नई दिल्ली। देश में एक तरफ लॉक डाउन समाप्त होने की और केंद्र सरकार और कई राज्य सरकारें बढ़ रही है जबकि दूसरी तरफ कोरोना ने भारत में कहर बरपा ना तेजी से शुरू कर दिया है। पिछले 24 घंटे के दौरान देश में अब तक 1 दिन में सर्वाधिक 4296 नए कोरोना पॉजिटिव मामले सामने आए हैं। अब कुल पॉजिटिव लोगों की संख्या 67161 हो चुकी है जबकि अस्पताल में भर्ती 43976 लोग हैं और लगभग 20900 लोग इस बीमारी से निजात पा चुके हैं। 1 दिन के दौरान लगभग 111 लोगों की मौत हो चुकी है। यह आंकड़े वास्तव में देश के लोगों की आंखें खोलने के लिए काफी हैं। इससे साफ है कि देश में इस महामारी की चपेट में आने वाले लोगों की संख्या बेहद तेज गति से बढ़ने लगी है।
1 दिन पूर्व केंद्र सरकार ने लॉक डाउन में और ढील देने का संकेत देते हुए 15 जोड़ी पैसेंजर ट्रेन 12 मई से चलाने का ऐलान कर दिया है। कई राज्य सरकारों ने अपने यहां नियमों में ढील देते हुए औद्योगिक एवं व्यावसायिक गतिविधियों को संचालित करने की अनुमति दे दी है। खाद्य पदार्थ सहित शराब की दुकानें भी खोल दी गई है। लोग धड़ल्ले से सुबह 7:00 बजे से शाम 7:00 बजे तक ही नहीं बल्कि देर रात्रि तक सड़कों पर चक्कर लगाते दिख रहे हैं। दूसरी तरफ हरियाणा हो या देश का अन्य राज्य कोविड-19 संक्रमण के नए मामले तेज गति से सामने आने लगे हैं।
अगर बात की जाए राज्यवार पॉजिटिव मामले की तो 1 दिन में महाराष्ट्र में 1943 जबकि गुजरात में 398 तमिलनाडु में 669 देश की राजधानी दिल्ली में 381 राजस्थान में 106 मध्यप्रदेश में 157 उत्तर प्रदेश में 94 आंध्र प्रदेश में 50 वेस्ट बंगाल में 153 पंजाब में 17 तेलंगाना में 33 जम्मू कश्मीर में 25 कर्नाटका में 54 हरियाणा में 28 बिहार में पचासी केरल में सांप उड़ीसा में 25 चंडीगढ़ में चार झारखंड में ही त्रिपुरा में 16 उत्तराखंड में एक हिमाचल प्रदेश में तीन पुडुचेरी में दो नए मामले सामने आए हैं। अलग-अलग राज्यों के ये आंकड़े 1 दिन में इतने लोगों को कोविड-19 संक्रमण की चपेट में आने के प्रमाण है।
दूसरी तरफ दिल्ली हो या हरियाणा यूपी हो या देश के अन्य राज्य सभी जगह से शिकायतें आम हो चली है कि संबंधित राज्यों के स्वास्थ्य विभाग अब लोगों के सैंपल लेने में और उन्हें क्वॉरेंटाइन कराने में तथा पॉजिटिव मामले को डेडीकेटेड कोविड-19 हॉस्पिटल में भर्ती कराने में कोताही बरतने लगे हैं। अलग-अलग प्रकार की ऐसे परिवारों की वीडियो और संदेश अब सोशल मीडिया पर वायरल होने लगे हैं जिसमें लोग पॉजिटिव पाए जाने के बावजूद उनके परिवारों के सैंपल नहीं लिए जाने की शिकायतें करते देखे जा रहे हैं। दूसरी तरफ जिला प्रशासन ने अब कंटेनमेंट जॉन या हॉट स्पॉट एरिया एवं बफर जोन घोषित करने में भी निष्क्रियता का परिचय देना शुरू कर दिया है।
आरंभ में सरकार ने सभी राज्य सरकारों को 2 किलोमीटर के दायरे में कंटेनमेंट जॉन जबकि 3 किलोमीटर के दायरे में बफर जोन घोषित करने का निर्देश दिया था लेकिन अब जिले के अधिकारी इस गाइडलाइन को नकारने लगे हैं और लोगों की मांग के बावजूद कंटेनमेंट जोन घोषित करने में कई दिन लगा देते हैं।
जिला प्रशासन की ओर से निष्क्रियता देख कर अब स्थानीय पुलिस ने भी धीरे-धीरे स्वयं को केबल सायरन बजाकर लोगों को भयभीत करने की औपचारिकताओं तक सीमित कर लिया है। ना तो प्रशासन का कोई अधिकारी किसी इलाके में दौरा करता है और ना ही कोई सामाजिक संस्था लोगों में जागरूकता पैदा करने की कोशिश करती है। कुल मिलाकर स्थिति अब धीरे धीरे भयावह होती चली जा रही है। ऐसा प्रतीत होता है कि लोगों को अब अपनी गैर जिम्मेदाराना रवैए का खामियाजा बड़े पैमाने पर भुगतना पड़ सकता है क्योंकि लोग लॉक डाउन के नियमों का पालन तो नहीं कर रहे साथ ही स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए आवश्यक बताए गए उपायों को भी दरकिनार कर घरों से बाहर निकल रहे हैं।
2 दिन पूर्व देश में इस बात को लेकर हाय तौबा मचा की एम्स अस्पताल नई दिल्ली के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने आने वाले समय में जून-जुलाई के दौरान कोविड-19 संक्रमण की स्थिति भारत में बेहद खतरनाक मोड़ पर पहुंचने की बात की। को लेकर कई दलों के राजनेताओं ने लोगों को भयभीत करने वाला बयान करार दिया लेकिन पिछले 24 घंटे के दौरान आए 42 सौ से अधिक नए पॉजिटिव मामले से तो डॉक्टर गुलेरिया की बात पुष्ट होती नजर आती है। अगर यही रफ्तार रही तो देश में एक बार फिर पूर्ण बंदी का ऐलान करना पड़ सकता है और तब तक तब तक हम बहुत कुछ हो चुके होंगे।