सीएम मनोहर लाल के निर्देश
चण्डीगढ़ : ‘ग्राम स्वराज’ की परिकल्पना को सही मायने में साकार करने के मद्देनजर हरियाणा सरकार ने पंचायती राज संस्थाओं को चरणबद्घ रूप से विकासात्मक, रख-रखाव एवं अनुरक्षण की विभिन्न गतिविधियां हस्तांतरित करके उन्हें और सशक्त करने का निर्णय लिया है।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज यहां विभिन्न विभागों के प्रशासनिक सचिवों की एक बैठक की अध्यक्षता की तथा उनके विभागों से संबंधित ऐसी गतिविधियों की समीक्षा की जिन्हें पंचायती राज संस्थाओं को हस्तांतरित किया जा सकती हैं। मुख्यमंत्री ने उन्हें ऐसा प्रावधान बनाने के निर्देश दिए जिसके तहत जिला परिषदें जिलों में स्वायत्त निकायों की भांति कार्य कर सकें। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि सभी जिला परिषदों में स्वतंत्र मुख्य कार्यकारी अधिकारी एवं उप मुख्य कार्यकारी अधिकारी नियुक्त किए जाएं क्योंकि सरकारी कर्मचारियों की तुलना में जन प्रतिनिधि लोगों के अधिक निकट होते हैं। उन्होंने कहा कि यह पंचायती राज संस्थाओं को अधिकारों का हस्तांतरण करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
पंचायत समितियों की संरचना की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि हर बड़े गांव में एक स्वतंत्र ग्राम सचिव नियुक्त किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि पंचायती राज संस्थाओं को विकासात्मक कार्यों के लिए सम्पूर्ण की बजाय प्रासंगिक रूप से धनराशि हस्तांतरित की जानी चाहिए। इसके अतिरिक्त, प्रतिशतता निर्धारित की जानी चाहिए जो समय गुजरने के साथ स्वत: ही बढ़ाई जा सकती है।
उन्होंने ऐसे कार्यों और उन पर खर्च होने वाली धनराशि की विस्तृत सूची प्रस्तुत करने को कहा जिन्हें जिला परिषदों एवं खंड समितियों को सौंपा जा सकता है। उन्होंने कहा कि सभी आवश्यक कदम शीघ्रताशीघ्र उठाए जाएं ताकि पहली अप्रैल, 2017 से पूर्व इस दिशा में आवश्यक प्रावधान क्रियान्वित किए जा सकें।
मुख्यमंत्री ने विभिन्न विभागों की मिड-डे-मील, आंगनवाडी, स्कूल, स्वच्छता प्रबंध, पेंशन एवं उप-स्वास्थ्य केन्द्र जैसी विभिन्न गतिविधियों एवं कार्यों की समीक्षा भी की।
बैठक में विकास एवं पंचायत मंत्री ओ.पी.धनखड़, मुख्य सचिव डी.एस.ढेसी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव राजेश खुल्लर और अन्य प्रशासनिक सचिव भी उपस्थित थे।