सुभाष चन्द्र चौधरी /The Public World
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में दो राज्यों में हुए विधानसभा चुनाव के परिणामों पर भाजपा मुख्यलय में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में परिवारवाद की हार हुई है जबकि एक है तो सेफ है अब देश का महामंत्र बन चुका है. उन्होंने कहा कि उद्धव ठाकरे को महाराष्ट्र को अस्थिर करने की सजा मिली . उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में महायुति की भारी जीत विकसित भारत का आधार बनेगा. पीएम ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस परजीवी पार्टी है जो अपनी ही नहीं दूसरे की नैया डुबो दिया है.
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि कांग्रस सबसे अधिक सीटों पर चुनाव लड़ी और बुरी हार मिली. उन्होंने सत्ता भूख में कांग्रेस परिवार ने संविधान की निरपेक्षता चूर चूर कर दिया है. कांग्रेस और उद्धव ठाकरे ने सोचा था कि संविधान के नाम पर झूठ बोल कर एस सी एस टी और ओ बी सी बाँट देंगे लेकिन महाराष्ट्र की जनता ने इसे सिरे से खारिज कर दिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन की मुख्य बातें :
पूरे देश में सिर्फ और सिर्फ एक ही संविधान चलेगा… वो संविधान है बाबा साहेब अंबेडकर का संविधान, भारत का संविधान।
जो भी सामने या पर्दे के पीछे देश में दो संविधान की बात करेगा… उसको देश पूरी तरह से नकार देगा।
मैं कांग्रेस वालों और उनके साथियों को भी कहता हूं कि कान खोलकर सुन लो… अब दुनिया की कोई भी ताकत अनुच्छेद 370 को वापस नहीं ला सकती।
देश के हर राज्य का वोटर दूसरे राज्यों की सरकारों का आकलन भी करता है।
वो देखता है कि जो राज्य में बड़े-बड़े वादे करते हैं, उनकी परफॉर्मेंस दूसरे राज्यों में कैसी है।
महाराष्ट्र की जनता ने भी देखा कि कर्नाटक, तेलंगाना व हिमाचल में कांग्रेस सरकारें कैसे जनता से विश्वासघात कर रही हैं और ये आपको पंजाब में भी देखने को मिलेगा।
इसलिए कांग्रेस के पाखंड को जनता ने खारिज कर दिया है।
मैं आराम से बैठने के लिए पैदा नहीं हुआ हूं। वो दिन दूर नहीं जब भारत, दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनेगा।
हम मिलकर आगे बढ़ेंगे, एकजुट होकर आगे बढ़ेंगे और हर लक्ष्य को पाकर रहेंगे।
हम एक हैं, तो सेफ हैं!
मारे जीवन का मंत्र है- हमें सेवक बनकर देश के हर नागरिक की सेवा करनी है।
हमें उन सपनों को पूरा करना है, जिन्हें आजादी के मतवालों ने भारत के लिए देखा था।
चुनाव आएंगे-जाएंगे, लोकतंत्र में जय-पराजय चलती रहेगी, लेकिन भाजपा का, एनडीए का ध्येय सिर्फ चुनाव जीतने तक सीमित नहीं है।
हमारा ध्येय सिर्फ सरकार बनाने तक सीमित नहीं है, हम देश बनाने के लिए निकले हैं, हम विकसित भारत बनाने के लिए निकले हैं।
मैंने लाल किले से कहा था कि मैं एक लाख ऐसे युवाओं को राजनीति में लाना चाहता हूं, जिनके परिवार का राजनीति से कोई संबंध नहीं है।
आज एनडीए के अनेक ऐसे उम्मीदवारों को मतदाताओं ने समर्थन दिया है और मैं इसे बहुत शुभ संकेत मानता हूं।
आज कांग्रेस का अर्बन नक्सलवाद भारत के सामने एक नई चुनौती बनकर खड़ा हो गया है।
इन अर्बन नक्सलियों का रिमोट कंट्रोल देश के बाहर है और इसलिए सभी को अर्बन नक्सलवाद से बहुत सावधान रहना है।
आज कांग्रेस पार्टी की प्राथमिकता सिर्फ व सिर्फ परिवार है, देश की जनता नहीं है और जिस पार्टी की प्राथमिकता जनता ना हो, वो लोकतंत्र के लिए बहुत ही नुकसानदायी होती है।
सत्ता-भूख में कांग्रेस के परिवार ने संविधान की पंथ-निरपेक्षता की भावना को चूर-चूर कर दिया है।
हमारे संविधान निर्माताओं ने उस समय (1947) विभाजन विभीषिका के बीच भी हिंदू संस्कार और परंपरा को जीते हुए पंथ-निरपेक्षता की राह को चुना था।
लेकिन कांग्रेस परिवार ने झूठे सेक्युलरिज्म के नाम पर उस महान परंपरा को तबाह कर दिया।
कांग्रेस ने तुष्टिकरण का जो बीज बोया वो संविधान निर्माताओं के साथ बुहत बड़ा विश्वासघात है।