हंगपन दादा की पत्नी चासेल लवांग ने यह सम्मान स्वीकार किया
नई दिल्ली : शहीद हवलदार हंगपन दादा को गणतंत्र दिवस के अवसर पर मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया गया. यह शांति काल में दिया जाने वाला देश का सर्वोच्च वीरता पुरस्कार है. आंखों में गर्व का भाव लिये हंगपन दादा की पत्नी चासेल लवांग ने यह सम्मान स्वीकार किया.
उल्लेखनीय है कि शहीद हवलदार हंगपन दादा ने जम्मू-कश्मीर में एक एनकाउंटर में चार आतंकवादियों को मार गिराया था हालांकि इसी मुठभेड़ में उन्हें अपनी जान भी गंवानी पड़ी थी.
नॉर्थ कश्मीर के कुपवाड़ा में 27 मई को करीब 12500 फीट पर कुछ आतंकवादी सीमा में घुसपैठ की कोशिश कर रहे थे. 36 साल के दादा ने इन आतंकियों का मुकाबला बड़ी बहादुरी से किया.
अरुणाचल प्रदेश के बोदुरिया गांव के रहने वाले हवलदार हंगपन अपनी टीम में ‘दादा’ के नाम से लोकप्रिय थे. साल 1997 में सेना की असम रेजीमेंट में शामिल किए गए दादा को 35 राष्ट्रीय राइफल्स में तैनात किया गया था.
बीते साल 27 मई को देश के लिए अपनी जान दे देने वाले 36 साल के दादा ने उत्तरी कश्मीर के शमसाबरी रेंज में बहादुरी के साथ संघर्ष करते हुए चार हथियारबंद आतंकवादियों को मार गिराया तह जो पाक के कब्जे वाले कश्मीर से उत्तरी कश्मीर में घुस आये थे.