नई दिल्ली : लोकसभा चुनाव 2024 के लिए भाजपा अब तक दो सूची जारी कर चुकी है. पार्टी ने दोनों सूचियों में कुल 276 उम्मीदवारों के नामों का ऐलान कर दिया है. दर्जनों ऐसे नाम हैं जिनके लिए चुनावी राजनीति की पहली जीत तो हो चुकी है लेकिन कुछ ऐसे भी हैं जिनके वर्तामन और भविष्य पर सवाल खड़े हो गए हैं . क्योंकि भारतीय जनता पार्टी ने इस बार 21% वर्त्तमान लोक सभा सांसदों के टिकट काट दिए हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव के इतिहास को देखते हुए भाजपा नेतृत्व के बारे में इस बात की आशंका पहले से ही जताई जा रही थी कि बड़े पैमाने पर प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी इस बार भी वर्त्तमान सांसदों और मंत्रियों के टिकट काट सकते हैं . ऐसा इसलिए कि तीसरी बार सत्ता में आने की जुगत में लगी भाजपा सत्ता विरोधी लहर की आशंका से बचना चाहती है . सूत्र बताते हैं कि एंटी इनकमबेंसी फैक्टर को ध्यान में रखते हुए बनाई गई रणनीति के तहत और पार्टी के इंटरनल सर्वे के बाद प्रत्याशियों के नामों को अंतिम रूप दिया गया है.
प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने इस बार आगामी लोकसभा चुनाव में अकेले भाजपा के लिए अपने दम पर 370 सीटें जीतने का लक्ष्य तय किया है. जाहिर है इसके लिए प्रत्याशियों का चयन बेहद अहम हो जाता है. क्योंकि प्रत्याशियों की छवि पर भी जीत और हार निर्भर करता है. वैसे भी भाजपा इस बार 2019 की तुलना में 67 सीटें ज्यादा जीतना चाहती है और पार्टी का शीर्ष नेतृत्व यह अच्छी तरह जनता है कि यह लक्ष्य हासिल करना आसन नहीं है. जाहिर है फूंक फूंक कर कदम रखा जा रहा है.
भाजपा की जारी की गई दो सूचियों में कुछ ऐसे नाम भी कटे हैं जिन्हें शायद इस बात की बिलकुल भी उम्मीद नहीं थी. उदाहरन के तौर पर मध्य प्रदेश से प्रज्ञा ठाकुर, दिल्ली से डॉ हर्षवर्धन, मीनाक्षी लेखी, रमेश बिधूड़ी और प्रवेश वर्मा, हरियाणा से सुनीता दुग्गल और संजय भाटिया जैसे सांसदों के नाम शामिल हैं जिन्हें पार्टी ने इस बार प्रत्याशी नहीं बनाया .
बीजेपी ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट 2 मार्च को जारी की थी. इस लिस्ट में 195 प्रत्याशियों के नाम थे जिनमें से 33 सांसदों के टिकट काट दिए गए.
13 मार्च, बुधवार को भाजपा ने 72 नामों की दूसरी सूची जारी की. इसमें 30 वर्तमान एम् पी को टिकट देने से पार्टी ने मना कर दिया . दोनों सूचियों में शामिल 267 नामों में से ज्यादातर मौजूदा सांसदों के टिकट काटे गए हैं . दूसरी तरफ सूची का आकलन बताता है कि 140 सांसदों को पुनः टिकट देकर एक और मौका दिया है. इस सूचि में 67 सांसदों के टिकट काट दिये गए. टिकट कटने वाले दो सांसदों में गौतम गंभीर का नाम भी शामिल है. उनकी जगह पूर्वी दिल्ली में हर्ष मल्होत्रा को पार्टी ने उम्मीदवार बनाया है. हालांकि गौतम गंभीर ने पहले ही चुनाव न लड़ने का ऐलान किया था जबकि हरियाणा के हिसार से सुनीता दुग्गल और संजय भाटिया का नाम भी नहीं है. पार्टी ने उनकी जगह आम आदमी पार्टी से भाजपा में आए अशोक तंवर को उम्मीदवार बनाया है.
बीजेपी की दूसरी सूची में महाराष्ट्र और कर्नाटक से 20-20, गुजरात से 7, तेलंगाना और हरियाणा से 6-6, मध्य प्रदेश से 5, दिल्ली, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश से 2-2 और दादरा एवं नगर हवेली से 1-1 नाम सामने आये हैं.
