जद यू कार्यकारिणी की बैठक ख़त्म
बिहार में महागठबंधन चलता रहेगा
पटना : जनता दल यूनाइटेड ने मंगलवार को यह साफ़ कर दिया है कि महागठबंधन चलता रहेगा साथ ही यह भी कहा है कि जिन नेताओं पर आरोप लग रहे हैं वो जनता के सामने अपने आरोपों पर स्पष्टीकरण दें. इसके साथ ही जदयू ने इस मामले से बड़ी साफगोई से पल्ला झाड लिया है. उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर सीबीआई द्वारा मामला दर्ज किये जाने के बाद विरोधी लगातार उनके इस्तीफे की मांग कर रहे थे. इस मामले पर आज जदयू की बैठक में कोई निर्णय लिए जाने की उम्मीद थी.
जदयू कार्यकारिणी की बैठक के बाद मंगलवार शाम को प्रेस कांफ्रेंस में पार्टी प्रवक्ता नीरज कुमार ने यह जानकारी दी. उन्होंने साफ़ कर दिया कि जदयू अपनी परंपरा और सिद्धांतों से समझौता नहीं कर सकती है. उन्होंने कहा हमने अपने नेताओं पर कार्रवाई की है. अब जदयू यही उम्मीद गठबंधन में शामिल अन्य पार्टियों से भी करती है. नीरज ने कहा कि हमने हमेशा से गठबंधन धर्म को निभाया है और मरते दम तक ये धर्म निभायेंगे लेकिन जिन पर आरोप लगे हैं उन्हें तथ्यों के साथ जनता की अदालत में आने की जरूरत है. नीरज कुमार ने यबल दिया कि हम जनता के जनादेश का पालन करेंगे.
मिडिया की खबर के अनुसार बैठक से निकलते ही पार्टी नेता रमई राम ने कहा था कि तेजस्वी के मुद्दे पर अगले 4 दिनों में कोई फैसला हो सकता है. राम ने कहा कि किसी भी फैसले के लिए पार्टी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को अधिकृत किया गया है. जानकारी के मुताबिक बैठक में नीतीश कुमार ने कहा कि कानून अपना काम करेगा और सरकार अपना काम करेगी.
दूसरी तरफ बिहार में राजद नेता लालू प्रसाद और उनके बेटे व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव पर कथित भ्रष्टाचार के मामले और राजद ने कल ही स्पष्ट कर दिया था कि तेजस्वी अपने पद से इस्तीफा नहीं देंगे. मंगलवार को जद यू की बैठक हुई. मीडीया में यह खबर तैरने लगी कि तेजस्वी यादव को और समय देने का फैसला किया गया है. उल्लेखनीय है कि लालू प्रसाद के ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार चुप्पी साधे हुए हैं. जदयू ने भी लालू के समर्थन जैसे कोई संकेत नहीं दिए थे जबकि सहयोगी दल कांग्रेस ने राजद का समर्थन किया है .
लालू प्रसाद के घर पर सीबीआई छापेमारी के बाद से तेजस्वी यादव को लेकर अटकलें तेज हो चलीं थीं . नीतीश कुमार की छवि को ध्यान में रखते हुए उस उम्मीद की जा रही थी कि पञ्च मंत्रियों की तरह तेजस्वी से भी इस्तीफे मांगे जा सकते हैं. लेकिन संकेत है कि अब जदयू कार्यकारिणी ने तय किया है कि तेजस्वी के मामले में मुख्यमंत्री ही अंतिम फैसला लें.
दूसरी तरफ विपक्ष भाजपा ने महागठबंधन में दरार की स्थिति में नीतीश कुमार को बहार से समर्थन देने का ऑफर दिया है. प्रदेश भाजपा अध्यक्ष नित्यानंद राय ने कहा है कि अगर नीतीश कुमार राजद से अपना नाता तोड़ लेते हैं तो भाजपा उन्हें बाहर से समर्थन देगी. संभावना इस बात की कम है कि बिहार में सत्ता में बदलाव के समीकरण देखने को मिले क्योंकि नितीश कुमार प्रदेश की जनता को ऐसा कोई सन्देश नहीं देना चाहते है जिससे उनकी छवि सत्तालोलुप नेता के तौर पर बने.