सीआईआई ऑटोमोटिव इंडस्ट्री 4.0 शिखर सम्मेलन
भारत में विनिर्माण क्षेत्र में देश के सकल घरेलू उत्पाद का केवल 16 प्रतिशत योगदान : राजीव गांधी
उद्योग 4.0 न केवल विनिर्माण क्षेत्र में बदलाव लाएगा बल्कि नए कारोबारी मॉडल भी लाएगा : निशांत आर्य
गुरुग्राम : भारतीय उद्योग परिसंघ द्वारा गुरुग्राम में सीआईआई ऑटोमोटिव इंडस्ट्री 4.0 शिखर सम्मेलन का आयोजन किया गया। इस असवर पर हरियाणा सरकार के उद्योग और वाणिज्य विभाग के प्रधाान सचिव सुधीर राजपाल ने अपने संबोधन में कहा कि भारतीय ऑटोमोटिव सेक्टर में चौथी औद्योगिक क्रांति का नेतृत्व हरियाणा करेगा और अन्य राज्यों पर प्रतिस्पर्धात्मक बढ़त बनाए रखेगा। उन्होंने यह भी सलाह दी कि भारतीय उद्योग चौथी औद्योगिक क्रांति के लिए तैयार हो जाए। दुनिया भर में कंपनियां उत्पादन में विघटनकारी प्रौद्योगिकियों और सर्वोत्तम प्रथाओं का विकास कर रही हैं और भारत में भी इन पद्धतियों को अपनाने की जरूरत है। राजपाल ने जोर दिया कि सरकार की भूमिका उद्योग के लिए एक सक्षम वातावरण बनाना है लेकिन साथ ही राज्य में नौकरी सृजन और राज्य में निवेश लाने की जिम्मेदारी भी सरकार की ही है।
उन्होंने एक ओर प्रौद्योगिकी विकास के बारे में बात की तो वहींं प्रौद्योगिकियों के कारण कम होने वाली नौकरियों को भी मुद्दा बताया और इसका हल निकालने का प्रयास करने की बात कही। उन्होंने सीआईआई और उद्योगों को राज्य सरकार के साथ भागीदारी करने का अनुरोध किया ताकि ऐसा तंत्र, नीतियां और भारत सरकार की योजनाओं और फंड आदि की पहचान की जा सके जिससे हरियाणा को अगली पीढ़ी के विनिर्माण के लिए तैयार करने हेतू लीवरेज किया जा सके। राजपाल ने बताया कि हरियाणा सरकार ने उद्योग को बढ़ावा देने के लिए राज्य में हर संभव कदम उठाएं हैं और आगे भी उठाते रहेंगे। निवेश की सुविधा के लिए एकल-छत प्रणाली को बढ़ावा देने के लिए एक अधिनियम द्वारा समर्थित विशेष उपाय किए गए हैं। हरियाणा एंटरप्राइज प्रमोशन एक्ट 2015 उद्योगों को राज्य में निवेश करने के लिए एक सक्षम ढांचा प्रदान करता है।
सीआईआई ऑटोमोटिव इंडस्ट्री 4.0 शिखर सम्मेलन के कांफ्रेंस अध्यक्ष तथा मारुति सुुजुकी इंडिया लिमिटेड के वरिष्ठ कार्यकारी निदेशक उत्पादन राजीव गांधी ने कहा कि भारत में विनिर्माण क्षेत्र में देश के सकल घरेलू उत्पाद का केवल 16 प्रतिशत योगदान है, जिनमें से 45 प्रतिशत अकेले ऑटोमोटिव उद्योग से है। इसलिए देश के आर्थिक विकास के लिए देश के मोटर वाहन उद्योग को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता होगी।
उन्होंने कहा कि मौजूदा मोटर वाहन मिशन योजना (2016-26) ने एक महत्वाकांक्षी लक्ष्य निर्धारित किया और भारत को 300 अरब डॉलर का राजस्व बनाने वाले दुनिया के शीर्ष तीन ऑटोमोटिव विनिर्माण केंद्रों में से एक बना दिया है जिससे देश के सकल घरेलू उत्पाद का 13 प्रतिशत योगदान दिया और 65 मिलियन लोगों को रोजगार मिला। अगले दशक में इन सभी के लिए ऑटोमोटिव उद्योग को उन्नत स्वचालन, डिजाइन और इंजीनियरिंग क्षमताओं पर ध्यान देने के साथ ही मूल्यवर्धित विनिर्माण में बदलाव करना आवश्यक है। इस प्रकार घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजार में घरेलू खिलाडिय़ों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाने और उसी समय भारत को पसंदीदा वैश्विक विनिर्माण गंतव्य के रूप में बढ़ावा देना चाहिए।
सीआईआई हरियाणा स्टेट काउंसिल के चेयरमैन तथा जेबीएम समूह के कार्यकारी निदेशक निशांत आर्य ने कहा कि उद्योग 4.0 न केवल विनिर्माण क्षेत्र में बदलाव लाएगा बल्कि नए कारोबारी मॉडल भी लाएगा। यह डिजाइन, निर्माण, संचालन और उत्पादों व उत्पादन प्रणालियों को बदल देगा। उन्होंने आगे कहा कि जैसा कि अगर मेक इन इंडिया को सफल करना है तो दुनिया भर के अन्य देशों की भांति भारत को भी उद्योग 4.0 के लिए आगे बढऩा होगा। इसका मतलब यह होगा कि हमें न केवल हमारे निर्माण में न केवल नई प्रौद्योगिकियों को अपनाना और अनुकूलित करना होगा, बल्कि हमारे आपूर्ति श्रृंखलाओं के जरिए उन्नत विनिर्माण प्रौद्योगिकियों को अपनाने के लिए लागत, गति, नवीनता और गुणवत्ता में प्रतिस्पर्धा को हासिल करने के लिए काम करना होगा।
