नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली समिति ने देश के दो चुनाव आयुक्तों का चयन कर लिया है। समिति के सदस्य एवं लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के संसदीय दल के नेता अधीरंजन चौधरी ने मीडिया को बताया कि चयन समिति ने सुखबीर सिंह संधू और ज्ञानेश कुमार को देश के अगले चुनाव आयुक्त के रूप में चयन किया है। इस समिति में प्रधानमंत्री के अलावा गृह मंत्री अमित शाह भी हैं। चुनाव आयुक्त के चयन की प्रक्रिया को लेकर कांग्रेस नेता ने बैठक में असहमति जताई।
चयन समिति द्वारा चयनित आईएएस अधिकारी सुखबीर सिंह संधू और ज्ञानेश कुमार 1988 बैच के सेवानिवृत्ति अधिकारी हैं . श्री संधू उत्तराखंड कैडर से हैं जबकि ज्ञानेश कुमार केरल कैडर से हैं।
सुखबीर सिंह संधू उत्तराखंड राज्य के मुख्य सचिव और नेशनल हाईवे अथॉरिटी के अध्यक्ष सहित कई प्रमुख पदों पर रह चुके हैं जबकि श्री कुमार संसदीय कार्य मंत्रालय और सहकारिता मंत्रालय के सचिव के रूप में काम कर चुके हैं।
इस मामले पर कांग्रेस नेता अधीरंजन चौधरी ने पत्रकारों को बताया कि चयन समिति में मुख्य न्यायाधीश की जगह एक केंद्रीय मंत्री को शामिल करने वाले कानून को लेकर उनकी आपत्ति है। उन्होंने कहा कि देश के मुख्य न्यायाधीश को इस समिति में होना चाहिए था लेकिन पिछले साल संसद से पारित कानून से अब यह चयन प्रक्रिया केवल औपचारिकता बन कर रह गई है। उनका कहना है कि जिस समिति ने दो चुनाव आयुक्तों का चयन किया उसमें सरकार का बहुमत है और वह जो चाहते हैं वही होता है।
अधीरंजन चौधरी ने कहा कि उन्हें एक दिन पूर्व रात में चयन समिति की बैठक के बारे में जानकारी दी गई थी उन्होंने कानून मंत्रालय से चुनाव आयुक्त के लिए तैयार सूची की मांग की थी और उन्हें 212 नाम वाली सूची मुहैया कराई गई थी . उन्होंने कहा कि एक दिन में इतने सारे उम्मीदवारों के बारे में पता करना या जांच करना संभव नहीं है। कांग्रेस नेता ने कहा कि बैठक से 10 मिनट पहले उन्हें 6 लोगों की शॉर्टलिस्टेड सूची दी गई। उन्होंने कहा कि सरकार का बहुमत है इसलिए उन्होंने अपने मन माफिक चुनाव आयुक्त चुन लिए।
उन्होंने बल देते हुए कहा कि किसी भी व्यक्ति से उनका कोई द्वेष नहीं है लेकिन चयन प्रक्रिया में तकनीकी खामियों को लेकर उन्होंने अपना डीसेंट नोट सौंपा है।