महिलाओं को करना चाहिए एक दूसरे का सहयोग : शमीना शफीक
गुडग़ांव, 7 फरवरी, (अशोक): धार्मिक संस्था ब्रह्माकुमारीज के ओम् शान्ति रिट्रीट सेन्टर द्वारा मंगलवार को अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में बी बोल्ड फॉर चैंज विषय पर एक दिवसीय सेमीनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में समाज के अनेक प्रतिष्ठित क्षेत्रों से जुड़ी हुई महिलाओं ने भाग लिया। राष्ट्रीय महिला आयोग की पूर्व सदस्य व पॉवर फाउन्डेशन की अध्यक्ष शमीना शफीक ने सेमीनार को संबोधित करते हुए कहा कि अगर हम वास्तव में महिलाओं के विकास के लिए कार्य करना चाहते हैं, तो पहले महिलाओं को एक-दूसरे का सहयोग करना बहुत आवश्यक है। समाज में महिलाओं का स्तर काफी बेहतर हुआ है।
महिलाएं समाज की धुरी हैं, उनके परिवर्तन से ही समाज व देश का विकास संभव है। लेकिन पुरूषों के योगदान के बिना यह सबकुछ संभव नहीं हो पाता। पूर्व काउन्सलर मनदीप ने कहा कि हमें स्वयं को कमजोर नहीं समझना चाहिए, नारी स्वयं में एक शक्ति है। जब हम दूसरों को आगे बढ़ते देख खुश होते हैं, तब हमारी जीवन में बोल्डनेस आती है।
प्रीति मोगा ने कहा कि वे 50 वर्षों से नेत्रहीन हैं। जीवन में कई ऐसे मौके भी आए कि जब उन्होंने जीवन को समाप्त करने की ठान ली थी, लेकिन उन्होंने अपने भीतर की आवाज को सुना कि परिस्थितियों से नहीं हारना चाहिए। ब्रह्माकुमारीज की महिला प्रभाग की अध्यक्ष राजयोगिनी चक्रधारी ने कहा कि आज हम महिलाओं के विकास के लिए बहुत कुछ कार्य कर रहे हैं, लेकिन उससे भी अधिक आवश्यकता है उन्हें संस्कारवान बनाने की।
उन्होंने कहा कि आद्यात्मिकता हमें व्यवहार कुशलता के साथ-साथ धैर्यवान भी बनाती है। केंद्र की निदेशिका बीके आशा ने कहा कि हमें परिस्थितियों से कभी घबराना नहीं चाहिए। समाज में जब भी कोई व्यक्ति अच्छा कार्य करता है तो चुनौतियां भी आती हैं। उन चुनौतियों का सामना करना चाहिए। कोई भी परिवर्तन अचानक नहीं आता। हम जिस परिवर्तन को लाना चाहते हैं उसके लिए निरन्तर प्रयास जरूरी है। सेमीनार को सुमन महेश्वरी, रेखा बन्खा, अनुपम कुलश्री, दिव्या टण्डन, बीके हुसैन ने भी संबोधित किया। इस आयोजन में बड़ी संख्या में महिलाओं ने भाग लिया।