गुरुग्राम, 04 सितंबर। जिला प्रशासन की टीम द्वारा बिना पंजीकरण के अल्ट्रासाउंड करते पाए जाने पर स्थानीय 4/8 मरला स्थित भाटिया डायग्नोस्टिक्स के संचालक डा. राजीव भाटिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाकर गिरफतार करवाया गया है। आज उसे न्यायालय में पेश किया गया, जहां से डा. भाटिया को दो दिन के रिमांड पर भेज दिया गया है।
जिला प्रशासन के प्रवक्ता ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा भाटिया डायग्नोस्टिक्स की 2 सितंबर को जांच की गई थी जिसमें पाया गया कि वहां पर बिना रजिस्टेªशन के अल्ट्रासाउंड किए जा रहे हैं तथा उनके फार्म एफ में भी काफी कमियां पाई गई। जांच टीम द्वारा यह रिपोर्ट जिला अप्रोप्रिएट अथोरिटी के समक्ष प्रस्तुत की गई। जिला अप्रोप्रिएट अथोरिटी में सिविल सर्जन, डिस्ट्रिक्ट अटोरिनी तथा महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी शामिल होते हैं। दस्तावेजों की जांच टीम में जिला ड्रग कंट्रोलर अमनदीप चैहान, वरिष्ठ चिकित्सा अधिकारी डा. अनिल व डा. किरणमीत शामिल थे।
जिला अप्रोप्रिएट अथोरिटी ने भाटिया डायग्नोस्टिक्स की जांच रिपोर्ट में डाक्युमेंट्स में कमी के आधार पर पीसीपीएनडीटी एक्ट की उलंघना का केस पुलिस में दर्ज करवाने के आदेश दिए। इसके बाद भाटिया डायग्नोस्टिक्स के संचालक डा. राजीव भाटिया के खिलाफ शिवाजी नगर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई गई। इसके बाद पुलिस ने डा. भाटिया को मंगलवार की रात्रि को गिरफतार भी कर लिया। उसे आज सीजेएम कोर्ट में प्रस्तुत किया गया जहां से उसे 2 दिन की रिमांड पर भेजा गया है।
गौरतलब है कि भाटिया डायग्नोस्टिक्स के संचालक डा. राजीव भाटिया को पीसीपीएनडीटी एक्ट की अवहेलना करने के आरोप में अब तीसरी बार हिरासत में लिया गया है। इससे पहले भी डा. भाटिया को गुरूग्राम की अदालत द्वारा पीसीपीएनडीटी एक्ट के उल्लंघन के मामले में तीन साल की सजा भी सुनाई जा चुकी है जिस पर बाद में उच्च न्यायालय द्वारा स्टे दे दिया गया और मामला उच्च न्यायालय में विचाराधीन है।
बिना पंजीकरण के अल्ट्रासाउंड करने वाला डॉक्टर गिराफ्तार, एफआईआर दर्ज
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