मनोहर लाल मंत्रिमंडल ने पालम विहार को द्वारका सेक्टर 21 से जोड़ने वाली मेट्रो लाइन की अंतिम डीपीआर को मंजूरी दी

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-केबिनेट ने राज्य के साथ-साथ सकल परियोजना लागत को भी स्वीकृत किया 

-सरकार का हिस्सा 1541 करोड़ रुपये

चंडीगढ़, 19 अक्तूबर:  हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमण्डल की बैठक में रेजांगला चौक, गुरुग्राम से सेक्टर 21, द्वारका के बीच बेहतर संपर्क प्रदान करने के लिए द्वारका मेट्रो रेल कनेक्टिविटी परियोजना की अंतिम विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) को मंजूरी दी गई।

डीपीआर के अनुसार पालम विहार में रेजंगला चौक और द्वारका सेक्टर 21 स्टेशन को जोड़ने वाला स्पर या मेट्रो एक्सटेंशन 8.40 किलोमीटर लंबा होगा, जिसमें से 4 किलोमीटर पालम विहार से गुरुग्राम में सेक्टर 111 और शेष 4.40 किलोमीटर सेक्टर 111 से सेक्टर 21 द्वारका तक होगा। इस पूरे रूट में 7 स्टेशन होंगे।

बैठक में मंत्रिमण्डल ने राज्य सरकार के हिस्से के साथ 1541 करोड़ रुपये की सकल परियोजना लागत को मंजूरी दी। परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु अनुबंध एवं अन्य संबंधित दस्तावेजों पर हस्ताक्षर करने के लिए प्रशासनिक सचिव, नगर एवं ग्राम आयोजना विभाग को नोडल अधिकारी के रूप में मनोनीत करने की भी स्वीकृति प्रदान की गई।

यह मास रैपिड ट्रांसपोर्ट सिस्टम (एमआरटीएस) परियोजना गुरुग्राम शहर के अधिकतम हिस्से को दिल्ली और अन्य आसपास के क्षेत्रों से जोड़ेगी। यह गुरुग्राम मेट्रो कॉरिडोर के पालम विहार स्टेशन के साथ इंटरचेंज, एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो कॉरिडोर के आईईसीसी स्टेशन के साथ इंटरचेंज और डीएमआरसी ब्लू लाइन के सेक्टर 21 द्वारका स्टेशन और एयरपोर्ट एक्सप्रेस मेट्रो कॉरिडोर के साथ इंटरचेंज करेगा। इस एमआरटीएस का सेक्टर 110 में द्वारका एक्सप्रेसवे के साथ इंटरचेंज भी होगा। ये लिंकेज राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में परिवहन प्रणाली की दक्षता को बढ़ाएंगे।

इससे दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की यात्रा करने वाले यात्रियों को भी सुगम परिवहन सुविधा मिलेगी और सेक्टर-21, द्वारका मेट्रो स्टेशन पर चेक-इन सुविधा मिलेगी।

एमआरटीएस की शुरुआत से बसों की संख्या, आईपीटी, निजी वाहनों का उपयोग, वायु प्रदूषण में कमी और सड़क आधारित वाहनों की गति में वृद्धि होगी। इसके परिणामस्वरूप, ईंधन की खपत में कमी, वाहन संचालन लागत और यात्रियों के यात्रा समय में कमी के कारण महत्वपूर्ण सामाजिक लाभ होंगे। जिससे दुर्घटनाओं में कमी, प्रदूषण और सड़क रखरखाव की लागत सामान्य रूप से समाज के लिए अन्य लाभ हैं।

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