पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा बोले : बीजेपी-जेजेपी सरकार ने अपने कर्जे की किश्त देने के लिए भी नया कर्जा ले रही है

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-विपक्ष के नेता ने कहा , मनोहर सरकार के बजट ने जनता की उम्मीदों को तार-तार कर दिया

चंडीगढ़ : पूर्व मुख्यमंत्री व हरियाणा विधानसभा में विपक्ष के नेता भूपेन्द्र सिंह हुड्डा ने कहा कि बीजेपी – जेजेपी सरकार अपने कर्जे की किश्त देने के लिए भी नया कर्जा ले रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि मनोहर लाल सरकार ने बजट में झूठी तस्वीर पेश की है। बजट में सरकार ने ₹3,17,982 करोड़ कर्ज दिखाया है, जबकि असल में ये कर्ज ₹4,51,368 करोड़ है, जो GSDP का 41.2% है। यह 33% की मानक सीमा से कहीं अधिक है। इससे स्पष्ट है कि BJP-JJP सरकार ने प्रदेश पर कर्जा बढ़ाने का काम किया है। उन्होंने बल देते हुए कहा कि सच्चाई यह है कि हरियाणा Debt Trap में फँसने जा रहा है।

पूर्व सीएम भूपेन्द्र सिंह हुड्डा बोले : बीजेपी-जेजेपी सरकार ने अपने कर्जे की किश्त देने के लिए भी नया कर्जा ले रही है 2श्री हुड्डा आज विधानसभा में मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा पेश वित्त वर्ष 2024-25 का बजट पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे थे . उन्होंने पत्रकारोक के सवाल पर कहा कि सरकार द्वारा पेश किए गए पिछले और नए बजट के आंकड़ों की तुलना से पता चलता है कि कृषि के बजट में 0.28% की कटौती की गई.  इसे 11.80 से घटाकर 11.52% किया गया है। इसी तरह परिवहन, सिविल एविएशन और सड़कों के बजट में 0.14%, ग्रामीण विकास और पंचायत के बजट में 0.9%, शिक्षा के बजट में 0.3%, जनस्वास्थ्य विभाग के बजट में 0.21% कटौती की गई है।

पूर्व मुख्यमंत्री व कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता ने कहा कि बीजेपी-जेजेपी सरकार सिर्फ कर्जे, महंगाई और बेरोजगारी के आंकड़े बढ़ा रही है। जबकि कांग्रेस ने विकास के पैमाने पर प्रदेश को आगे बढ़ाया।

उन्होंने कहा कि कांग्रेस कार्यकाल के दौरान 2005-06 से 2014-15 तक जीएसडीपी की वृद्धि दर 18% सालाना थी, जो 2014-15 से 2022-23 तक घटकर सिर्फ 9% रह गई।

विपक्ष के नेता ने कहा कि  2005-06 में जब कांग्रेस ने सत्ता संभाली तो राज्य सकल घरेलू उत्पाद के मुकाबले कर्ज की दर 26% थी। इसे 2014-15 तक कांग्रेस सरकार ने घटाकर 15% कर दिया था। लेकिन बीजेपी-जेजेपी ने इसमें लगभग दोगुनी बढ़ोतरी करके 2022-23 तक इसे 28% कर दिया।

उन्होंने जोर देते हुए कहा कि बीजेपी – जेजेपी विफल सरकार का विफल बजट था, जिसने हर वर्ग को निराश किया। जनता को उम्मीद थी कि चुनावी बजट होने की वजह से कम से कम घोषणा में ही सही, उसे इस बार महंगाई, बेरोजगारी, बेतहाशा टैक्स और आर्थिक मंदी से कुछ राहत मिलेगी। लेकिन सरकार ने जनता की उम्मीदों को तार-तार कर दिया।

उनका कहना था कि पूरे बजट में न कहीं MSP का जिक्र है, न MSP पर बोनस का, न बुजुर्गों को 5100 पेंशन, न OPS, न हर जिले में मेडिकल कॉलेज और न गरीबों को पक्के मकान का कोई जिक्र है। जबकि चुनाव में यहीं वादे करके बीजेपी-जेजेपी सत्ता में आई थी।

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