आर्य ने कहा कि नवीनतम विकास के साथ तालमेल रखने के लिए उद्योग का समर्थन करने के लिए सीआईआई हरियाणा नियमित रूप से उद्योग 4.0 पर कार्यशालाओं का आयोजन कर रहा है। गुरूग्राम, फरीदाबाद, लुधियाना, नोएडा और मानेसर में पांच कार्यशालाएं आयोजित की गई हैं। मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के फैक्टरी ऑटोमेशन एंड इंडस्ट्रियल डिवीजन के निदेशक मकोतो योक्योयामा ने कहा कि भारत आज के निवेश के लिए सबसे ज्यादा आशाजनक स्थलों में से एक है। उन्होंने बताया कि जापान में कंपनियां एक दशक पहले उद्योग 4.0 की अवधारणा को लागू कर चुकी थीं और कंपनियों और ग्राहकों को काफी लाभ हुआ है।
ऑटोमोटिव व विनिर्माण कंपनियों को स्वचालन समाधान की जरूरत : डॉ विल्फ्रेड
रोलिंग बर्गर प्राइवेट लिमिटेड के ग्लोबल सुपरवाइजरी बोर्ड के सदस्य, मैनेजिंग पार्टनर इंडिया डॉ विल्फ्रेड जी ऑलबर ने विनिर्माण क्षेत्र के लिए उद्योग 4.0 के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने यह भी जोर दिया कि उद्योग 4.0 में मूल्य-श्रृंखला जैसे उन्नत स्वचालन / रोबोटिक्स, चीजों के इंटरनेट, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इत्यादि तकनीकी प्रगति के लिए अहम हैं। इन उभरती जरूरतों को पूरा करने के लिए, ऑटोमोटिव कंपनियों सहित विनिर्माण संगठनों को एक समग्र डिजिटलीकरण के आधार पर उद्योग 4.0 आवश्यकताओं को कवर करने वाले स्वचालन समाधान की जरूरत होगी।
समग्र मूल्य श्रृंखला में निर्माण कार्यों का एकीकरण की आवश्यकता : बाबू खान
सीआईआई उत्तरी क्षेत्र के वरिष्ठï निदेशक बाबू खान ने कहा कि बाजारों की बढ़ती जटिलता और विविधता निर्माताओं को अपने बाजारों, आवश्यकताओं और शर्तों के आधार पर, उनके स्रोत-प्राप्ति प्रक्रियाओं पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर रही थी। इसके लिए कंपनी के समग्र मूल्य श्रृंखला में निर्माण कार्यों का एकीकरण की आवश्यकता होती है जो कि प्रौद्योगिकियों की सुसंगतता की मांग करती है। इसके लिए बड़े पैमाने पर डेटा प्रवाह को संभालने की क्षमता, उपयुक्त मैट्रिक्स का उपयोग और जानकारी की सही व्याख्या जरूरी है। सम्मेलन में सुधीर राजपाल द्वारा ऑटोमोटिव इंडस्ट्री 4.0: कनेक्टेड एंड इंटेलिजेंट-टेक्नोलॉजी को अपनाकर प्रतिस्पर्धात्मकता सुनिश्चित करना’ नामक एक रिपोर्ट भी जारी की गई।
सीआईआई ऑटोमोटिव इंडस्ट्री 4.0 शिखर सम्मेलन में भारतीय उद्योगों को मजबूत और विश्व स्तर पर बनाने के लिए ऑटो उद्योग में हाल ही में तकनीकी प्रगति के विभिन्न पहलुओं पर समृद्ध अनुभव साझा करने वाले दुनिया के अग्रणी वाहन और घटक / प्रौद्योगिकी प्रदाताओं से उद्योग विशेषज्ञों और एक्सपैटें की उपस्थिति दर्ज की गई।
शिखर सम्मेलन में मित्सुबिशी इलेक्ट्रिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, मारुति सुजुकी इंडिया लिमिटेड, जेबीएम ग्रुप, रॉलेंड बर्गर प्राइवेट लिमिटेड, माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन (इंडिया) प्राइवेट लिमिटेड, टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज, कॉमौ इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, ओमैक ऑटो लिमिटेड, ओमट्रान ऑटोमेशन शामिल हैं। इनके साथ ही सीमेंस इंडस्ट्री सॉफ्टवेयर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, हीरो मोटोकॉर्प लिमिटेड, रॉबर्ट बोश इंजीनियरिंग एंड बिजऩस सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड, शिवम ऑटोटेक लिमिटेड, एसकेएफ इंडिया, निफ्को इंडिया प्राइवेट लिमिटेड, होंडा मोटरसाइकिल और स्कूटर इंडिया लिमिटेड। इस शिखर सम्मेलन में देश भर से 250 से ज्यादा कॉर्पोरेट्स शामिल हुए हैं।