दिल्ली में, भाजपा ने 7 में से छह मौजूदा सांसदों को बदल दिया है. सिर्फ मनोज तिवारी को ही पार्टी ने दोबारा टिकट दिया है. जिनके नाम गायब हैं उनमें मीनाक्षी लेखी, हंसराज हंस, गौतम गंभीर, डॉ हर्षवर्धन, प्रवेश वर्मा और रामबीर सिंह बिधूड़ी .
दूसरी तरफ कर्नाटक के लिए घोषित 20 प्र्सत्याशियों में से भाजपा ने इस बार 11 सांसदों को टिकट नहीं दिया है जो अपने आप में चौकाने वाला निर्णय है. इतने बड़े पैमाने पर प्रत्याशियों को बदलने के पीछे पिछले वर्ष कर्णाटक में हुए विधानसभा चुनाव में पार्टी की हुई बुरी हार को माना जा रहा है. भाजपा नेतृत्व ने माना है कि इन सांसदों के प्रति लोगों में नाराजगी थी. यहाँ सिर्फ आठ एम् पी को दोबारा मौका दिया है.
देश के सर्वाधिक लोकसभा सीटों वाले राज्यों में से एक महाराष्ट्र में बीजेपी ने 14 मौजूदा सांसदों पर दोबारा भरोसा जताया है. यहाँ सिर्फ 5 सांसदों के ही टिकट काटे गए हैं. जाहिर है पार्टी को इंटरनल सर्वे में इनके बारे में अच्छी रिपोर्ट मिली है. महाराष्ट्र में दोबारा मौका पाने वाले सांसदों में नागपुर से केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी शामिल हैं. गडकरी के नाम को लेकर पिछले कई माह से कयासबाजी जोरों पर थी कि उन्हें इस बार टिकट नहीं दिया जायेगा. लेकिन सारे विश्लेषण धरे रह गए. इस राज्य में बीड में प्रीतम मुंडे की जगह उनकी बहन पंकजा मुंडे को टिकट दिया गया है जो महाराष्ट्र में कभी भाजपा की राजनीतिक धूरी रहे गोपीनाथ मुंडे की बेटी हैं .
बात की जाय प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के गृह राज्य गुजरात की तो यहाँ से सात मौजूदा सांसदों में से सिर्फ तीन को ही रिपीट किया गया है. केंद्रीय मंत्री दर्शना जरदोश की जगह मुकेश दलाल को टिकट दिया है.
हरियाणा में घोषित छह उम्मीदवारों में से तीन मौजूदा सांसदों को फिर से मौका दिया गया है और 2 को बदल दिया गया है जिनमें हिसार से सुनीता दुग्गल और करनाल से संजय भाटिया के नाम शामिल हैं. हिसार से अशोक तंवर जबकि करनाल से पूर्व सीएम मनोहर लाल को चुनावी मैदान में उतारा गया है जबकि अम्बाला सीट पर मौजूदा सांसद रतन लाल कटारिया की मृत्यु हो गई थी, उस पर उनकी पत्नी बंतो कटारिया के नाम का ऐलान किया गया है.
दक्षिण के राज्य तेलांगना में भाजपा ने पिछली बार 4 सीटें जीती थी. इस राज्य में भाजपा ने एक मौजूदा सांसद को दोबारा टिकट दिया है और एक का टिकट रद्द कर दिया है.
मध्य प्रदेश में दूसरी सूचि में पांच उम्मीदवारों में से दो सांसदों को फिर से मौका दिया गया है और दो का टिकट काट दिया गया है. पार्टी ने नए उम्मीदवार, विवेक साहू को छिंदवाड़ा निर्वाचन क्षेत्र में नकुल नाथ के खिलाफ मैदान में उतारा है.
हिमाचल के लिए दूसरी सूचि में दोनों सांसदों को फिर से टिकट दिया है. इसमें हमीरपुर से केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का नाम भी शामिल है .
उत्तराखंड के दोनों मौजूदा सांसदों को टिकट नहीं दिया है. त्रिपुरा में एक सांसद को बदला गया है, जबकि दादरा और नगर हवेली के सांसद, जो शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट के साथ थे, अब बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ेंगे.