूपेन्द्र चौहान भी मौजूद रहे।

इस अवसर पर श्रीमति जैन ने कहा कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के प्रकाशोत्सव को मनाना हमारे लिए गौरव की बात है। श्री गुरु गोबिंद सिंह सिक्खों के दसवें गुरु थे। उन्होंने कहा कि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी का जीवन हमें हर क्षेत्र में आने वाली कठिनाईयों एवं चुनौतियों से लड़ते हुए जीने का सबक सिखाता है।

श्रीमति जैन ने कहा कि प्रदेश सरकार ने महापुरूषों से जुड़े विभिन्न दिवसों को सरकारी तौर पर मनाने का निर्णय लिया है। श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की 350वीं जयंती के अवसर पर आज से लेकर 11 फरवरी 2017 तक गुरु जी के जीवन से संबंधित कविता प्रतियोगिता, वाद-विवाद प्रतियोगिता एवं अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इसके बाद 12 फरवरी 2017 को करनाल की अनाज मंडी में राज्यस्तरीय समारोह आयोजित किया जाएगा। इस समारोह में इन सभी प्रतियोगिताओं के विजेताओं को सम्मानित किया जाएगा।

श्रीमती जैन ने कहा कि हरियाणा में जहां भी श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के चरण पड़े थे वहां के मुख्य गुरुद्वारों में भी विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की याद में अंबाला में स्मारक तथा कुरूक्षेत्र में सिक्ख संग्रहालय स्थापित किया जाएगा। इसके अलावा, श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के नाम से विश्वविद्यालय, कॉलेज एवं अन्य संस्थाएं स्थापित किए जाने के प्रस्ताव हैं। श्री गोबिंद सिंह जी के जीवन पर आधारित एक डाक्यूमैंट्री बनाई जाएगी तथा कॉफी-टेबल, पम्फलैट व होर्डिंग्स के द्वारा श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की शिक्षाओं का प्रचार व प्रसार किया जाएगा ताकि प्रदेश की युवा पीढ़ी श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के बलिदानों व आदर्शों के बारे में जान सकें। उन्होने प्रदेश के युवाओ से श्री गुरु गोबिंद सिंह के आदर्शों पर चलने की अपील करते हुए कहा कि उनके आदर्शों व दिखाए मार्ग पर चलकर हम देश की एकता व अखंडता को और अधिक मजबूत कर सकते हैं।

इस मौक़े पर गुरुग्राम के विधायक उमेश अग्रवाल ने कहा कि यदि श्री गुरु गोबिंद सिंह जी को एक पुत्र,पिता, लेखक , गुरु, त्यागी व योद्धा के रूप में देखा जाए तो उन्होंने सभी भूमिकाओं को ना केवल बखूबी निभाया है बल्कि इतिहास में मिसाल कायम की है। सभी जातियों व वर्ग-विभेद को समाप्त करके उन्होंने न सिर्फ समानता स्थापित की बल्कि उनमें आत्म-सम्मान और प्रतिष्ठा की भावना भी पैदा की। उनका मत स्पष्ट है-‘मानस की जात सभै एक है।’

वे एक विलक्षण क्रांतिकारी संत व्यक्तित्व के अलावा एक महान कर्मप्रणेता,अद्वितीय धर्मरक्षक, ओजस्वी, वीर रस के कवि होने के साथ साथ संघर्षशील वीर योद्धा भी थे। उनमें भक्ति और शक्ति,ज्ञान और वैराग्य, मानव समाज का उत्थान और धर्म एवं राष्ट्र के नैतिक मूल्यों की रक्षा के लिए त्याग एवं बलिदान की भावना थी। श्री अग्रवाल ने बताया कि स्वामी विवेकानंद जी ने भी श्री गुरु गोबिंद सिंह जी के त्याग और बलिदान का विश£ेषण करने के पश्चात् कहा था कि ऐसे व्यक्तित्व के आदर्श सदैव हमारे सामने रहने चाहिए।

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