भारत के मसाला निर्यात में रिकॉर्ड 12 प्रतिशत की वृद्धि
भारतीय मिर्च एवं जीरा निर्यात में उछाल
बड़ी इलायची के निर्यात में भी 30 फीसदी की वृद्धि
नई दिल्ली : दुनिया भर में खाद्य सुरक्षा से जुड़े कई कड़े नियमों के लागू होने के बावजूद भारत के मसाला और मसालों से जुड़े पदार्थों के निर्यात में रिकॉर्ड तेजी दर्ज की गई हैं। 2016-2017 में भारत ने 17664.61 करोड़ रूपये की कीमत के 94,7,790 टन मसालों का निर्यात किया। कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद अंतर्राष्ट्रीय बाजार में भारतीय मसालों की मांग बनी हुई हैं।
2015-2016 के दौरान 16238.23 करोड़ की लागत की 8,43,255 टन मात्रा का कुल निर्यात किया गया। जिसमें 12 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई। यह वृद्धि दर रुपए के संदर्भ में 9 फीसदी तथा डालर के संदर्भ में 9 फीसदी रही।
वित्त वर्ष 2016-2017 के दौरान भारत ने कुल 5,070.75 करोड़ रूपये की कीमत के 4,00,250 टन मिर्च का निर्यात किया। मिर्च के निर्यात में 15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई जबकि मूल्य के मामले में 27 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई।
मसालों में जीरा मिर्च के बाद सबसे अधिक निर्यात किये जाने वाला मसाला रहा। जीरे के निर्यात में मात्रा के लिहाज से 22 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई जबकि मूल्य के हिसाब से इसमें 28 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई। भारत से 2016-2017 में 1963.00 करोड़ रूपये कीमत का 1,19,000 टन जीरा निर्यात किया गया।
भारत ने पहले के निर्यात रिकॉर्ड को पीछे छोड़कर वैश्विक बाजार में कड़ी प्रतिस्पर्धा के बावजूद अपने मसालों की गुणवत्ता के बल पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मसालों की बढ़ती हुई मांग को पूरा किया। मसाला बोर्ड के अध्यक्ष डॉ ए.जयतिलक ने बताया कि कड़े खाद्य सुरक्षा मानको के बावजूद निर्यात में वृद्धि सराहनीय है।
पिछले वर्ष की तुलना में जिस मसाले में सर्वाधिक वृद्धि देखी गई वह सौंफ हैं। इसकी निर्यात मात्रा में इस वर्ष 129 फीसदी वृद्धि जबकि कुल मूल्य में 89 फीसदी की वृद्धि हुई। लहसुन, जायफल, जावित्री, और अजवाइन जैसे मसालों के निर्यात में भी वृद्धि हुई है।
डॉ. जयतिलक ने बताया कि मसाला बोर्ड के प्रयासो के चलते देश के प्राकृतिक रूप से ऑर्गेनिक क्षेत्र उत्तर पूर्व में बड़ी इलायची के उत्पादन में वृद्धि हुई हैं और इसके निर्यात में 30 फीसदी की वृद्धि हुई है।