बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ की हरियाणा झांकी की प्रशंसा

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चंडीगढ़ :  68वें गणतंत्र दिवस के उपलक्ष्य में नई दिल्ली में राजपथ पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ थीम पर आधारित हरियाणा की झांकी आकर्षण का केंद्र रही। राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी तथा गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि अबुधाबी के प्रिंस शेख मोहम्मद बिन जाएद अल नाहयान की उपस्थिति में जब राजपथ से हरियाणा की झांकी गुजरी तो उपस्थित जनसमूह ने खड़े होकर करतल ध्वनि से स्वागत किया। 

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को समर्पित हरियाणा की झांकी में राज्य के ग्रामीण जनजीवन व लोक संस्कृति की झलक तो नजर आई साथ ही अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला, रियो ओलंपिक पदक विजेता साक्षी मलिक, पैरालंपिक दीपा मलिक की उपलब्धियां भी नजर आई। हरियाणा की इन बेटियों ने दुनिया भर में हर भारतवासी का मस्तक गर्व से ऊंचा किया है। श्री मोदी ने देश में हरियाणा में पानीपत से 22 जनवरी, 2015 को बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ का आह्वान किया था। मुख्यमंत्री  मनोहर लाल के नेतृत्व में हरियाणा के लोगों ने प्रधानमंत्री के आह्वान को चुनौती के रूप में स्वीकार करते हुए लिंगानुपात के क्षेत्र में उल्लेखनीय सुधार किया। जिसकी प्रशंसा प्रधानमंत्री श्री मोदी स्वयं भी जनवरी, 2016 में आकाशवाणी पर प्रसारित होने वाले कार्यक्रम मन की बात में कर चुके हैं।

मुख्यमंत्री  मनोहर लाल के नेतृत्व में लिंगानुपात में सुधार के लिए चलाए गए जनजागरण के प्रयासों से हरियाणा में वर्ष 2016 के दौरान पैदा हुए बच्चों में लिंगानुपात की स्थिति प्रति हजार लडक़ों पर लड़कियों की संख्या 900 रही है। जोकि वर्ष 2001 की जनगणना के उपरांत अब तक सबसे अधिक है। आज हरियाणा में कोई भी ऐसा जिला नहीं है जहां लिंगानुपात की स्थिति 850 से कम हो जबकि राज्य के 12 जिलों में लिंगानुपात की दर 900 से अधिक है।
लिंगानुपात की स्थिति में सुधार लाने के लिए जनजागरण के साथ-साथ लिंग जांच व भ्रूण हत्या जैसे घिनौने कार्य में संलिप्त लोगों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी की गई। हरियाणा में पीएनडीटी एक्ट के तहत अब तक 400 एफआईआर की जा चुकी है। जिनमें 75 एफआईआर तो दूसरे राज्यों के क्षेत्र में की गई। ऐसे में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान को जनआंदोलन में बदलने वाले हरियाणा की गणतंत्र दिवस समारोह-2017 में प्रस्तुत झांकी आकर्षण का केंद्र साबित हुई। 

Suvash Chandra Choudhary

Editor-in-Chief

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