बजट की तारीख का विपक्ष ने किया विरोध

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चुनाव आयोग के दरबार में पहुंचे विपक्षी दल 

कहा विधान सभा चुनाव में भाजपा कर सकती है बजट का दुरूपयोग 

नई दिल्‍ली : पांच राज्‍यों में विधानसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान के बाद भाजपा व विपक्ष के बीच चुनावी तलवारें चलनी शुरू हो गयीं हैं. विपक्ष ने आम बजट की तारीख को लेकर आपत्ति जताने का निर्णय लिया और एक फरवरी को केंद्रीय बजट पेश करने पर रोक लगवाने के लिए गुरुवार को चुनाव आयोग से मुलाकात की।

 

खबर है कि कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी पार्टियों ने निर्वाचन आयोग से मांग की है कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनावों में मद्देनजर केन्द्रीय बजट पेश करने पर प्रतिबन्ध लगाया जाए. इन चुनावों के बाद ही बजट पेश करने की अनुमति दी जाए. विपक्षी दलों को आशंका है कि बीजेपी बजट का इस्तेमाल चुनाव वाले राज्यों में मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए कर सकती है।

 

बताया जाता है कि  कांग्रेस, टीएमसी, जेडीयू, डीएमके, वामदल, आरएलडी व अन्‍य विपक्षी दलों के नेताओं ने गुरुवार को चुनाव आयोग से मुलाकात के दौरान चुनाव के बाद बजट पेश करने की मांग आयोग से की है। 

 

आयोग से मुलाकात के बाद कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद ने दावा किया कि नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा बजट में लोकलुभावन घोषणाएं की जा सकती हैं, ऐसे में निष्‍पक्ष चुनाव संभव नहीं हैं। हमारी मांग है कि बजट को 8 मार्च के बाद पेश किया जाए। उस समय तक पांचों राज्‍यों में मतदान संपन्‍न हो जाएंगे।

 

सभी विपक्षी दलों का मानना है कि बजट के माध्यम से लुभावनी घोषणाएं कर भाजपा मतदाताओं को लुभा सकती है। दूसरी तरफ चुनाव आयोग ने कहा है कि एक फरवरी को बजट पेश करने की योजना के खिलाफ राजनीतिक दलों द्वारा  दिए गए एक पत्र की वह जांच करेगा। विपक्ष की आशंका पर कटाक्ष करते हुए  वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सवाल किया कि अगर राजनीतिक दल दावा करते हैं कि नोटबंदी एक अलोकप्रिय फैसला है तो उन्हें बजट से डर क्यों लग रहा है.

 

सभी राजनीतिक दलों का दावा है कि उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और मणिपुर में वह बेहतर प्रदर्शन करेंगे। कांग्रेस, वाम, सपा और बसपा सहित विभिन्न दलों ने चुनाव आयोग को और राष्ट्रपति को पत्र लिख कर चुनाव से पहले बजट पेश किए जाने का विरोध किया है। इन दलों का कहना है कि चुनाव से ठीक पहले बजट पेश करने से भाजपा और उसके सहयोगियों को अनावश्यक तरीके से लाभ होगा क्योंकि केंद्र सरकार मतदाताओं को लुभाने के लिए आकषर्क घोषणाएं कर सकती है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त नसीम जैदी को लिखे एक पत्र में कहा है कि यह विपक्षी दलों की सामूहिक एवं गंभीर चिंता है कि एक फरवरी को बजट पेश किए जाने से सरकार को मतदाताओं को लुभाने के लिए लोकप्रिय घोषणाएं करने का अवसर मिल जाएगा।

 

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने कहा कि केंद्रीय बजट पेश करने की तारीख आगे बढ़ाई जानी चाहिए अन्यथा भाजपा को लुभावनी घोषणाओं के जरिये मतदाताओं को फुसलाने का मौका मिल जाएगा। शर्मा ने कहा कि यह साफ है कि सरकार बजट और संसद के दोनों सदनों में राष्ट्रपति के संयुक्त रूप से दिए जाने वाले परंपरागत भाषण का दुरूपयोग लुभावनी घोषणाएं करने और मतदाताओं को लुभाने में करेगी। माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने आज कहा कि एक फरवरी को बजट पेश करना सही नहीं है क्योंकि इससे तीन के बजाय केवल दो तिमाही की जीडीपी को ही बजट में शामिल किया जा सकेगा।

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